जिला महिला अस्पताल की लापरवाही से प्रसूता की मौत
जिला महिला अस्पताल में कर्मचारियों की लापरवाही से एक महिला को सुरक्षित प्रसव के बाद भी अपनी जान गंवानी पड़ी। प्रसव के बाद महिला को बिना स्ट्रेचर के दूसरे वार्ड में शिफ्ट करने के दौरान वह सीढ़ियों में...
जिला महिला अस्पताल में कर्मचारियों की लापरवाही से एक महिला को सुरक्षित प्रसव के बाद भी अपनी जान गंवानी पड़ी। प्रसव के बाद महिला को बिना स्ट्रेचर के दूसरे वार्ड में शिफ्ट करने के दौरान वह सीढ़ियों में गिर गई। इससे उसकी मौत हो गई। प्रसूता की मौत से गुस्साए परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया। अस्पताल प्रबंधन घबराहट से महिला की मौत होना बता रहा है।
बागेश्वर जिले के नरगोली निवासी गिरीराज सिंह रौतेला ने बताया कि वह तीन दिन पूर्व अपनी भाभी रेनू रौतेला (28) को प्रसव के लिए जिला महिला अस्पताल लाए थे। गुरुवार को गर्भवती ने ऑपरेशन से एक बच्ची को जन्म दिया। तीन दिन से वह अस्पताल के वार्ड में भर्ती थी। शनिवार सुबह अस्पताल प्रबंधन ने प्रसूता रेनू को दूसरे वार्ड में शिफ्ट करने को कहा। इसके बाद अस्पताल का स्टाफ पैदल ही रेनू को उसी भवन के निचले कक्ष में स्थित वार्ड में ले जाने लगा। इसी दौरान रेनू सीढ़ियों से गिर गई। कुछ देर बाद ही उसकी मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि कमजोरी की अवस्था में भी रेनू को स्ट्रेचर पर नहीं रखा गया। लापरवाही का आरोप लगा रहे परिजनों की अस्पताल कर्मचारियों के साथ तीखी झड़प भी हुई। दोपहर बाद परिजन महिला के शव लेकर घर चले गए।
डॉ. जेएस नबियाल, सीएमएस जिला महिला अस्पताल पिथौरागढ़ ने बताया कि रोगियों की संख्या अधिक होने से प्रसूता को तीन दिन बाद दूसरे वार्ड में शिफ्ट किया गया। इसी दौरान घबराहट में प्रसूता सीढ़ियों से गिर गई। विशेषज्ञ डॉक्टर बुलाकर महिला का इमरजेंसी में इलाज किया गया, लेकिन महिला के हृदय और किडनी ने काम करना बंद कर दिया था।
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