सरोवर नगरी नैनीताल की हवा में हर साल बढ़ रहा प्रदूषण,जानें क्या है स्तर
सरोवरनगरी नैनीताल की आबोहवा साल दर साल बिगड़ रही है। लॉकडाउन के दौरान पर्यटन गतिविधियां और वाहनों की आवाजाही बेहद कम होने के बावजूद करीब डेढ़ साल के अंदर शहर की हवा में पार्टिकुलेट मैटर (पीएम-10) करीब...
सरोवरनगरी नैनीताल की आबोहवा साल दर साल बिगड़ रही है। लॉकडाउन के दौरान पर्यटन गतिविधियां और वाहनों की आवाजाही बेहद कम होने के बावजूद करीब डेढ़ साल के अंदर शहर की हवा में पार्टिकुलेट मैटर (पीएम-10) करीब दस माइक्रोग्राम तक बढ़ चुका है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी आंकड़ों के बाद विशेषज्ञ बढ़ती पर्यटन गतिविधियों के साथ हर साल खराब हो रही हवा को चिंताजनक मान रहे हैं। डेढ़ साल के भीतर सरोवर नगरी के शहरी क्षेत्र की हवा में पार्टिकुलेट मैटर (पीएम-10) की मात्रा 9.7 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर बढ़ चुकी है। पीसीबी ने बीती 18 जनवरी को नैनीताल में पहला एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग सिस्टम लगाया है।
यह मशीन नगरपालिका भवन की छत पर लगाई गई है। इससे पहले विशेष मौकों पर हल्द्वानी से मशीन ले जाकर हवा गुणवत्ता परखी जाती थी। पीसीबी के क्षेत्रीय कार्यालय से अक्तूबर 2019 में लिए गए आंकड़ों के मुताबिक नैनीताल की हवा में पीएम-10 की मात्रा करीब 75 माइक्रोग्राम प्रति घन दर्ज थी।अब पहली मशीन लगने पर 19 जनवरी से पूरे 24 घंटे की हवा की गुणवत्ता परखी गई। इसमें पीएम-10 की मात्रा 84.7 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज हुई है। पीसीबी अफसरों की दलील है कि नैनीताल में जहां मॉनिटरिंग मशीन लगाई गई है, उसके ठीक बगल में डीएसए मैदान है। मैदान की धूल से भी आंकड़े प्रभावित हो सकते हैं।
हवा गुणवत्ता ठीक, पीएम-10 चिंताजनक
नैनीताल की हवा एयर क्वालिटी पैरामीटर के हिसाब से फिलहाल संतोषजनक स्थिति में है। आमतौर पर पीएम-10 की मात्रा 100 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर कम होने पर हवा की स्थिति ठीक मानी जाती है। मगर ताजा जारी हवा की गुणवत्ता के आंकड़े 15.3 माइक्रोग्राम प्रति घन हैं, जिन्हें नैनीताल की आबोहवा के हिसाब से चिंताजनक माना जा रहा है।
नैनीताल में पहली बार एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन लगा है। इससे पहले मुख्यालय के निर्देश पर हल्द्वानी से मशीन ले जाकर हवा की गुणवत्ता परखी जाती थी। अंतिम बार 2019 में गुणवत्ता परखी गई थी। तब पीएम-10 की मात्रा करीब 75 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज हुई थी।
डॉ. आरके चतुर्वेदी, क्षेत्रीय अधिकारी, पीसीबी