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श्रीनगर बेस अस्पताल में हर रोज पांच से अधिक दिमागी बुखार के मरीज पहुंच रहे

गढ़वाल क्षेत्र के विभिन्न जिलों में दिमागी बुखार से महिलाएं और पुरुष पीड़ित हैं। मवेशियों को चराने और चारा पत्ति का काम करने वाले लोग इससे ज्यादा पीड़ित हैं। बरसात के दौरान जंगलों में झाड़ियों और घास में...

श्रीनगर बेस अस्पताल में हर रोज पांच से अधिक दिमागी बुखार के मरीज पहुंच रहे
लाइव हिन्दुस्तान,श्रीनगर | मनमोहन सिंधवालWed, 19 Sep 2018 01:01 PM
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गढ़वाल क्षेत्र के विभिन्न जिलों में दिमागी बुखार से महिलाएं और पुरुष पीड़ित हैं। मवेशियों को चराने और चारा पत्ति का काम करने वाले लोग इससे ज्यादा पीड़ित हैं। बरसात के दौरान जंगलों में झाड़ियों और घास में पैदा होने वाले जीव माइट के काटने से यह रोग हो जाता है। इसे स्क्रब टाइफस भी कहते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि दो-तीन दिन तक लगातार बुखार न रुके तो जल्द चिकित्सक से चैकअप कराना चाहिए। बरसात के सीजन के दौरान  दिमागी बुखार रोग से ग्रामीण क्षेत्र के लोग पीड़ित हो जाते हैं। जिसमें खासकर ऐसे महिला पुरुष बीमार होते हैं, जो मवेशियों के साथ ही जंगलों में घास लेने संबंधी अन्य कार्य करते हैं। बेस अस्पताल श्रीनगर में अनेक जगहों से इस तरह के मरीज पहुंच रहे हैं। जिनका ब्लड सैंपल लिया जा रहा है। एक दिन 5 से 8 के लगभग लोगों का प्रतिदिन ब्लड सैंपल लिया जा रहा है। जबकि 8-10 मरीज अस्पताल में भर्ती भी है। वहीं संयुक्त अस्पताल श्रीनगर में भी रोज पांच-छह से अधिक मरीज पहुंच रहे हैं। छह मरीज अस्पताल में भर्ती हैं।
कोटद्वार में वायरल की चपेट में लोग
कोटद्वार। बदलते मौसम में कोटद्वार के बेस हॉस्पिटल में वायरल के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। रोजाना लगभग 300 बुखार के मरीज उपचार के लिए हॉस्पिटल पहुंच रहे हैं।अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. जगदीश चंद्र ध्यानी ने बताया कि वायरल के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं। बताया की वायरल के मरेज को ठीक होने में लगभग 1 सप्ताह लगता है और इसमें घबराने वाली कोई बात नहीं है। 
दीमागी बुखार के लक्षण
ऐसे रोग में सरदर्द, बुखार आना, सूजन आना, उल्टी आना जैसे लक्षण रहते हैं। अगर बुखार लगातार आ रहा है तो इसे गंभीरता से लेना चाहिए। ऐसे लक्षण नजर आने पर तुरंत उपचार कराना चाहिए। बेस अस्पताल में इन दिनों ऐसे लक्षणों वाले कई मरीज पहुंच रहे हैं।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
बेस अस्पताल के मेडिसन विभाग के एचओडी प्रो. केएस बुटोला और संयुक्त अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. अजय गोयल का कहना है कि हर बार स्क्रब टाइफस रोग के मरीज बरसात में पहुंचते हैं। जिनको भर्ती करने के बाद आवश्यक ट्रीटमेंट किया जाता है। उन्होंने कहा कि यदि किसी को लगातार सरदर्द एवं बुखार दो-तीन दिन में ठीक नहीं हो रहा है तो जल्द चिकित्सक के पास आकर चैकअप कराना चाहिए। डॉ. गोयल ने बताया कि एक माह दवाई खाने के बाद उक्त रोग से निदान पाया जाता है।
पौड़ी अस्पताल में पहुंच रहे दिमागी बुखार के मरीज
पौड़ी। पौड़ी में भी इन दिनों दिमागी बुखार के मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। जिला अस्पताल के डाक्टरों का कहना है कि पिछले कई दिनों से दिमागी बुखार के मरीज आने शुरू हुए हैं। आवश्यक जांच के बाद ऐसे मरीजों को या तो दवा दी जा रही है या फिर भर्ती भी करना पड़ रहा है। जिला अस्पताल में तैनात सीनियर ईएनटी सर्जन डा. आरबी सिंह ने बताया है कि ओपीडी में हर दिन ऐसे लक्षण वाले 20 से 25 मरीज आ रहे हैं। पिछले दिनों की अपेक्षा दिमागी बुखार के मरीजों की संख्या में इन दिनों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। डा. सिंह के मुताबिक अस्पताल में ऐसे मरीजों के लिए पर्याप्त दवा और उपचार है।

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