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नमामि गंगे: हरिद्वार में सजी भजन संध्या

नमामि गंगे के चंडीघाट में आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान’ और राज्य परियोजना प्रबंधक ग्रुप नमामि गंगे की ओर से आयोजित गंगा भजन संध्या में सुप्रसिद्ध गायिका अनुराधा पौडवाल की गायकी ने जहां...

नमामि गंगे: हरिद्वार में सजी भजन संध्या
लाइव हिन्दुस्तान टीम, हरिद्वार Thu, 13 Jun 2019 06:31 PM
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नमामि गंगे के चंडीघाट में आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान’ और राज्य परियोजना प्रबंधक ग्रुप नमामि गंगे की ओर से आयोजित गंगा भजन संध्या में सुप्रसिद्ध गायिका अनुराधा पौडवाल की गायकी ने जहां भक्तिमय माहौल पैदा कर दिया। वहीं, उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री और सरकारी प्रवक्ता मदन कौशिक,  राज्य परियोजना प्रबंधन ग्रुप नमामि गंगे उत्तराखंड के कार्यक्रम निदेशक उदय राज सिंह, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के कार्यकारी निदेशक (वित्त) रोजी अग्रवाल ने गंगा निर्मलता व स्वच्छता के संदेश लेकर चार रथों को चारधाम मार्गों पर रवाना किया। पंडाल में मुख्य अतिथि मदन कौशिक ने गंगा की निर्मलता और स्वच्छता की शपथ दिलाते हुए गंगा प्रेमियों को सम्मानित भी किया। कार्यक्रम की शुरुआत में राज्य के दिवंगत कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत को सभी ने भावभीनी श्रद्धांजलि दी। अनुराधा पौडवाल ने जब भजन गंगा मैया में जब तक पानी रहे की शुरुआत की तो लोगों की तालियों से पंडाल गूंज उठा।  


गा मैया में जब तक यह पानी रहे... भजन जैसे ही अनुराधा पौडवाल ने में गाया तो पूरा पंडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। नमामि गंगे योजना में बने चंडीघाट में बुधवार देररात तक अनुराधा की भजनांजलि कार्यक्रम में श्रोता अध्यात्म की गंगा में गोते लगाते रहे।  आपके प्रिय अखबार हिन्दुस्तान और राज्य परियोजना प्रबंधक ग्रुप नमामि गंगे की ओर से बुधवार को चंडी घाट में गंगा भजन संध्या का आयोजन किया गया। गंगा भजन संध्या का शुभारंभ पर मुख्य अतिथि शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक, राज्य परियोजना प्रबंधन ग्रुप नमामि गंगे उत्तराखंड के कार्यक्रम निदेशक उदय राज सिंह, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के कार्यकारी निदेशक  (वित्त) रोजी अग्रवाल ने दीप जलाकर कर किया। आयोजकों की ओर से स्मृति चिह्न देकर मशहूर गायिका अनुराधा पौडवाल का स्वागत किया गया। श्रोताओं ने जोरदार तालियों से अनुराधा पौडवाल का स्वागत किया।  अनुराधा पौंडवाल ने कार्यक्रम की शुरुआत ओम भूर्भुव: स्व: मंत्र के गायन से की। इसके बाद प्रसिद्ध गायिका ने जैसे ही मन मेरा मंदिर, शिव मेरी पूजा...भजन गाया तो श्रोता सुधबुध खो बैठे। पार करो मेरा बेडा भवानी.. भजन ने धर्मनगरी वासियों को ऐसा मंत्रमुग्ध कर दिया कि वह गंगा किनारे बने पंडाल में झूम उठे। अनुराधा ने..तूने मुझे बुलाया शेरावालिएं,  यशोमती मैया से बोले नंदलाला, सुन बांके बिहारी विनती हमारी, ओम  गणपतए नमो नम: भजन आदि भजन गाकर माहौल को पूरा भक्तिमय बना दिया। 

कार्यक्रम में समां बंधा तो अनुराधा पौडवाल भी एक से बढ़कर एक प्रस्तुति देने लगीं। बीच-बीच में उन्होंने श्रोताओं से मां गंगा के जयकारे भी लगवाए। देर रात तक यहां सभी कुर्सियां श्रोताओं से भरी रही। सभी अनुराधा पौडवाल के कार्यक्रम में खोए नजर आए। अंत में गंगा जी की आरती ..ओम जय गंगे माता गाकर उन्होंने कार्यक्रम का समापन किया। भजन संध्या में विधायकों में  स्वामी यतीश्वरानंद, आदेश चौहान, देशराज कर्णवाल, प्रदीप बत्रा, नगर पालिका अध्यक्ष राजीव शर्मा, राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष संतोष चौहान, ईमैक संस्था के अध्यक्ष आशीष झा, भाजपा महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष रीता चमोली, अन्नू कक्कड़, विकास तिवारी, नरेश शर्मा, संजना शर्मा  समेत हिन्दुस्तान और नमामि गंगे  के अधिकारीगण शामिल थे। 
 
स्वच्छता अभियान के लिए मिला सम्मान
भजन संध्या समारोह में नमामि गंगे की ओर से मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक और नमामि गंगे के  द्वारा स्पर्श गंगा अभियान की टीम को सफाई किट देकर सम्मानित किया गया। टीम में रीता चमोली, आशीष झा, रेणू शर्मा आदि शामिल रहे। उधर, गंगा से सटी पंचायतों में स्वच्छता अभियान चलाने वाले पंचायत प्रधानों को भी मुख्य अतिथि मदन कौशिक, राज्य परियोजना प्रबंधन ग्रुप नमामि गंगे उत्तराखंड के कार्यक्रम निदेशक उदय राज सिंह द्वारा सम्मानित किया गया। सम्मानित होने वालों में मोहम्मद बेगपुर की प्रधान उमा देवी, कलसिया की सीमा देवी, अजीतपुर के मायाराम, भोगपुर के मोतीराम, बेदीटीप की लमराना, रामपुर रायघाटी के सुख लाल, रघुनाथपुर उर्फ बालीवाला के रविपाल, फतवा के अनिल कुमार सैनी, बादशाहपुर के जखीर, नूरपुर पंजनहेड़ी के रविंद्र, बिशनपुर कुंडी की कविता, करतारपुर अलीपुर के नूतन कुमार, कांगड़ी के राजेश, सज्जनपुर पीली की मेनका रानी, श्यामपुर शकुंतला देवी शामिल हैं। 

चंडीघाट पर पहली भजन संध्या
नमामि गंगे के तहत चडीघाट निर्माण के बाद बुधवार को पहली बार भजन संध्या का आयोजन हुआ। भजन गायिका अनुराधा ने कहा कि गंगा के तट पर भजन गाना उनके लिए एक यादगार लम्हा बन गया है। इसे वह कभी नहीं भुलेंगी। मां गंगा ने उन्हे हमेशा आर्शीवाद दिया है जिसके कारण वह आज उनका गुणगान कर रही है।   

गंगा की स्वच्छता के लिए आगे आए
सुप्रसिद्ध भजन गायिका अनुराधा पौडवाल ने भजन गाने के दौरान ही लोगों से अपील की। कहा कि गंगा की स्वच्छता के लिए जितने प्रधानमंत्री गंभीर है उतनी ही गंभीर सोच आप सभी को अपने मन में पैदा करनी होगी। गंगा की निर्मलता व स्वच्छता सरकार के साथ साथ आम जनमानस की भी जिम्मेवारी है कि गंगा की स्वच्छता के लिए सभी लोग आगे आए। अनुराधा ने कहा कि गंगा आरती के साथ ही मौके पर राष्ट्रीय ध्वज भी होना चाहिए। गंगा आरती के बाद धव्ज को सलामी देर सभी को गंगा की स्वच्छता की शपथ लेनी चाहिए। तभी गंगा को राष्ट्रीय नदी घोषित करने की बात सच होगी। गंगा राष्ट्रीय धरोहर है। हम सभी को इसकी रक्षा के लिए आगे आना होगा।  

पौडवाल को कैमरों में कैद 
भजन संध्या के शुरुआत से लेकर अंत तक लोगों ने सुप्रसिद्ध कलाकार अनुराधा पौडवाल को अपने कैमरों में कैद किया। वहीं एनएमसीजी ने भी सोशल मीडिया पर कार्यक्रम लाइव किया।

नमामि गंगे की पीठ थपथपाई 
शहरी विकास मंत्री ने नमामि गंगे के काम को देखते हुए उनके अधिकारियों को अच्छे कार्यों के लिए बधाई दी। और उनकी पीठ थपथपाई।

मुख्यमंत्री का वीडियो संदेश 
चार धाम यात्रा के लिए जो चार गंगा रथ बुधवार को भजन संध्या से अपने अपने मार्गों पर निकले। उनमे यात्रियों को जागरूक करने के लिए उत्तराखंड के मुख्यमत्री की आडियों वीडियों संदेश भी है। मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में गंगा की निर्मलता और स्वच्छता को लेकर लोगों को जागरूक किया है। इन दिनों चार धाम यात्रा अपनी चरम सीमा पर है। लाखों श्रद्धालु यात्रा  प्रवास पर है। राज्य परियोजना प्रबंधन ग्रुप नमामि गंगे उत्तराखंड के कार्यक्रम निदेशक उदय राज सिंह का कहना है कि ऐसे में यह गंगा रथ लोगों को जागरूक करने का काम करेगा।   

हजारों लोगों ने गंगा और स्वच्छता की शपथ ली
हरिद्वार। शहरी विकास मंत्री और सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक ने कार्यक्रम में पहुंचे लोगों को गंगा रक्षा और स्वच्छता की शपथ दिलाई। हजारों लोगों को स्वच्छता के लिए जागरूक किया गया। लोगों ने हाथ उठाकर गंगा और स्वच्छता की शपथ ली। आपके प्रिय अखबार हिन्दुस्तान और राज्य परियोजना प्रबंधन ग्रुप नमामि गंगे की ओर से बुधवार को चंडी घाट में आयोजित भजन संध्या के बाद लोगों ने गंगा रक्षा और स्वच्छता की शपथ ली। शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने स्वच्छ रखने के लिए लोगों को प्रेरित करने की भी शपथ दिलाई। साथ ही पूजन सामग्री और केमिकल से बनी हुई मूर्तियां गंगा में प्रवाहित न करने की अपील की। लोगों ने भी हाथ उठाकर शपथ ली और संकल्प किया कि गंगा में किसी भी तरह की गंदगी को नहीं डालेंगे। साथ ही अन्य लोगों को भी जागरूक करेंगे। 


यह दिलाई शपथ 
अपने क्षेत्र के गंगा तटीय स्थान को साफ सथुरा रखूंगा। यहां रहने वाले लोगों को भी स्वच्छ रखने के लिए प्रेरित करूंगा। गंगा में कूड़ा कचरा व पॉलीथिन नहीं डालूंगा। हमेशा कपड़े के थैले का प्रयोग करूंगा। घर के गंदे पानी के निपटान के लिए सोख्ता गड्ढा बनावऊंगा। बची हुई पूजा सामग्री को पौधों के लिए खाद के रूप में प्रयोग लाऊंगा। गंगा में बची हुई पूजन सामग्री व केमिकल से बनी हुई मूर्तियां गंगा में प्रवाहित नहीं करूंगा। खुले में शौच के स्थान पर शौचालय का प्रयोग करूंगा।


दिवंगत मंत्री प्रकाश पंत को दी श्रद्धांजलि
हरिद्वार। भजन संध्या के समापन से पूर्व दिवंगत मंत्री प्रकाश पंत को श्रद्धांजलि दी। वक्ताओं ने श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि दिवंगत पंत हमेशा सबकी मदद करते है। उन्होंने दिवंगत पंत को सरल स्वभाव वाला नेता बताया। शहरी विकास मंत्री मदन कौशक ने कहा कि पंत हमेशा सबको साथ लेकर चले। उनकी हर संभव कोशिश रहती थी कि जो भी उनके पास आए उसकी सहायता जरूर की जाए। उन्होंने कभी किसी को निराश नहीं किया। उनकी कार्यशैली की हमेशा सराहना होती रही है।  राज्य परियोजना प्रबंधन ग्रुप नमामि गंगे उत्तराखंड के कार्यक्रम निदेशक उदय राज सिंह और राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के कार्यकारी निदेशक(वित्त) रोजी अग्रवाल ने कहा कि दिवंगत पंत जैसा नेता जीवन में कम ही मिल पाते हैं । वह हमेशा कार्यकर्ता से मन की बात करते थे और उनके द्वारा सुझाए गए हर काम को प्राथमिकता से हल कराते थे। कहा कि पंत ने हर दिल में अपनी जगह बनाई हुई थी। श्रद्धांजलि देने वालों में विधायक स्वामी यतीश्वरानंद, आदेश चौहान, प्रदीप बत्रा, शिवालिक नगर पालिका अध्यक्ष राजीव शर्मा, नरेश शर्मा, विकास तिवारी, विनीत जौली, प्रशांत सैनी, अन्नू कक्कड़ समेत अन्य लोगों  शामिल रहे।

गंगा की स्वच्छता पर सरकार गंभीर: कौशिक
शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने नमामि गंगे तट पर भजन संध्या का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार गंगा की निर्मलता को लेकर बेहद गंभीर हैं। कहा-नमामि गंगे अभियान के तहत धर्मनगरी में गंगा की स्वच्छता और भव्यता को लेकर किए गए प्रयासों के सकारात्मक परिणाम आज सबके सामने हैं।
शहरी विकास मंत्री कौशिक ने गंगा भजन संध्या की शुरुआत स्पर्श गंगा और ईमेक संस्था के सदस्यों को सफाई किट बांटकर की। इसके बाद कार्यक्रम में मौजूद लोगों को गंगा स्वच्छता और निर्मलता की शपथ दिलाई। उन्होंने कहा कि गंगा देशभर के हजारों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र  सरकार ने भव्य निर्मल स्वरूप को पुर्नस्थापित करने के लिए नमामि गंगे अभियान की आधारशिला रखी।  कैबिनेट मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के अधिकांश सीवर वाले नाले टेप कर दिए गए हैं। सीवरेज ट्रीटमेंट सिस्टम की क्षमता बढ़ाने के बनाए गए नए ट्रीटमेंट प्लांट का काम भी लगभग पूरा हो चुका है। कुछ प्लांट को शुरू भी कर दिया गया है। विभिन्न स्नान पर्वों पर यात्रियों की सुविधा को देखते नमामि गंगे तहत दस हजार की स्नान क्षमता वाले नमामि गंगे घाट का निर्माण कराया गया। इस घाट के निर्माण को लेकर सरकार कितनी गंभीर थी, इसका अंदाजा घाट की भव्यता को देखकर लगाया जा सकता है।  कहा कि गंगा को निर्मल बनाने के लिए घाटों को स्वच्छ रखना जरूरी था। इसलिए सरकार ने घाटों की सफाई के अलग से बजट जारी किया। उन्होंने कहा कि आज अत्याधुनिक मशीनों से घाटों नियमित सफाई हो रही है। इससे घाटों से गंगा में गिरने वाली गंदगी पर काफी हद रोक लगी है। उन्होंने कहा कि गंगा को पूरी तरह स्वच्छ रखने के लिए जागरूकता भी बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा आम लोगों को भी गंगा के प्रति अपनी जिम्मेदारी को सुनिश्चित करना होगा। क्योंकि हमारा अस्तित्व भी गंगा की अविरलता और निर्मलता पर निर्भर है। उन्होंने सामूहिक प्रयासों से गंगा को स्वच्छ बनाये रखने की अपील की।
 
स्वच्छता के प्रति जागरूकता को गंगा रथ चारधाम रवाना
गंगा की निर्मलता और स्वच्छता के प्रति जागरूकता के लिए हरिद्वार से चार गंगा रथ चार धाम के लिए रवाना कर दिए गए हैं। सरकार के प्रवक्ता और शहरी विकास मंत्री ने चारों रथ को हरि झंडी दिखाकर रवाना किया है। चारों रथ एक एक धाम को रवाना होंगे और श्रद्धालुओं के अलावा स्थानीय लोगों को गंगा स्वच्छता के प्रति जागरूक करेंगे। राज्य परियोजना प्रबंधक ग्रुप नमामि गंगे गंगा की स्वच्छता के लिए पिछले कई सालों से महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। जनसहभागिता को लेकर तरह तरह के कार्यक्रम चलाए जा रहे है। नमामि गंगे स्थानीय लोगों के अलावा श्रद्धालुओं को भी नमामि गंगे अभियान से जोड़ने का प्रयास कर रही है। जिससे यात्री गंगा की स्वच्छता का ध्यान रखे।  इसमें राज्य सरकार भी नमामि गंगे के साथ खड़ी है। बुधवार को नमामि गंगे ने चार गंगा रथ चार धाम पहाड़ों में रवाना किए हैं। इन दिनों चारधाम यात्रा पीक पर चल रही है। देश के विभिन्न हिस्सों से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। चारधाम को रवाना हुए रथ गंगा के प्रति स्वच्छता और निर्मलता को लेकर जागरूक करेंगे। चारों रथ अलग अलग धाम बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री रवाना होंगे। यह रथ पूरे चार धाम यात्रा तक चलते रहेंगे। जगह-जगह रुककर भी यह रथ लोगों को जागरूक करेंगे। सात सौ मीटर लंबा घाट बनाकर चंडीघाट की गाथा बदली : गंगा किनारे जहां पहले श्मशान घाट था। आज वहां लगभग 70 करोड़ की लागत से बना सात सौ मीटर लंबा चंडीघाट विकास की नई गाथा लिखता नजर आता है। इसका श्रेय  जाता है नमामि गंगे के उन अधिकारियों और कर्मचारियों  को, जिन्होंने चंडीघाट के सौंदर्यीकरण को लेकर योजना तैयार की थी।  


गंगा हमारी संस्कृति की प्रतीक: उदय राज सिंह
नमामि गंगे राज्य परियोजना प्रबंधन ग्रुप उत्तराखंड के कार्यक्रम निदेशक उदय राज सिंह का कहना है कि गंगा नदी की निर्मलता प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है। हमारी सभ्यता, हमारी संस्कृति और विरासत के प्रतीक हमारी राष्ट्रीय नदी गंगा को सुरक्षित करने के लिए हम सभी को आगे आना होगा। गंगा दशहरा के अवसर पर नमामि गंगे घाट में आपके प्रिय अखबार हिन्दुस्तान, राज्य परियोजना प्रबंधन ग्रुप नमामि गंगे उत्तराखंड द्वारा आयोजित भजन संध्या से पूर्व समारोह में अतिथियों का स्वागत करते हुए उदय राज सिंह ने कहा कि गंगा हिमालय के ग्लेशियर से निकलती है। सबसे पहले हरिद्वार में यह मैदानी भाग से टकराती है। लगभग 118 से 120 प्रमुख शहर गंगा के किनारे बसे हुए हैं।  गंगा में जाने वाली गंदगी को रोकने के लिए नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत जो काम किए जा चुके हैं, उनके सकारात्मक परिणाम दिखाई देने लगे हैं। उत्तराखंड में नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत गंगा की निर्मलता एवं अविरलता बनाये रखने हेतु गंगा एक्शन प्लान, एनजीआरबीए तथा वर्तमान में जलोत्सारण, स्नान घाट, शमशान घाटों के निर्माण एवं वृक्षारोपण के साथ ही कैचमेंट एरिया ट्रीटमेंट आदि योजनाओं का क्रियान्वयन बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। हरिद्वार में ही दो सबसे बड़े नाले कड़च्छ और कस्सावान नाले को सराय एसटीपी प्लांट ले जाया गया है। अब इन नालों का अपनी गंगा में नहीं जाता है। यह बड़ी उपलब्धि है।  राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के कार्यकारी निदेशक (वित्त)रोजी अग्रवाल ने समारोह में धन्यवाद देते हुए कहा कि गंगा पुनर्जीवन चुनौती की प्रकृति को देखते हुए भारत सरकार के सात मंत्रालय जून 2014 से एक साथ मिलकर कार्य कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय गंगा स्वच्छता मिशन और भारत सरकार के 11 मंत्रालयों के बीच समझौता ज्ञापन पत्र पर हस्ताक्षर हुए हैं। ताकि गंगा नदी के पुनर्जीवन और संरक्षण के क्रियाकलापों के बीच समन्वय सुनिश्चित किया जा सके। भजन संध्या के माध्यम से गंगा की निर्मलता को लेकर स्थानीय लोगों को जागरूक करने का काम किया गया। समारोह में उन विभूतियों को सम्मानित किया गया जो गंगा निर्मलता अभियान को बढ़ावा दे रहे हैं। 

ये योजनाएं हो चुकी हैं पूरी 
    20.68 करोड़ के हरिद्वार में सीवरेज पम्पिंग स्टेशन कस्सावान एवं पीब्ल्यूडी का निर्माण, 
    9.88 करोड़ के संयुक्त राईिंजग मेनजोन के कार्य
    31.44 करोड़ रूपये की लागत के 16 सीवरेज     पम्पिंग स्टेशनों की क्षमता वृद्धि और उच्चीकरण कार्य 
    2.86 करोड़ की लागत के अरिहन्त विहार सीवर लाइन लाइन निर्माण और अन्य कार्य 
    4.16 करोड़ स्वर्गाश्रम में,  तपोवन में 2.2 करोड़, श्रीनगर में 7.3 करोड़, उत्तरकाशी में 4 करोड़ रुपये के सीवेज शोधन संयत्र के उच्चीकरण
    1.9 करोड़ कीर्तिनगर में , श्रीनगर में 8.1 करोड़, रूद्रप्रयाग में 3.5 करोड़, कर्णप्रयाग में 3.1 करोड़ के सीवेज शोधन संयत्र के निर्माण कार्य 
    2.1 करोड़ नन्दप्रयाग में एवं गोपेश्वर में 11.1 करोड़ रुपये के सीवेज शोधन संयत्र के निर्माण कार्य 
    69.18 करोड़ की चण्डीघाट रिवर फ्रंट डेवलपमेंट परियोजना के लोकार्पण 
    83.40 करोड़ रुपये के उत्तरकाशी, रूद्रप्रयाग टिहरी गढ़वाल, पौड़ी गढ़वाल, हरिद्वार, चमोली में कुल 38 स्नान और मोक्ष घाटों के निर्माण कार्य 

सात सौ मीटर लंबा है चंडीघाट
लगभग 70 करोड़ की लागत से लगभग दस हजार श्रद्धालुओं के स्नान के लिए बनाए गए सात सौ मीटर लंबे घाट में एसटीपी प्लांट, मोक्षधाम, पार्किंग समेत तमाम व्यवस्थाएं चंडीघाट में उपलब्ध कराई गई हैं। 21 फरवरी 19 को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री ने इस योजना का लोकार्पण किया था। घाट परिसर में हजारों वाहनों की पार्किंग की विशेष सुविधा है। 

 

 

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