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आफत बनकर बरसी बारिश: मलबे में खेत-स्कूल दबे, भूस्खलन से गंगोत्री एनएच बंद; नदियां उफनाईं

उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश आफत बनती जा रही है। बुधवार रात से शुरू हुई बारिश जौनसार बावर से लेकर पछुवादून तक आफत बनकर बरसी। गंगोत्री-यमुनोत्री हाईवे सहित कई सड़कें बंद हो गईं है।

आफत बनकर बरसी बारिश: मलबे में खेत-स्कूल दबे, भूस्खलन से गंगोत्री एनएच बंद; नदियां उफनाईं
Himanshu Kumar Lallदेहरादून। हिन्दुस्तान टीमThu, 11 Aug 2022 08:28 PM
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उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश आफत बनती जा रही है। बुधवार रात से शुरू हुई बारिश जौनसार बावर से लेकर पछुवादून तक आफत बनकर बरसी। कालसी ब्लॉक के मसराड़, गडेता, दातनू, जोशी गांव अतिवृष्टि ने भारी नुकसान पहुंचाया है। खेत खलियान, दुकान, स्कूल पानी के तेज सैलाब में डूब गए। बारिश के बाद नदियां उफान पर हैं।  दूसरी ओर, बरसात के बाद भूस्खलन से गंगोत्री-यमुनोत्री हाईवे सहित कई सड़कें बंद हैं। बंद सड़कों को खोलने का काम जारी है, लेकिन खराब मौसम मुसीबत बना हुआ है। 

जौनसार बावर से लेकर पछुवादून तक बारिश की वजह से ग्रामीणों की खेतों में खड़ी नगदी फसलें मलबे में दब गई हैं। बारिश बंद होने के हर तरफ तबाही का मंजर नजर आ रहा है। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि गांव के पास से बहने वाले बरसाती खड्ड के उफान पर आने से पुल के नीचे मलबा जमा हो गया, जिससे सैलाब ने रास्ता बदलकर खेत खलियानों की ओर रुख कर दिया।

तेज बहाव के साथ सैलाब के बस्ती के नजदीक आने से गांव में अफरा-तफरी मच गई। लोग रात में ही सुरक्षित स्थानों की ओर जाने लगे। गनीमत रही कि खड्ड में उफन रहा सैलाब खेतों से ही नीचे की ओर बहने लगा, जिससे बस्ती में ज्यादा नुकसान नहीं हुआ। गुरुवार सुबह बारिश बंद होने बाद घरों से बाहर निकले लोगों को चारों ओर मलबा ही नजर आया।

मलबे में दबा प्राथमिक विद्यालय, आटा चक्की, फसलें हुई तबाह
अतिवृष्टि से बरसाती खड्ड के उफान पर आने से मसराड़ के ग्रामीणों की खड्ड के किनारे रखी नगदी फसल बह गई। इस नगदी फसल को ग्रामीणों ने गुरुवार को मंडी पहुंचाना था। खेतों में नगदी फसलों को तबाह करते हुए सैलाब ने कुछ ही दूरी पर बने सरकारी राशन के लघु संग्रहण केंद्र को अपनी चपेट में ले लिया।

इस केंद्र में रखे तीस बोरी चावल, तीस बोरी गेहूं के साथ ही नगदी फसलें भी बर्बाद हो गईं। संग्रहण केंद्र से आगे बढ़ते हुए सैलाब मसराड़ निवासी चंदा दास की आटा चक्की को ध्वस्त कर दिया। पानी तेजी से गड़ेता गांव की ओर बहने लगा, जहां खड्ड के किनारे बना प्राथमिक विद्यालय तेज बहाव के साथ आ रहे मलबे से दब गया।

स्कूल भवन के ऊपर से पानी और मलबे का सैलाब दातनू बडनू गांव की ओर बहने लगा, जिससे बडनू निवासी सीताराम चौहान, बलवीर, श्याम सिंह, प्रेम दास के खेत बह गए। जबकि जोशी गांव में प्रेमदास के खेत और पवन चक्की को मलबे ने नुकसान पहुंचाया। इसके साथ ही दातनू गांव में ग्रामीणों खेतों में मलबा जमा हो गया।बरसाती खड्ड के उफान पर आने से सरकारी राशन के लघु संग्रहण केंद्र के समीप रखी मसराड़ निवासी अनिल की बाइक मलबे के नीचे दब गई।

मलबे की चपेट में आने से दो युवक घायल
बरसाती खड्ड के उफान पर आने चापनू में सड़क किनारे चाय की दुकान के अंदर बड़ी मात्रा में मलबा घुस गया। जिससे दुकान में काम करने वाले चापनू निवासी शशकू और जयपाल घायल हो गए। दोनों घायलों को उपचार के लिए सीएचसी साहिया पहुंचाया गया। गंभीर घायल होने के कारण जयपाल को उपचार के लिए हायर सेंटर रेफर किया गया, लेकिन सड़कें बंद होने कारण हायर सेंटर नहीं पहुंचाया जा सका। मार्ग खुलने तक सीएचसी में ही दोनों घायलों का उपचार किया जा रहा है।

पावर, टोंस, अमलावा नदी उफान पर
त्यूणी। बुधवार शाम से हो रही बारिश से टौंस और पावर नदी का जल स्तर काफी बढ़ गया, जिससे त्यूणी में टौंस नदी खतरे के निशान तक पहुंच गई है। जबकि पंद्राणू के पास पावर नदी भी उफान पर है। इसके साथ ही साहिया से नीचे अमलावा नदी का जल स्तर भी लगातार बढ़ रहा है। तहसील प्रशासन ने नदी किनारे बसे लोगों को सतर्क रहने को कहा है।

इसके साथ ही थाना पुलिस और राजस्व पुलिस को चौबीस घंटे अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही एसडीएम ने क्षेत्र में बंद पड़े संपर्क मार्गों पर यातायात बहाल करने के निर्देश लोक निर्माण विभाग को दिए। वहीं, दोपहर बाद बारिश थमने से टौंस का जल स्तर स्थित होने पर गुतियाखाटल और नया बाजार के बाशिंदों ने राहत की सांस ली।

गंगोत्री-यमुनोत्री हाईवे पर घंटों ठप रहा यातायात
उत्तरकाशी। जिले में बीती रात को हुई भारी बारिश के कारण गंगोत्री और यमुनोत्री हाईवे पर जगह-जगह भूस्खलन होने से यातायात ठप रहा। गंगोत्री हाईवे पर बंदरकोट के समीप दिनभर यातायात ठप रहने से यात्रियों और स्थानीय लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

हालांकि हाईवे को शाम पांच बजे यातायात के लिए बहाल कर दिया गया है। यमुनोत्री हाईवे भी डबरकोट में सुबह ठप रहा। इसके साथ ही उत्तरकाशी जिले में बारिश से 35 सड़कें आवाजाही के लिए बंद हैं। गुरुवार को जिले में भारी बारिश के कारण जगह-जगह तबाही की तस्वीरें देखने को मिलीं। बारिश के कारण सड़कों पर यातायात खासा प्रभावित रहा।

गंगोत्री हाईवे आधी रात को बंदरकोट के समीप भारी मात्रा में मलबा आने से यातायात के लिए अवरुद्ध हो गया था। पकोड़ा नाला में भी हाईवे पर भूस्खलन होने से आवाजाही बंद रही। दिनभर बीआरओ की ओर से हाईवे को बहाल करने की कवायद जारी रही। देर शाम बड़ी मशक्कत के बाद हाईवे पर आवाजाही शुरू हो सकी।

यमुनोत्री हाईवे पर भी डबरकोट में यातायात ठप रहने से मुसाफिर घंटों तक जाम में फंसे रहे। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि गंगोत्री व यमुनोत्री हाईवे पर फिलहाल यातायात चालू है। जिले में 35 सड़कें ठप हैं।

नसार बावर के 42 से भी अधिक मार्ग बंद
विकासनगर।
भारी बारिश के कारण जजरेट सहित विभिन्न स्थानों पर आये मलबे के कारण जौनसार बावर को यातायात से जोड़ने वाला प्रमुख मोटर मार्ग कालसी चकराता मार्ग चौदह घंटे से अधिक समय तक बंद रहा। इसके चलते राखी पहनाने और पहनने के लिए आवागमन करने वाले भाई बहनों को घंटों तक जजरेट में मार्ग खुलने का इंतजार करना पड़ा। वहीं जौनसार बावर के ग्रामीण इलाकों को जाने वाले 42 अन्य मार्गों पर भी मलबा आने के कारण अधिकांश मार्ग दोपहर तक बंद रहे। इससे क्षेत्र की यातायात व्यवस्था दोपहर तक पूरी तरह से ठप रही।

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