चटिया फार्म गांव में बुधवार तड़के जमीन में गर्दन तक गड़ा नवजात मिलने से क्षेत्र में सनसनी फैल गई। नवजात का पूरा धड़ जमीन में गड़ा हुआ था, सिर्फ सांस लेने के लिए सिर को नहीं दबाया गया था। नवजात के रोने की आवाज और हलचल सुनकर कृषक दंपति ने उसे बाहर निकालकर ग्रामीणों की मदद से अस्पताल पहुंचाया। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
खटीमा विकासखंड के अलाविर्दी ग्राम पंचायत में चटिया रोड पर कुंडल सिंह भंडारी और पुष्कर सिंह भंडारी के खेत से लगा पूरन सिंह का मकान है। बुधवार सुबह करीब साढ़े पांच बजे पूरन की पत्नी महेश्वरी देवी को घर के नजदीक लगे नल के करीब कुछ संदिग्ध वस्तु जमीन में गड़ी हुई दिखी। शुरू में उसे लगा कि कोई खेत में मुर्गी गाड़कर चला गया है।
कुछ देर में बच्चे के रोने की आवाज सुनकर महेश्वरी ने जब नजदीक जाकर देखा तो उसकी चीख निकल पड़ी। एक नवजात का पूरा धड़ जमीन के अंदर गड़ा हुआ था, सिर्फ सिर जमीन के बाहर निकला हुआ था। इस दिल दहला देने वाले दृश्य को देखकर घबराई माहेश्वरी उसे बाहर निकालने की हिम्मत नहीं जुटा सकी।
सुबह करीब सात बजे पति पूरन ने डेयरी से लौटने पर नवजात को बाहर निकाला। खेत में गड़े नवजात की खबर आग की तरह गांव में फैलने के बाद मजमा लग गया। नवजात ठंड से कांप रहा था। उसकी खराब हालत देखकर ग्रामीणों ने आनन-फानन से पुवाल जलाकर नवजात को गर्मी दी और 108 एंबुलेंस से मदद मांगी।
नवजात को हाईपोथर्मिया और सांस लेने में दिक्कत
खटीमा। नागरिक अस्पताल में नवजात का उपचार महिला सर्जन सुनीता रतूड़ी और बाल रोग विशेषज्ञ अमित बंसल कर रहे हैं। बंसल ने कहा नवजात लड़का है, जिसका जन्म घटना से कुछ घंटे पहले होने का अनुमान है। जिस समय नवजात अस्पताल लाया गया उसके मुंह और नाक में मिट्टी के कण थे।
..तो जिंदा रखने की उम्मीद से घर के पास गाड़ा खटीमा। सीओ मनोज कुमार ठाकुर ने बताया कि अब तक की पड़ताल के मुताबिक लोकलाज के भय से कोई बच्चे को गाड़ गया है। अगर बच्चे को मारने की नीयत से फेंका गया होता तो उसे कहीं भी नाले में फेंका जा सकता था। बच्चे को जमीन में गाड़ने के लिए भी ऐसी जगह को चुना गया जहां एक घर था। जिससे नवजात पर किसी की नजर पड़ जाए। घटना भी सुबह की है। नवजात आसपास के क्षेत्र से ही किसी ने वहां पर गाड़ा है। अगर इस मामले में ग्रामीण कोई तहरीर देते हैं तो केस दर्ज किया जाएगा। अन्यथा पुलिस स्वयं सुसंगत धाराओं में केस दर्ज करेगी।