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उत्तराखंड में लड़कों से ज्यादा लड़कियां बेरोजगार, नौकरी नहीं मिलने की क्या वजह?

आंकड़ों के मुताबिक बीते 25 अप्रैल से अब तक राज्य में 36313 युवाओं ने रोजगार दफ्तरों में पंजीकरण कराया है। इनमें 17580 युवक और 18733 युवतियां शामिल हैं। युवतियों की संख्या ज्यादा है।

उत्तराखंड में लड़कों से ज्यादा लड़कियां बेरोजगार, नौकरी नहीं मिलने की क्या वजह?
Himanshu Kumar Lallहल्द्वानी, प्रमोद डालाकोटीMon, 29 Jul 2024 04:53 PM
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उत्तराखंड में लड़कों से ज्यादा लड़कियों को रोजगार की जरूरत है। बीते तीन महीने में बेरोजगार युवतियों की संख्या तेजी से बढ़ी है। वह नौकरी के लिए काम की तलाश कर रही हैं। रोजगार कार्यालय में पंजीकरण के लिए भी पहुंच रही हैं। सेवायोजन विभाग के आंकड़े इस बात की तस्दीक कर रहे हैं।

आंकड़ों के मुताबिक बीते 25 अप्रैल से अब तक राज्य में 36313 युवाओं ने रोजगार दफ्तरों में पंजीकरण कराया है। इनमें 17580 युवक और 18733 युवतियां शामिल हैं। युवकों के मुकाबले इसमें युवतियों की संख्या 1153 ज्यादा है।

देहरादून में सबसे ज्यादा पंजीकरण राज्य की राजधानी में सबसे ज्यादा बेरोजगार हैं। यहां बीते तीन महीने में 4738 युवाओं ने बेरोजगार दफ्तर में पंजीकरण कराया है। जबकि हरिद्वार में यह आंकड़ा 4111 का है। नैनीताल जिले में 3638, यूएस नगर में 3426 युवाओं ने बीते तीन महीने में नौकरी मांगी है। चम्पावत में सबसे कम 1270 युवाओं ने पंजीकरण कराया है।

जिलों में ये है स्थिति
जिला युवक युवतियां

अल्मोड़ा 1415 1450
नैनीताल 1704 1944
पिथौरागढ़ 1267 1455
यूएसनगर 1552 1874
बागेश्वर 672 726
चम्पावत 638 632
देहारादून 2106 2632
टिहरी 1191 1198
उत्तरकाशी 1622 1459
हरिद्वार 2050 2061
पौड़ी 1596 1517
चमोली 1062 1093
रुद्रप्रयाग 705 692 नोट (रोजगार कार्यालय से प्राप्त बीते तीन महीने के आंकड़े)

राज्य में बीते तीन माह में जिन लोगों ने रोजगार दफ्तर में पंजीकरण कराया है। उसमें युवतियां ज्यादा हैं। हम योग्यता के आधार पर उन्हें नौकरी के लिए जानकारी देते हैं। 
ममता चौहान नेगी, सहायक निदेशक सेवायोजन निदेशालय