आचार्य बालकृष्ण का ऐलान, उत्तराखंड त्रासदी के अनाथ बच्चों को गोद लेगी पतंजलि
एक बार फिर से पतंजलि योगपीठ ने तपोवन आपदा में अनाथ बच्चों को गोद लेने की पहल की है। आचार्य बालकृष्ण ने ऐलान किया है कि उत्तराखंड तपोवन त्रासदी में जितने भी बच्चे अनाथ हुए हैं। पतंजलि योगपीठ उन्हें...
एक बार फिर से पतंजलि योगपीठ ने तपोवन आपदा में अनाथ बच्चों को गोद लेने की पहल की है। आचार्य बालकृष्ण ने ऐलान किया है कि उत्तराखंड तपोवन त्रासदी में जितने भी बच्चे अनाथ हुए हैं। पतंजलि योगपीठ उन्हें गोद लेगी और उनकी बेहतर परवरिश करेगी। हिन्दुस्तान से बातचीत में बालकृष्ण ने कहा कि पतंजलि के लिए देश एक बाजार नहीं, बल्कि परिवार है। उन्होंने आश्वासन दिया कि तत्काल किसी भी सहायता के लिए पतंजलि योगपीठ तैयार है। इस बावत आचार्य बालकृष्ण ने हादसे की जानकारी मिलते ही तुरंत राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से भी फोन पर बातचीत कर उन्हें हर संभव सहयोग की बात भी कही है।
इससे पहले केदारनाथ आपदा में सैकड़ों बच्चे जब अनाथ हो गए तब भी पतंजलि योगपीठ ने रूद्रप्रयाग में सेवाकुलम की स्थापना कर सभी बच्चों को गोद लेकर उनकी परवरिश का जिम्मा उठाया। देवप्रयाग में भी सेवाकुलम की स्थापना की गई है। जहां अनाथ बच्चों को आचार्यकुलम की भांति तमाम शिक्षा प्रदान की जा रही है। इसी प्रकार के दो सेवाकुलम गुवाहाटी में खोले गए हैं। एक सेवाकुलम की स्थापना नेपाल की राजधानी काठमांडू में की गई है। नेपाल में आए भूकंप में अनाथ हुए एक हजार बच्चे सेवाकुलम में पल रहे है। पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण का कहना है कि बाबा रामदेव की योजना उन पीड़ित क्षेत्रों में सेवाप्रकल्प चलाने की हैं जो अभी भी निराशा का जीवन जी रहे हैं। इसलिए तपोवन त्रासदी का पता चलते ही सरकार को हर सभव सहयोग देने का वायदा दोहराया गया।
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