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चिकन खाने को नेपाल से इंडिया की लगा रहे दौड़, स्वाद या और कोई वजह?

दस पोल्ट्री फॉर्म संचालकों के ढाई लाख से अधिक मुर्गी और उनके चूजे मरने का दावा किया गया है। जिस कारण एकाएक उत्पादन भी गहरा असर पड़ गया। मुर्गियों की कमी के कारण दामों में रिकॉर्ड बढ़ोत्तरी हुई।

चिकन खाने को नेपाल से इंडिया की लगा रहे दौड़, स्वाद या और कोई वजह?
Himanshu Kumar Lall बनबसा, नवी अंसारीTue, 30 Jul 2024 11:50 AM
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नेपाल में भारी बारिश की वजह से पोल्ट्री फॉर्म संचालकों को लाखों की चपत लगी है। इस वजह से नेपाल में पहली बार मुर्गे का मीट रिकॉर्ड महंगा हुआ है। पांच सौ रुपये नेपाली प्रति किलो के हिसाब से नेपाल में चिकन मिल रहा है।

जिस कारण भारत पर सीमावर्ती इलाकों के नेपालियों की निभर्रता बढ़ गई है। रोजाना बनबसा से नेपाली नागरिक चिकन ले जा रहे हैं। नेपाल के कंचनपुर निवासी रमेश चंद्र भट्ट ने बताया कि दो सप्ताह पहले बारिश के बाद आई अतिवृष्टि ने नेपाली पोल्ट्री फॉर्म संचालकों को तगड़ा झटका दिया है।

दस पोल्ट्री फॉर्म संचालकों के ढाई लाख से अधिक मुर्गी और उनके चूजे मरने का दावा किया गया है। जिस कारण एकाएक उत्पादन भी गहरा असर पड़ गया। बाजार में मुर्गियों की कमी के कारण दामों में रिकॉर्ड बढ़ोत्तरी भी हो गई।

अब नेपाल में 480 से 500 रुपये प्रति नेपाली रुपये के हिसाब से चिकन मिल रहा है। भारतीय दामों के अनुसार नेपाल में इस समय तीन सौ रुपये प्रति किलो के हिसाब से मुर्गे का मीट मिल रहा है। स्थानीय राज धामी, दिवाकर सुनार ने बताया कि इससे पहले नेपाल में चिकन के दाम इतने महंगे कभी नहीं हुए।

नेपाल में गिरे सब्जी के दाम
अतिवृष्टि के कारण आसमान छू रहे सब्जियों के दामों ने नेपाली नागरिकों को राहत दी है। यहां 150 रुपये किलो बिक रहा टमाटर अब 50 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। जबकि लौकी, आलू और शिमला मिर्च समेत खीरा के दाम संतुलित हो गए हैं। इस वजह से नेपाली नागरिकों को महंगी सब्जियों से राहत मिली है।

नेपाल में चिकन महंगा होने के कारण बनबसा में बिक्री अधिक हो रही है। रोज दुकान पर 40 से 50 नेपाली नागरिक आ रहे हैं जो कि एक से दो किलो चिकन ले जा रहे हैं।
कमरुद्दीन, मीट विक्रेता, बनबसा।