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देहरादून : पुलिस जांच के बहाने ऐसे करते थे लूट ! पढ़िए पूरा सच

पुलिवाला बताकर दो बाइकों पर सवार चार बदमाश घंटाघर के पास बुजुर्ग और हरिद्वार बाईपास रोड पर अस्पताल जा रहे व्यक्ति को लूट ले गए। 26 जनवरी की सुरक्षा के बीच दोनों वारदातों की सूचना अफसरों तक पहुंची तो...

देहरादून : पुलिस जांच के बहाने ऐसे करते थे लूट ! पढ़िए पूरा सच
लाइव हिन्दुस्तान, देहरादून। अंकित चौधरी Fri, 25 Jan 2019 04:58 PM
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पुलिवाला बताकर दो बाइकों पर सवार चार बदमाश घंटाघर के पास बुजुर्ग और हरिद्वार बाईपास रोड पर अस्पताल जा रहे व्यक्ति को लूट ले गए। 26 जनवरी की सुरक्षा के बीच दोनों वारदातों की सूचना अफसरों तक पहुंची तो हड़कंप मच गया। दोनों मामलों में पीड़ितों से पूछताछ के साथ ही आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगालकर पुलिस बदमाशों की तलाश कर रही है। पहली वारदात घंटाघर से करीब 250 मीटर दूर चकराता रोड पर मजार वाली गली के बाहर हुई। गली में रहने वाले बुजुर्ग विरेंद्र शर्मा निजी काम से बाहर आए थे। गली के मोड़ पर ही दो बाइक पर सवार चार लोगों में से पीछे बैठे दो युवकों ने उन्हें रोका और खुद को पुलिस बताया। डांटते हुए कहा कि 26 जनवरी को शहर में संदिग्धों के घुसे होने की आशंका है। यह कहकर बुजुर्ग की तलाशी शुरू कर दी। दोपहर 12:30 बजे बदमाशों ने बुजुर्ग के हाथ में पहनी सोने की दो अंगूठी उतरवा ली और रूमाल में बांध लीं। इसके बाद रूमाल बुजर्ग को देकर घर भेज दिया। घर के पास जाकर बुजुर्ग ने रूमाल खोला तो वह खाली था। घबराए बुजुर्ग ने पहले परिजनों और फिर पुलिस को सूचना दी। 

उधर, पुरानी बाईपास चौकी तिहारे के पास भी बदमाशों ने खुद को पुलिसवाला बताकर पाली, रुद्रप्रयाग निवासी शीशपाल सिंह को रोका। शीशपाल पर 26 जनवरी की चेकिंग का रौब दिखाया और सड़क किनारे ही उनकी तलाशी शुरू कर दी। बदमाशों ने शीशपाल के गले में पहनी सोने की चेन और जेबों में रखा सामान बाहर निकलवाया। बदमाशों को पुलिस समझकर शीशपाल घबरा गए। बदमाशों ने शीशपाल का कब्जे में लिया सामान अपने हाथ से उसके बैग में रखा और उसकी सोने की चेन गायब कर दी। शीशपाल को डांटकर आगे बढ़ा दिया। वहीं खुद बाइक से भाग निकले। दूसरी वारदात करीब डेढ़ बजे हुई। दोनों घटनाओं की सूचना मिलते ही पुलिस अफसरों में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में शहर के बार्डर पर बैरिकेडिंग लगाकर चेकिंग की गई। लेकिन, बाइक सवार लुटेरों का कुछ पता नहीं लगा। दोनों घटनाओं के बाद संबंधित थानों की पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर बदमाशों की तलाश शुरू कर दी है। 

सड़क पर चलती भीड़ के बीच वारदात
बेखौफ बदमाशों ने सरेराह दोनों वारदातों को सड़क से गुजरती भीड़ के बीच अंजाम दिया। हालांकि कोई भी उन्हें पुलिस वाले के बजाय बदमाश नहीं समझ पाया। वहीं बदमाशों के हौसले भी इतने बुलंद थे कि घंटाघर के पास पुलिस की सुस्ती भांपकर वह हरिद्वार बाईपास भी वारदात को अंजाम दे गए। 

ईरानी गैंग और पुलिस के नाम का खौफ
ईरानी गैंग का खौफ दून में बढ़ता जा रहा है। गुरुवार को हुई दोनों वारदातों में इस गैंग पर पुलिस का शक है। यह गैंग तीन महीने में दून में तीन बड़ी वारदातों को अंजाम दे चुका है। घंटाघर पर सर्राफ पिता-पुत्र से लाखों की लूट में पुलिस एक ही अरोपी को गिरफ्तार कर पाई है। इधर, चार और बदमाशों ने गुरुवार को दो वारदात कर दीं। तीन दिन पहले नेहरू कॉलोनी थानों में भाई-बहन से कार में चेकिंग का डर दिखाकर डेढ़ लाख की ठगी में पुलिस अभी खाली हाथ है। घंटाघर पर सर्राफा कारोबारी के बाद गुरुवार को दो लोगों को खुद को पुलिसवाला बताकर लूटने में नौ राज्यों का वांटेड ईरानी गैंग ही सामने आया है। दोनों वारदातों के बाद पुलिस ने दर्जनों सीसीटीवी फुटेज खंगाले हैं। पुलिस को बदमाशों का जो हुलिया बताया है उससे पुलिस का शक ईरानी गैंग पर है। देश के कई राज्यों में वांटेड इस गैंग पर सिर्फ मुंबई में 45 से ज्यादा केस दर्ज हैं। 
15 दिन में मिला था एक बदमाश: दून पुलिस ने घंटाघर पर 13 नवंबर को मेरठ के सर्राफ मितुस रस्तोगी से लूट के बाद ईरानी गैंग के राडार पर आने के बाद 15 दिन महराष्ट्र और कर्नाटक में ईरान अपराधियों की बस्ती के आसपास काटे थे। हालांकि इस दौरान पुलिस एक ही आरोपी को गिरफ्तार कर पाई थी। वह  भी घंटाघर कारोबारी को लूटने के  बजाए अपराध के लिए उनका वाहन चलाकर यहां तक पहुंचा था। ऐसो में साफ है कि इस बार इस गैंग के बदमाशों को पकड़ना पुलिस के किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं होगा। 

गिनती के सदस्य हुए गिरफ्तार 
कुछ ही राज्यों की पुलिस गैंग के गिनती के सदस्यों को अलग-अलग राज्यों में गिरफ्तार कर पाई है। मुंबई के रेड लाइट एरिया अंबिवली की ईरानी बस्ती और कर्नाटक के महाराष्ट्र बार्डर के पास के कुछ इलाकों में गैंग से जुड़े सदस्य रहते हैं। पुलिस के मुताबिक गैंग को ईरानी इस लिए कहते हैं क्योंकि गैंग के लुटेरों के पूर्वज ईरान से भारत आए थे। हालांकि इस समुदाय में कई लोग सफल व्यापारी भी हैं। हालांकि मुंबई के अंबिवली में लगभग 200 लोगों का आपराधिक समूह रहता है। 


दोनों वारदातों को दर्ज कर जांच की जा रही है। किस गैंग ने यह वारदात की यह अब भी तय नहीं हो पाया है। पुलिस सीसीटीवी फुटेज जुटाकर जांच कर रही है।        निवेदिता कुकरेती, एसएसपी
 

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