कंटेनमेंट जोन से खाने को लेकर अलग-अलग डिमांड, कोविड कंट्रोल हेल्पलाइन के नंबर पर फोन कर मांग रहे मटन-चिकन
कोरोना संक्रमण का कहर जारी है। कई जगहों पर नए केसों के चलते कंटेनमेंट जोन बनाए हैं। इसके चलते लोगों को घरा से बाहर जाने की इजाजत नहीं है। ऐसे ही कंटेनमेंट जोन से कुछ लोग अलग-अलग तरह की डिमांड कर रहे...
कोरोना संक्रमण का कहर जारी है। कई जगहों पर नए केसों के चलते कंटेनमेंट जोन बनाए हैं। इसके चलते लोगों को घरा से बाहर जाने की इजाजत नहीं है। ऐसे ही कंटेनमेंट जोन से कुछ लोग अलग-अलग तरह की डिमांड कर रहे हैं। डिमांड पूरी न होने पर लोग हंगामा कर रहे हैं। उत्तराखंड के चंपावत जिले से भी कुछ ऐसा ही मामला सामने आा है। माइक्रो कंटेनमेंट जोन ढकना बडोला गांव में मटन और चिकन की मांग करते हुए यहां के लोगों ने हंगामा खड़ा कर दिया। ग्रामीणों का आरोप है गांव सील करने के बाद से उन्हें खाद्य सामग्री की आपूर्ति बंद कर दी गई है। वहीं प्रशासन का कहना है कुछ ग्रामीण चिकन, मटन आदि की अनावश्यक मांग कर कर रहे हैं। इसे लेकर कई लोग 112 और जिला कोविड कंट्रोल रूम के हेल्पलाइन नंबर पर भी बेवजह फोन कर रहे हैं। प्रशासन की टीम ने मौके पर पहुंचकर मामला शांत कराया।
मंगलवार को एसएसआई सुरेंद्र खड़ायत ने बताया कि जिले के ढकना बडोला गांव को कुछ दिन पहले ही माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाया गया है। गांव में जरूरी खाद्य सामग्री सप्लाई की व्यवस्था भी प्रशासन ने कराई है। एसएसआई ने बताया कि कुछ ग्रामीण फोन कर तरह-तरह के सामान की डिमांड कर रहे थे। साथ ही कई लोग सामान के लिए 112 नंबर पर कॉल कर रहे थे। कई लोग राशन सप्लाई करने वाले पर गैरजरूरी सामान लाने का दबाव भी बना रहे हैं। इस स्थिति को देखते हुए सोमवार शाम नायब तहसीलदार ज्योति नपलच्याल के नेतृत्व में पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव पहुंची। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीम के सामने भी माइक्रो कंटेनमेंट जोन के लोगों ने हंगामा खड़ा कर दिया। प्रशासन ने दो टूक कहा कि जरूरी खाद्य सामग्री की व्यवस्था निर्धारित दाम में कराई जाएगी। गैरजरूरी सामान की व्यवस्था नहीं की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग की ओर से टीम में डॉ.मनीष बिष्ट भी शामिल रहे।