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Hindi News उत्तराखंडकेदारनाथ रूट पर तीसरे दिन भी जारी रेस्क्यू ऑपरेशन, 1900 तीर्थ यात्रियों को बचाया 

केदारनाथ रूट पर तीसरे दिन भी जारी रेस्क्यू ऑपरेशन, 1900 तीर्थ यात्रियों को बचाया 

आपदा सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि गौरीकुंड से सोनप्रयाग के बीच करीब 300 लोग फंसे हुए हैं। अपराह्न करीब पौने चार बजे सेना के एमआई-17 ने दो चक्कर लगाए व सामान समेत लोगों को हेलीपैड पहुंचाया।

केदारनाथ रूट पर तीसरे दिन भी जारी रेस्क्यू ऑपरेशन, 1900 तीर्थ यात्रियों को बचाया 
Himanshu Kumar Lallदेहरादून, हिन्दुस्तानSun, 04 Aug 2024 09:59 AM
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केदारनाथ में फंसे लोगों को रेस्क्यू करने के लिए अभियान शुरू हो गया है। शनिवार को सेना के एमआई-17 और निजी कंपनियों के हेलीकॉप्टरों से 105 लोगों को सुरक्षित निकाला गया। एयरफोर्स का चिनूक हेलीकॉप्टर मौसम अनुकूल न होने पर शनिवार को भी उड़ान नहीं भर पाया।

तीसरे दिन विभिन्न स्थानों से बचाव दलों ने 1865 लोगों को रेस्क्यू किया है। अब तक 9099 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है, जबकि केदारनाथ में अब भी 600 और 100 से ज्यादा लोग लिंचौली में फंसे हुए हैं।शनिवार को भी केदारनाथ में घना कोहरा छाया रहा, जबकि निचले हिस्से भीमबली, लिंचौली में प्राइवेट हेली सेवाओं से रेस्क्यू अभियान जारी रहा।

जवानों ने पहाड़ी पर रास्ता बनाकर गौरीकुंड से 1149 लोगों को सुरक्षित निकाला। वहीं, चीड़वासा से 80 लोगों को एयरलिफ्ट किया गया। केदारनाथ से रामबाड़ा-चौमासी होते हुए 117 लोगों को जबकि भीमबली से रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन ने 414 लोगों को रेस्क्यू किया। जिला प्रशासन ने एहतियातन सरकार से सिनफर डॉग भी मांगे हैं।

आपदा सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि गौरीकुंड से सोनप्रयाग के बीच करीब 300 लोग फंसे हुए हैं। अपराह्न करीब पौने चार बजे सेना के एमआई-17 ने दो चक्कर लगाए और सामान समेत 20 लोगों को चारधाम हेलीपैड तक पहुंचाया।

जबकि निजी कंपनियों के हेलीकॉप्टरों ने फाटा, सिरसी के कई चक्कर लगाए और 85 लोगों गुप्तकाशी पहुंचाया। एसडीआरफ के कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने बताया कि केदारनाथ पैदल रूट पर अब काफी कम लोग हैं। सबसे ज्यादा लोग केदारनाथ में हैं।

चौमासी के रास्ते निकाले जा रहे यात्री केदारनाथ में शनिवार को घना कोहरा छाने पर एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और जिला पुलिस को रणनीति बदलनी पड़ी। केदारनाथ से कुछ लोगों को रामबाड़ा-झाल-चौमासी-कालीमठ से लाया जा रहा है। एसडीआरएफ के नेतृत्व में इस मार्ग से 80 लोगों को रेस्क्यू किया जा रहा है। यह पैदल मार्ग 25 किमी का है। 

चीड़वासा हेलीपैड से भी शुरू हुआ रेस्क्यू अभियान
एसडीआरएफ ने चीड़वासा हेलीपैड से भी रेस्क्यू अभियान शुरू दिया है। 31 जुलाई की रात हुई तबाही से हेलीपैड पर मलबे के साथ बड़े-बड़े बोल्डर आ गए थे। शनिवार सुबह एसडीआरएफ के कमांडेंट मणिकांत मिश्रा जवानों के साथ सेरसी हेलीपैड से भीमबली हेलीपैड पहुंचे।

वहां से वे पांच किमी नीचे दुर्गम व क्षतिग्रस्त मार्ग पर सर्च अभियान चलाते हुए चीड़वासा पहुंचे। इसके बाद हेलीपैड से मलबा और बोल्डर हटाकर हेलीकॉप्टर से रेक्स्यू अभियान शुरू कराया।

अचानक बढ़ा मंदाकिनी नदी का जलस्तर
शनिवार सुबह करीब सात बजे सोनप्रयाग-गौरीकुंड के बीच स्थित मुनकटिया के पास मंदाकिनी नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया। ऐसे में एसडीआरएफ को अभियान रोकना पड़ा। शुक्रवार को एसडीआरएफ व पुलिस के जवानों ने यहां से रस्सी के सहारे फंसे हुए लोगों को रेस्क्यू किया था।

उधर, पुलिस महानिरीक्षक एसडीआरएफ रिधिम अग्रवाल ने बताया कि जलस्तर बढ़ने पर दोबारा पहाड़ी से वैकल्पिक मार्ग तैयार कर फंसे हुए लोगों को निकाला गया।