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अतिक्रमण हटाने में पक्षपात का आरोप, हंगामा

मसूरी में शुक्रवार को नगर पालिका और लोक निर्माण विभाग की संयुक्त टीम ने किंक्रेग से बड़े मोड़ तक अतिक्रमण हटाया। इस दौरान पक्षपात का आरोप लगाते हुए लोगों ने टीम का विरोध किया। अधिकारियों की व्यापारियों...

अतिक्रमण हटाने में पक्षपात का आरोप, हंगामा
लाइव हिन्दुस्तान टीम, मसूरी Sat, 11 May 2019 12:05 PM
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मसूरी में शुक्रवार को नगर पालिका और लोक निर्माण विभाग की संयुक्त टीम ने किंक्रेग से बड़े मोड़ तक अतिक्रमण हटाया। इस दौरान पक्षपात का आरोप लगाते हुए लोगों ने टीम का विरोध किया। अधिकारियों की व्यापारियों से तीखी नोकझोंक हुई।  एसडीएम गोपाल राम विनवाल के नेतृत्व में नगर पालिका और लोक निर्माण विभाग की संयुक्त टीम ने देहरादून रोड पर सड़क किनारे बने खोखे हटाए। जगह-जगह लगे बजरी और पत्थर के ढेर भी हटाए गए। किंक्रेग के पास एक खोखे को तोड़ने के दौरान हंगामा हो गया।  प्रशासन पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। एसडीएम से सबके खिलाफ एक जैसी कार्रवाई करने की मांग उठाई। 

एसडीएम गोपाल राम विनवाल ने बताया कि शुक्रवार को किंक्रेग से लेकर बड़े मोड तक अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई। सभी के खिलाफ एक जैसी कार्रवाई की जा रही है। यदि किसी को भी पक्षपात लगता है तो वे अपनी लिखित शिकायत दर्ज कराए। इस मौके पर ईओ एमएल शाह, लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता पंकज अग्रवाल, रमेश बिष्ट, संसार सिंह आदि मौजूद रहे। उधर, व्यापार संघ के अध्यक्ष रजत अग्रवाल ने एसडीएम से मालरोड से अतिक्रमण हटाने के लिए कुछ समय मांगा। 

 

माल रोड पर टूटेंगे अवैध कब्जे, नोटिस जारी
माल रोड पर अब पक्के अवैध निर्माण भी टूटेंगे। एसडीएम गोपाल राम विनवाल ने कहा कि माल रोड से पक्के अतिक्रमण को हटाने के लिए व्यापारियों को तीन दिन का समय देते हुए नोटिस जारी किए गए हैं। तीन दिन बाद प्रशासन खुद ही अतिक्रमण हटाएगा। 

 

सीलिंग की कार्रवाई में नरमी बरतने की मांग 
मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण की ओर से मसूरी में अवैध निर्माण के खिलाफ की जा रही सीलिंग की कार्रवाई में शिथिलता बरतने के लिए नगर पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता ने एमडीडीए के उपाध्यक्ष आशीष श्रीवास्तव को पत्र लिखा है। पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता ने मांग की है कि मसूरी क्षेत्र के लिए मास्टर प्लान आज तक अस्तित्व में नहीं आ पाया,जिस कारण सीलिंग की कार्रवाई से अपेक्षाकृत अधिकांश भवनों और संपत्ति पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। साथ ही वन विभाग से अनापत्ति प्रमाणपत्र प्राप्त करने में लगने वाले समय के कारण भी स्थिति और गंभीर बन चुकी है। कहा कि जनहित मे नियमों में शिथिलता बरती जाए। 
 

 
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