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केदारनाथ हाईवे बंद होने के कारण प्रसव पीड़ा से तड़पती महिला ने रास्ते में ही बच्ची को जन्म दिया,उपचार नहीं मिलने से नवजात बच्ची की मौत

केदारनाथ हाईवे बंद होने के कारण प्रसव पीड़ा से तड़पती  महिला ने रास्ते में ही बच्ची को जन्म दे दिया। समय पर उपचार नहीं मिलने के कारण नवजात बच्ची कर मौत हो गई। रविवार सुबह साढ़े छह बजे ल्वारा गांव...

केदारनाथ हाईवे बंद होने के कारण प्रसव पीड़ा से तड़पती महिला ने रास्ते में ही बच्ची को जन्म दिया,उपचार नहीं मिलने से नवजात बच्ची की मौत
लाइव हिन्दुस्तान टीम,रुद्रप्रयाग Mon, 13 Aug 2018 05:36 PM
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केदारनाथ हाईवे बंद होने के कारण प्रसव पीड़ा से तड़पती  महिला ने रास्ते में ही बच्ची को जन्म दे दिया। समय पर उपचार नहीं मिलने के कारण नवजात बच्ची कर मौत हो गई। रविवार सुबह साढ़े छह बजे ल्वारा गांव की मोहिता (22) पत्नी रविंद्र फर्सवाण को प्रसव पीड़ा शुरू हुई। मोहिता की सास निजी वाहन से उसे लेकर फाटा के अस्पताल के लिए रवाना हुई। सवा सात बजे यह लोग डोलिया देवी मंदिर के पास पहुंचे। यहां पहाड़ी से मलबा आने के कारण केदारनाथ हाईवे बंद था। एक घंटा किया सड़क  खुलने का इंतजार : एक घंटे इंतजार के बाद भी जब सड़क नहीं खुली तो सास प्रसव पीड़ा से तड़प रही बहू को लेकर पैदल ही फाटा रवाना हुई। दोनों दो सौ मीटर ही चले थे कि मोहिता दर्द के मारे चिल्लाने लगी। इस पर सास को मौके पर ही प्रसव कराना पड़ा। मोहिता ने बच्ची को जन्म दिया लेकिन उसकी मौके पर ही मौत हो गई। रास्ते में प्रसव की सूचना के बाद फाटा के अस्पताल से एएनएम मौके पर पहुंची और महिला को अस्पताल में भर्ती कराया।

परिजनों ने लापरवाही बरती : सीएमओ  
सीएमओ डॉ.एसके झा ने कहा कि महिला के प्रसव को लेकर एक माह पूर्व ही सुरक्षित प्रसव कराने के निर्देश दिए गए थे। महिला की सास ‘आशा’ को जानकारी देने की बजाए खुद बहू को लेकर फाटा रवाना हो गईं। झा ने कहा, महिला को फाटा के बजाए गुप्तकाशी ले जाना चाहिए था। वहां चिकित्सक व एएनएम तैनात हैं। सीएमओ ने कहा कि खुले में प्रसव होने के कारण बच्ची की धड़कन कम होने लगी थी, जिससे उसकी मौत हुई है।

एक और महिला की जान पर बन आई 
जखोली ब्लॉक के लडियासू गांव के सुरेंद्र लाल की पत्नी की भी जान पर बन आई। सुरेंद्र ने बताया-उनकी पत्नी ने 15 दिन पहले ऑपरेशन से बच्ची को जन्म दिया। अस्पताल से घर ले जाने के बाद उसकी हालत बिगड़ गई। गांव वाले कुर्सी पर बैठाकर उसे तीन किमी दूर तुनेटा लाए। महिला अब ऋषिकेश एम्स में भर्ती है। सुरेंद्र लाल ने बताया कि उनके गांव के लिए सड़क मंजूर होने के बाद भी नहीं बन रही है। लोनिवि के ईई इंद्रजीत बोस ने बताया कि गांव के लिए पांच किलोमीटर सड़क मंजूर है। वन विभाग से स्वीकृति के बाद सड़क बनाई जाएगी। 
 

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