झटका : कम्पाउंडिंग में सर्किल रेट की रियायत नहीं मिलेगी
सरकार ने अवैध निर्माण को वैध करने के लिए वनटाइम सेटलमेंट स्कीम की घोषणा कर दी है, लेकिन इसमें लोगों को मौजूदा सर्किल रेट पर ही नक्शा पास कराना होगा। यानि कई साल पुराने बने भवनों को भी नए सर्किल रेट...
सरकार ने अवैध निर्माण को वैध करने के लिए वनटाइम सेटलमेंट स्कीम की घोषणा कर दी है, लेकिन इसमें लोगों को मौजूदा सर्किल रेट पर ही नक्शा पास कराना होगा। यानि कई साल पुराने बने भवनों को भी नए सर्किल रेट के आधार पर सभी देय चुकाने होंगे। इसमें निर्माण की लागत का एक प्रतिशत लेबर सेस भी शामिल है। आवास विभाग की वन टाइम सेटलमेंट स्कीम पर कैबिनेट सोमवार को मुहर लगा चुकी है। इसमें लोगों को बिना नक्शा पास कराए हुए निर्माण को वैध कराने का मौका दिया गया है। विभाग ने इसके बाद अप्रैल से अवैध निर्माण पर सख्ती दिखाने का भी इरादा जाहिर किया है। खास बात यह है कि इस बार वन टाइम सेटलमेंट स्कीम में लोगों को नक्शा पास कराने के लिए आज के सर्किल रेट ही चुकाने होंगे। जबकि साल 2014 में घोषित वनटाइम सेटलमेंट स्कीम में लोगों को निर्माण के साल का सर्किल रेट चुकाने का मौका दिया था। इसके लिए लोगों से बिजली-पानी का बिल प्रस्तुत करने को कहा था। खास बात यह है कि 2016 से नक्शे के साथ निर्माण की लागत का एक प्रतिशत लेबर सेस भी चुकाना होता है। इसलिए लोगों को अब इस बार भी लेबर सेस चुकाना होगा। ऐसे में बड़े निर्माणकर्ताओं को इसके एवज में अच्छी खासी फीस चुकानी पड़ सकती है। सूत्रों के अनुसार विभाग वन टाइम सेटलमेंट स्कीम से करीब 500 करोड़ रुपये की आय की उम्मीद पाल रहा है। इस रकम से विकास प्राधिकरणों के सामने खड़ा नकदी संकट काफी हद तक दूर होने की उम्मीद है। हालांकि प्राधिकरणों को उक्त में से 75 प्रतिशत राशि पार्किंग और ग्रीन स्पेस के विकास पर खर्च करनी होगी।