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चारधाम: केदार डोली यात्रा में सभी परंपराओं का होगा पालन, पढ़ें पूरा शेड्यूल

केदारनाथ भगवान की चल विग्रह डोली को गाड़ी से ले जाने के निर्णय के बाद भी पौराणिक परम्पराएं यथावत संचालित होंगी। सभी स्थानीय हक हकूकधारी एवं दस्तूरधारियों की सहमति पर डोली वाहन से जाएंगी, किंतु डोली...

चारधाम: केदार डोली यात्रा में सभी परंपराओं का होगा पालन, पढ़ें पूरा शेड्यूल
हिन्दुस्तान टीम,ऊखीमठ। भगवती शैवFri, 24 Apr 2020 01:02 PM
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केदारनाथ भगवान की चल विग्रह डोली को गाड़ी से ले जाने के निर्णय के बाद भी पौराणिक परम्पराएं यथावत संचालित होंगी। सभी स्थानीय हक हकूकधारी एवं दस्तूरधारियों की सहमति पर डोली वाहन से जाएंगी, किंतु डोली यात्रा के दौरान अनेक स्थानों पर उन सभी पौराणिक परम्पराओं का निर्वहन किया जाएगा, जो पूर्व से चली आ रही हैं। इसमें सोशल डिस्टेंसिंग और प्रशासन द्वारा पास लेने वाले ही शामिल होंगे।

परम्परानुसार शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मन्दिर ऊखीमठ से डोली प्रस्थान करने से एक दिन पूर्व यहां पर भैरवनाथ की विशेष पूजा अर्चना की जाएगी। इस पूजा में केदारनाथ के मुख्य पुजारी शिवशंकर लिंग के साथ अन्य पुजारी, वेदपाठी इस पूजा में मौजूद रहेंगे। मुख्य पुजारी द्वारा भगवान का अभिषेक, श्रृंगार एवं भोग लगाने के बाद अष्टादश आरती की जाएगी। भगवान भैरवनाथ को पूरी केदारघाटी का क्षेत्रपाल रक्षक माना जाता है।

वहीं दूसरी ओर केदारनाथ रावल भीमाशंकर लिंग अभी क्वारंटाइन हैं, वह पूजा में उपस्थित होंगे या नहीं, इस पर अभी निर्णय लिया जाना बाकी है। इसके बाद अगले दिन सुबह विधिवत परम्परानुसार पूजा अर्चना की जाएगी। अगले दिन सुबह विधिवत परम्परानुसार गद्दी स्थल पर पूजा अर्चना के बाद गुरु पूजा एवं चन्द्रमा का दान किया जाएगा।

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इसके बाद विधिवत भगवान की भोगमूर्ति को मुख्य पुजारी को सौंप दिया जाएगा। यह भोगमूर्ति केवल पुजारी के पास ही रहती है। दूसरी ओर भगवान की पंचमुखी मूर्ति को डोली पर विराजमान किया जाएगा। ओंकारेश्वर मन्दिर से डोली प्रस्थान करने के बाद सरस्वती कुंड के निकट समाधि स्थल एवं पीपल के पेड़ की पुजारी द्वारा परिक्रमा की जाएगी।

इसके बाद विद्यापीठ में स्थित नीलकंठ रावल की समाधि पर मुख्य पुजारी द्वारा पूजा अर्चना की जाएगी। परम्परानुसार विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी में भी पूजा अर्चना की जाएगी। गुप्तकाशी से पंचमुखी डोली अपने पहले रात्रि पड़ाव गौरीकुंड स्थित गौरीमाई के मंदिर में पहुंचेगी। यहां पर भी विधिवत पूजा अर्चना की जाएगी। बाबा केदार की डोली यात्रा के साथ संपंन होने वाली सभी धार्मिक और पौराणिक परम्पराओं का पूरा निर्वहन किया जाएगा। 

बोले लक्ष्मी प्रसाद भट्ट : हकहकूकधारी पंचगाई प्रतिनिधि लक्ष्मी प्रसाद भट्ट का कहना है कि परिस्थितियों को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है, लेकिन डोली के प्रस्थान करते समय पूजा अर्चना सम्बन्धी सभी पौराणिक परम्पराओं का निर्वहन किया जाएगा।

 

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