ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तराखंड एनएसयूआई का शनिवार को सीएम आवास कूच, उच्च शिक्षा मंत्री पर उठाए सवाल

एनएसयूआई का शनिवार को सीएम आवास कूच, उच्च शिक्षा मंत्री पर उठाए सवाल

डिग्री कालेजों में शिक्षकों की कमी और सेमेस्टर प्रणाली हटाने के अधूरे फैसले के खिलाफ  भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन ( एनएसयूआई)  शनिवार को मुख्यमंत्री आवास कूच करेगा। शुक्रवार को राजीव भवन...

 एनएसयूआई का शनिवार को सीएम आवास कूच, उच्च शिक्षा मंत्री पर उठाए सवाल
लाइव हिन्दुस्तान टीम, देहरादूनFri, 30 Aug 2019 03:26 PM
ऐप पर पढ़ें

डिग्री कालेजों में शिक्षकों की कमी और सेमेस्टर प्रणाली हटाने के अधूरे फैसले के खिलाफ  भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन ( एनएसयूआई)  शनिवार को मुख्यमंत्री आवास कूच करेगा। शुक्रवार को राजीव भवन में मीडिया से बातचीत में एनएसयूआई के प्रदेश प्रभारी अनुशेष शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष मोहन भंडारी ने कहा कि प्रदेश के सरकारी और सहायता प्राप्त डिग्री कालेज में शिक्षको की कमी बनी हुई है। जुलाई में उच्च शिक्षा राज्य मंत्री ने आश्वासन दिया था कि जल्द से जल्द इन पदों को भरा जाएगा। लेकिन उनका वादा कोरा निकला। इसी प्रकार भाजपा के फ्रंटल संगठन एबीवीपी को फायदा पहुंचाने के लिए सेमेस्टर प्रणाली को खत्म करने का ड्रामा रचा गया। पर, गढवाल केंद्रीय विश्वविद्यालय से सम्बद्ध कालेज पर, विवि कैम्पस में सेमेस्टर प्रणाली चलती रहेगी। इससे प्रदेश में दोहरी व्यवस्था लागू हो गई है।
शर्मा और भंडारी ने आरोप लगाया कि सरकार छात्र संघ चुनावों में दखलअंदाजी कर रही है। खुद उच्च शिक्षा मंत्री डॉ रॉवत इसमे कुछ ज्यादा ही रुचि ले रहे हैं। या बर्दास्त न किया जाएगा। एनएसयूआई शिक्षा और छात्र- छात्राओं के हितों की रक्षा के लिए लंबी लड़ाई लड़ने को तैयार है। शनिवार को सीएम आवास कूच के साथ ही इस संघर्ष का ऐलान हो जाएगा।  इस दौरान आयुष गुप्ता, सौरभ ममगांई,  नित्यानंद कोठियाल आदि भी मौजूद रहे। 


कालेजों में शिक्षकों की कमी नहीं: धन सिंह
प्रदेश के डिग्री कॉलेजों में फैकल्टी की कमी की बात से उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ धन सिंह रॉवत सहमत नहीं हैं। डॉ रॉवत का दावा है कि इस वक्त उत्तराखंड देश के उन राज्यों में शामिल है, जो सर्वाधिक फैकल्टी दे रहे हैं। वर्तमान में शिक्षकों के 90 फीसद से ज्यादा पद भरे हुए हैं। शिक्षण के लिए संविदा- गेस्ट फेकल्टी भी नियुक्त की गई है। कुछ दिन पहले सेमेस्टर प्रणाली के खिलाफ प्रदर्शन के बाद मिलने आए एबीवीपी कार्यकर्त्ताओ से उन्होंने साफ साफ  कहा भी था कि केरल के बाद उत्तराखंड ही सर्वाधिक फेकल्टी देने वाला राज्य है।

 

 

एनएसयूआई का आंदोलन समझ से परे है। सेमेस्टर प्रणाली के हिसाब से जरूर संसाधन कम थे, लेकि सरकार इसे खत्म करने का निर्णय ले चुकी है। सालाना परीक्षा व्यवस्था के लिए अब पर्याप्त शिक्षक हैं। सेमेस्टर खत्म करने की मांग राज्य सरकार से थी, वो पूरी हो चुकी है। छात्रों के पास दो विकल्प हैं। वो सेमेस्टर में पढ़ना चाहते हैं तो सेंट्रल विवि के कॉलेज में पढ़ सकते। जिन्हें सालाना ठीक लगता है वो स्टेट विवि से जुड़ सकते हैं।
डॉ कौशल कुमार, प्रदेश अध्यक्ष- एबीवीपी

 


 

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें