Hindi Newsउत्तराखंड न्यूज़Pushkar Singh Dhami became Chief Minister of Uttarakhand again with these five qualities

Pushkar Singh Dhami: इन पांच खूबियों से फिर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बने पुष्कर सिंह धामी

उत्तराखंड के 12 वें मुख्यमंत्री के रूप में पुष्कर सिंह धामी की फिर ताजपोशी हो गई है। वे अपनी पांच खूबियों के दम पर दोबारा मुख्यमंत्री की कुर्सी पर टिके रहने में कामयाब रहे। धामी का पहला कार्यकाल आठ...

Pushkar Singh Dhami: इन पांच खूबियों से फिर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बने पुष्कर सिंह धामी
Shivendra Singh हिन्दुस्तान, देहरादूनMon, 21 March 2022 04:20 PM
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उत्तराखंड के 12 वें मुख्यमंत्री के रूप में पुष्कर सिंह धामी की फिर ताजपोशी हो गई है। वे अपनी पांच खूबियों के दम पर दोबारा मुख्यमंत्री की कुर्सी पर टिके रहने में कामयाब रहे। धामी का पहला कार्यकाल आठ माह 18 दिन का रहा। हालांकि, धामी अपने विधानसभा क्षेत्र खटीमा से चुनाव हार गए थे, लेकिन भाजपा दो तिहाई बहुमत लेने में सफल रही। मुख्यमंत्री की रेस में कई दिग्गजों के शामिल होने के बावजूद भाजपा हाईकमान ने धामी की इन खूबियों की वजह से उन पर विश्वास जताया। 

1. मोदी-शाह का भरोसा जीता
मुख्यमंत्री के अपने अल्प कार्यकाल में धामी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह व हाईकमान के अन्य नेताओं के भरोसे पर खरे उतरे। मोदी ने चुनावी रैलियों में जनता से वादा किया था कि उत्तराखंड के अगले मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ही होंगे। 

2. स्थानीय दिग्गजों से तालमेल
राज्य के बड़े नेताओं के साथ ही संगठन के से भी धामी का तालमेल बेहतर रहा। देहरादून से लेकर दिल्ली तक के सभी प्रमुख नेताओं से मिल कर सलाह मशविरा करते रहे। सीएम रहते कई बार वे भाजपा मुख्यालय में होने वाले कार्यक्रमों में तक पहुंचते रहे। यहां तक 10 मार्च को चुनाव नतीजे आने के बाद और खुद अपनी सीट गंवानी के बाद पार्टी मुख्यालय पहुंचे। इस दौरान उत्तराखंड के चुनाव प्रभारी व केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने भी उनकी प्रंशसा में कसर नहीं छोड़ी।

3. युवा
धामी अभी लगभग 46 साल, छह माह के हैं। भाजपा ने उन्हें विधानसभा चुनाव में युवा चेहरे के तौर पर भी भुनाया था। अभी उनके पास राजनीति करने के लिए लंबा वक्त भी है। वैसे भी उत्तराखंड में 18 से 44 साल के बीच लगभग 49  लाख लोग हैं। जो मतदाता भी हैं। इन्हें रिझाने में कुछ हद तक धामी अपने पहले कार्यकाल में सफल रहे। इसके साथ ही धामी सरल और सौम्य मिजाज के लिए मशहूर हैं। 

4. कार्यकर्ताओं में भरा जोश
धामी उत्तराखंड भारतीय जनता युवा मोर्चा में वर्ष 2002 से 2008 तक प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। इस नाते हर जिले के कार्यकर्ताओं से उनके बेहतर संबंध हैं। उनके सीएम बनते ही युवा कार्यकर्ताओं में अलग से जोश व उत्साह नजर आया। कार्यकर्ताओं के इस उत्साह ने भाजपा के लिए संजीवनी का काम किया और विधानसभा चुनाव के नतीजे इसके उदाहरण हैं।   

5. ताबड़तोड़ लिए फैसले
धामी ने अपने अल्प कार्यकाल में ताबड़तोड़ बड़े फैसले लिए। 10 वीं से स्नात्तक के छात्रों को टेबलेट, नौंवी से 12 वीं तक के छात्र-छात्राओं को मुफ्त किताबें, उत्तराखंड देव स्थानम बोर्ड को भंग, गेस्ट टीचरों, शिक्षा मित्रों व इटर्न डाक्टरों का मानदेय बढाने के साथ ही सरकारी नौकरियों में भर्ती के लिए निशुल्क आवेदन, युवाओं के लिए सरकारी नौकरियां, सीएम वात्सलय योजना आदि प्रमुख फैसले हैं।

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