कोरोना के समय लॉकडाउन से बंद हुई कई फार्मा यूनिट, दवा संकट की नौबत
लॉकडाउन की वजह से राज्य की तकरीबन आधा फार्मा यूनिटें पिछले दो दिनों तक दवाओं का उत्पादन नहीं कर पाई। इससे राज्य के साथ ही पूरे देश मे दवा संकट पैदा होने का खतरा हो गया है। हालांकि...
लॉकडाउन की वजह से राज्य की तकरीबन आधा फार्मा यूनिटें पिछले दो दिनों तक दवाओं का उत्पादन नहीं कर पाई। इससे राज्य के साथ ही पूरे देश मे दवा संकट पैदा होने का खतरा हो गया है। हालांकि सरकार ने दवा कंपनियों को लॉक डाउन से पूरी तरह छूट दी है। लेकिन जिला प्रशासन, पुलिस की रोक टोक से कर्मचारी काम पर नहीं जा पा रहे हैं। इसके अलावा दवाओं के ट्रांसपोर्ट में भी भारी दिक्कत आ रही है।
दवा कंपनियों का उत्पादन बहुत कम मात्रा में बाजार तक पहुंच पा रहा है। इसके अलावा कई बड़ी फार्मा कंपनियों का रॉ मटीरियल ट्रांसपोर्ट बंद होने की वजह से मुम्बई और गुजरात जैसी जगहों पर फंस गया है। यदि इन सभी समस्याओं का तत्काल समाधान नहीं किया गया तो आने वाले समय मे दवाओं की आपूर्ति प्रभावित हो होना तय है । इसका असर पूरे देश पर दिख सकता है।
देश में 17 प्रतिशत दवाओं की आपूर्ति उत्तराखंड से
औधोगिक क्षेत्रों में प्रभाव
देहरादून के सेलाकुई औद्योगिक क्षेत्र में 50 के करीब फार्मा कंपनियां हैं। दो दिनों तक तकरीबन आधी कंपनियां ठप्प रहीं। हालांकि गुरुवार में कुछ सुधार आया और 40 के करीब युनिटों ने काम शुरू कर दिया है।
भगवानपुर। इधर भगवानपुर औद्योगिक क्षेत्र की 10 से 15 ही दवा कंपनियां उत्पादन कर पा रही हैं। फार्मास्यूटिकल एसोसिएशन रुड़की के अध्यक्ष कुलदीप सिंह ने बताया कि न तो कच्चा माल आ रहा है। ओर नहीं माल की सप्लाई हो रही है। इसीलिए 10 से 15 फीसदी काम हो रहा है। साथ ही उन्होंने बताया कि फार्मा की 70 में से बामुश्किल से 10 फैक्ट्री ही चल पा रही हैं।
कच्चा माल पर्याप्त, प्रशासन का सहयोग नहीं
फार्मा असोसिएशन का कहना है कि चीन से आपूर्ति बंद होने के बावजूद राज्य में कच्चे माल की कोई कमी नहीं है। लेकिन लॉक डाउन की वजह से दिक्कतें आ रही हैं। पुलिस और प्रशासन का सहयोग नहीं मिल रहा। इससे बड़ी संख्या में कर्मचारी काम पर नहीं आ रहे। ट्रांसपोर्ट को जगह जगह चैकिंग की वजह से रोका जा रहा है जिससे बाजार को आपूर्ति नही हो पा रही। बड़ी मात्रा में तैयार दवाएं कंपनी में ही डंप पड़ी हैं।
चीन से कच्चे माल की आपूर्ति बंद होने की वजह से फार्मा यूनिटें 70 प्रतिशत ही उत्पादन कर पा रहीं थी। लेकिन अब लॉक डाउन से और परेशानी बढ़ गयी है। पिछले तीन दिनों में राज्यभर में बड़े स्तर पर उत्पादन प्रभावित हुआ। हालांकि अब इसमें कुछ सुधार आया है। हमारा प्रयास है कि दवाओं का उत्पादन कम से कम 50 प्रतिशत तक किया जाए। सचिव स्वास्थ्य से वार्ता हुई है। ककर्मचारियो के लिए पास आदि की व्यवस्था बनाई जा रही है।
प्रमोद कलानी अध्यक्ष, ड्रग मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन
फार्मा कंपनियों से बात हुई है। उनकी सभी दिक्कतों को तत्काल दूर किया जा रहा है। सभी जिला अधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को कहा गया है कि फार्मा कंपनियों में दवाओं का उत्पादन सुनिश्चित किया जाए। कर्मचारी, ट्रांसपोर्ट और कच्चे माल की आपूर्ति में किसी भी तरह की दिक्कत न आये। यह दिक्कत लॉक डाउन की वजह से पैदा हुई है। जिज़ काफी हद तक ठीक कर दिया गया है। राज्य में दवाओं का स्टॉक पर्याप्त मात्रा में है। उत्पादन को भी जल्द से जल्द बढ़ाया जा रहा है।
नितेश झा, सचिव, स्वास्थ्य