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उत्तराखंड में लटकी 977 नर्स-टेक्नीशियन की भर्ती, जानिए वजह

उत्तराखंड के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में स्टाफ नर्स और टेक्नीशियन की भर्ती नियमावली के फेर में फंस गई है। चार महीने पहले ही इस भर्ती को मंजूरी मिल चुकी थी, लेकिन अभी तक नियमावली तैयार नहीं हो पाई है।...

उत्तराखंड में लटकी 977 नर्स-टेक्नीशियन की भर्ती, जानिए वजह
लाइव हिन्दुस्तान टीम, देहरादूनWed, 09 Oct 2019 12:14 PM
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उत्तराखंड के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में स्टाफ नर्स और टेक्नीशियन की भर्ती नियमावली के फेर में फंस गई है। चार महीने पहले ही इस भर्ती को मंजूरी मिल चुकी थी, लेकिन अभी तक नियमावली तैयार नहीं हो पाई है। उत्तराखंड के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एक भी स्थायी स्टाफ नर्स या टेक्नीशियन अब तक नहीं हैं। विभाग ने कुछ कर्मचारी स्वास्थ्य विभाग से लिए हैं। बड़ी संख्या में कर्मचारी आउटसोर्स भी किए गए हैं। मेडिकल कॉलेजों में स्थायी स्टाफ नर्स और टेक्नीशियन नहीं होने से अस्पतालों पर बुरा असर पड़ रहा है। स्वास्थ्य विभाग में भी कर्मचारियों की कमी है। इस परेशानी को दूर करने के लिए सरकार ने स्थायी नर्सिंग स्टाफ और टेक्नीशियन भर्ती का निर्णय लिया था। इसके तहत देहरादून , श्रीनगर, अल्मोड़ा और हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज के लिए स्टाफ नर्स और टेक्नीशियन के 977 पद मंजूर किए गए। मगर, भर्ती की स्वीकृति के बावजूद नियमावली नहीं बन पाई है, जिस वजह से भर्ती लटक गई है।

नियमावली की प्रक्रिया अभी जारी
स्टाफ नर्स की नियुक्ति के लिए नियमावली प्रक्रिया जारी है। शासन के सूत्रों ने बताया कि नर्सिंग और टेक्नीशियन की भर्ती के लिए तैयार हो रही नियमावली प्रक्रिया अंतिम चरण में पहुंच गई है। कार्मिक की मंजूरी के बाद नियमावली को जल्द अंतिम रूप दे दिया जाएगा। इसके बाद आने वाली कैबिनेट में इस नियमावली को रखा जाएगा।

 

नर्सिंग ट्यूटर की भर्ती में हो रही देरी
नर्सिंग कॉलेजों में ट्यूटर के 130 पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया भी बार बार बदलती आरक्षण की प्रक्रिया से लटक गई है। पहले 10% सवर्ण आरक्षण से इस भर्ती में देरी हुई और अब आरक्षण रोस्टर में बदलाव से एक बार फिर भर्ती में देरी हो गई है। उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड अध्यक्ष डॉ. डीएस रावत ने बताया कि नियमावली और आरक्षण की वजह से यह समस्या आ रही है। इस पर स्थिति स्पष्ट होने के बाद भर्ती जल्द शुरू कर दी जाएगी।


 

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