मलिन बस्तियों को लेकर फिर गरमाई सियायस, मालिकाना हक से राहत या टूटने की आएगी आफत?
मलिन बस्तियां भी प्रभावित हो रही थीं। प्रदेश की डबल इंजन की सरकार ने मलिन बस्तियों में रह रहे हजारों लोगों की चिंता करते हुए उन्हें अध्यादेश के जरिए सुरक्षा दी थी।

उत्तराखंड में मलिन बस्तियों को लेकर एक बार सियासत गरमा गई है। मालिकाना हक को लेकर सरकार को घेरा जा रहा है। कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि वर्ष 2016 से पूर्व बसी किसी भी मलिन बस्ती को टूटने नहीं दिया जाएगा।
सोमवार को मीडिया को जारी बयान में जोशी ने कहा कि लोगों को चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। प्रदेश की धामी सरकार मलिन बस्तियों के नियमितीकरणके लिए गंभीरता के साथ काम कर रही है। जोशी ने कहा कि कांग्रेस मलिन बस्तियों को लेकर दुष्प्रचार कर रही है।
कांग्रेस के पास अब कोई मुद्दा ही नहीं बचा है। इसलिए वो भ्रम फैला रही है। पहले भी सरकार ने अध्यादेश लाकर मलिन बस्तियों के आशियानों को टूटने से बचाया है। और आगे भी किसी बस्ती को टूटने नहीं दिया जाएगा।
जोशी ने कहा कि वर्ष 2018 में हाईकोर्ट ने अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए थे। इससे राज्य की मलिन बस्तियां भी प्रभावित हो रही थीं। प्रदेश की डबल इंजन की सरकार ने मलिन बस्तियों में रह रहे हजारों लोगों की चिंता करते हुए उन्हें अध्यादेश के जरिए सुरक्षा दी थी। पहले तीन वर्ष के लिए राहत दी गई थी। जिसे अक्टूबर 2024 तक छह साल तक के लिए बढ़ा दिया गया।
पूरे प्रदेश की बस्तियों को दी सुरक्षा: जोशी ने कहा कि सरकार ने केवल देहरादून ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश की वर्ष 2016 तक बसी सभी 584 मलिनबस्तियों को अध्यादेश के जरिए सुरक्षा दी। सरकार के इस फैसले की बदौलत ही हजारों लोगों के घर सुरक्षित रहे हैं। भाजपा सरकार हमेशा से ही गरीबों और वंचितों की हितैषी रही है। बस्तियों के नियमितीकरण मामले में जिला स्तर से सूचना ली जा रही है। उन पर कार्यवाही जारी है।
मलिन बस्तियों के नियमितीकरण के लिए सरकार गंभीरता से काम कर रही है। लोग कांग्रेस के बहकावे में न आएं। कांग्रेस मुद्दाविहीन हो चुकी है। इसलिए दुष्प्रचार कर रही है। प्रदेश की धामी सरकार किसी बस्ती को टूटने नहीं देगी।
गणेश जोशी, कृषि मंत्री
अध्यादेश नहीं बस्ती वालों को मालिकाना हक चाहिए
मलिन बस्ती विकास परिषद के अध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने मलिन बस्तियों में रहने वाले लोगों को मालिकाना हक देने का वादा किया था। अब भाजपा बार बार अध्यादेश लाकर बचने की कोशिश कर रही है।
अध्यादेश से फौरी राहत मिल रही लेकिन हजारों लोगों के घरों पर ध्वस्तीकरण की तलवार हमेशा लटकी रहती है। कांग्रेस ने वर्ष 2012 में मालिकाना हक देने का वादा किया था और कानून बनाकर कार्यवाही भी शुरू कर दी थी।
लेकिन तब भाजपा ने साजिश कर कांग्रेस की सरकार गिरवा दी थी। अब यदि प्रदेश सरकार वास्तव में गंभीर है तो मालिकाना हक दे। इस मांग के लिए ही आगामी 22 मई को नगर निगम कूच किया जा रहा है।
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