ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तराखंडमां मैं ठीक हूं, आप समय पर खाना खाएं... उत्तरकाशी टनल हादसे में अपनों की चिंता में किसी ने त्यागा अन्न तो कोई बेसुध

मां मैं ठीक हूं, आप समय पर खाना खाएं... उत्तरकाशी टनल हादसे में अपनों की चिंता में किसी ने त्यागा अन्न तो कोई बेसुध

उत्तरकाशी टनल हादसे में अपनों की चिंता में किसी की मां, या बहन ने अन्न त्यागा तो पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है। टनल में फंसे 41 लोगों को सकुशल बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।

मां मैं ठीक हूं, आप समय पर खाना खाएं... उत्तरकाशी टनल हादसे में अपनों की चिंता में किसी ने त्यागा अन्न तो कोई बेसुध
Himanshu Kumar Lallउत्तरकाशी, लाइव हिन्दुस्तानTue, 21 Nov 2023 08:05 PM
ऐप पर पढ़ें

मां मैं ठीक हूं, आप समय पर खाना खाएं...उत्तरकाशी टनल में फंसे एक मजदूर के मैसेज ने एक बार फिर चिंता बढ़ा दी है। टनल के अंदर फंसे लोगों और टनल के बाहर अपनों का बेसब्री से इंतजार कर रहे परिजनों का भी बुरा हाल है। टनल के अंदर किसी का बेटा या भाई तो किसी का पति पिछले 10 दिनों से फंसा हुआ है।

अपनों की चिंता में किसी की मां, या बहन ने अन्न त्याग कर दिया तो पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है। टनल में फंसे 41 लोगों को सकुशल बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है, लेकिन अभी तक कोई सफलता हाथ नहीं लगी है। टनल के अंदर पाइप से एंडोस्कोपिक फ्लैक्सी कैमरे से लोगों और रेस्क्यू अभियान दल के लोगों के बीच वीडियो में बात हुई।

टनल में फंसे लोगों के साथ वीडियो में बात करने के बाद उनका हौसला जरूर बढ़ा है। लेकिन, टनल के बाहर अपनों का इंतजार कर रहे परिजनों का कहना है कि जल्द ही रेस्क्यू किया जाए। चंपावत जिले के टनकपुर के छीनीगोठ गांव निवासी पुष्कर सिंह ऐरी सिलक्यारा सुरंग में फंसे हुए हैं। परेशान मां गंगा देवी ने दो दिन से भोजन त्याग रखा है।

यह भी पढ़ें:टनल से 9 दिन बाद भी नहीं निकले लेकिन आर-पार कैसे देखी सूरत और की बात? 41 ने बयां किया फंसे होने का दर्द

उनकी तबीयत भी बिगड़ रही है। माता-पिता बेसुध होने लगे हैं। श्रावस्ती (यूपी) के मोतीपुर कला में के छह मजदूर टनल में फंसे हैं। संतोष कुमार की मां ने बताया, ‘जब तक लड़िका का नाय देख लीत है, तब तक परेशानी कम न होई।’ दादी चैनी बोलीं, ‘हम जानित यह होई जाई तौ बाहर न भेजित।

पोता बाहर आय जाई तौ मंदिर मा भागवत कथा कराइब।’ वहीं राम सुंदर के बच्चे पूछ रहे हैं कि पापा कब आएंगे। भैरमपुर के मंजीत की सलामती के लिए उसकी मां कमला ने अन्न त्याग दिया है। वह दिनभर दरवाजे पर इंतजार में बैठी रहती हैं कि मंजीत आएगा और मां कहकर बुलाएगा। मंजीत ने भाईदूज घर आने का वादा किया था। बेटा तो नहीं आया, मनहूस खबर आ गई। 

अखिलेश की गर्भवती पत्नी और दादा को खबर नहीं 
मिर्जापुर के घरवासपुर गांव में अखिलेश कुमार सिंह के घर पर सोमवार अपराह्न तीन बजे सन्नाटा पसरा था। दो साल पहले अखिलेश की निधि से शादी हुई है। पत्नी गर्भवती हैं। पत्नी और 81 वर्षीय दादा से भी पोते के टनल में फंसने की बात छुपाई है।

यह भी पढ़ें:हे भगवान! देवता और मां काली की अराधना, टनल से बाहर निकालने को ऑस्ट्रेलिया एक्सपर्ट का धासूं रेस्क्यू प्लान

मजदूर बोले, जय गंगा मैया, हमें जल्द बाहर निकालो...
उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग के अंदर छह इंच का अतिरिक्त सपोर्टिंग पाइप पहुंचने से कुछ मिनट पहले गंगोत्री के तीर्थपुरोहित सतीश सेमवाल ने पूजा की। अंदर पाइप और मशीनों पर गंगा जल छिड़ककर बाबा बौखनाग से मजदूरों के सकुशल बाहर निकलने की कामना की।

उन्होंने सुरंग में पहले से स्थापित पाइप के जरिए बातचीत की। बोले, जय गंगा मैया। अंदर से श्रमिकों ने भी आवाज दी, जय गंगा मैया। श्रमिक बोले, आप कौन हैं, तो तीर्थपुरोहित ने जवाब दिया, मैं गंगोत्री का पुरोहित बोल रहा हूं। जवाब मिला कि हम सब ठीक हैं। बस हमें जल्द बाहर निकालो।  

टनल में फंसे मजदूरों की राज्यवार संख्या
झारखंड    15
उत्तर प्रदेश    8 
ओडिशा    5
बिहार      5
पश्चिम बंगाल    3
उत्तराखंड    2
असम    2
हिमाचल प्रदेश    1 

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें