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मौसम की मार:गंगोत्री-यमुनोत्री हाईवे सहित चार एनएच और 53 सड़कें बंद, जगह-जगह फंसे यात्री

उत्तराखंड में बारिश और बर्फबारी के बाद लोगों की मुश्किलें भी बढ़ गईं हैं। गंगोत्री-यमुनोत्री सहित चार नेशनल हाईवे सहित सड़कें बंद होने की वजह से जगह-जगह यात्री फंसे हैं। नोडल एजेंसी की ओर...

मौसम की मार:गंगोत्री-यमुनोत्री हाईवे सहित चार एनएच और 53 सड़कें बंद, जगह-जगह फंसे यात्री
हिन्दुस्तान टीम, देहरादूनMon, 24 Jan 2022 05:22 PM
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उत्तराखंड में बारिश और बर्फबारी के बाद लोगों की मुश्किलें भी बढ़ गईं हैं। गंगोत्री-यमुनोत्री सहित चार नेशनल हाईवे सहित सड़कें बंद होने की वजह से जगह-जगह यात्री फंसे हैं। नोडल एजेंसी की ओर से बंद रूटों को खोलने का कार्य किया जा रहा है, लेकिन पहाड़ पर लगातार हो रही बारिश से बंद सड़कों को खाेलने में काफी परेशनी का सामना करना पड़ा रहा है। बारिश और बर्फबारी के बाद 53 सड़कें सहित चार नेशनल हाईवे और 15 स्टेट हाईवे बंद हो गए हैं। 

लोक निर्माण विभाग, के अनुसार राज्य में बारिश और बर्फबारी की वजह से 53 प्रमुख सड़कें बंद हैं। इनमें चार राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ ही 15 राज्य मार्ग भी शामिल हैं। इससे लोगों को आवाजाही में भारी परेशानी हो रही है और जनजीवन अस्त व्यस्त हो रहा है। दरअसल राज्य में पिछले कई दिनों से मौसम खराब है और बारिश, बर्फबारी की वजह से सड़कों के बंद होने से आम लोगों को खासी मुशीबतों का सामना करना पड़ रहा है। 

लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता केपी उप्रेती ने बताया कि राज्य में मुख्य रूप से 53 सड़कें बंद हैं जिससे लोगों को आवाजाही में परेशानी हो रही है। उन्होंने बताया कि इन सड़कों को खोलने के लिए 61 मशीनों को तैनात किया गया है। राज्य में 16 सड़कें पहले से बंद थी जबकि 37 सड़कें सोमवार को बंद हुई हैं। बंद सड़कों पर भारी मात्रा में बर्फ जमा होने की वजह से उन्हें खोलने में दिक्कत आ रही है।

उत्तरकाशी जिले के ऊंचाई वाले इलाकों में तीन दिन से बारिश और बर्फबारी का सिलसिला जारी है। बर्फबारी के चलते जनपद के 60 से अधिक गांवों का जिला और तहसील मुख्यालय से संपर्क कट चुका है। ग्रामीण घरों में कैद होकर रह गए हैं। गंगोत्री व यमुनोत्री हाईवे पर 25 किमी से ज्यादा हिस्से पर बर्फबारी के कारण यातायात ठप पड़ा हुआ है। इसके साथ ही दर्जनभर से अधिक लिंक मार्ग अवरुद्ध होने से ग्रामीण क्षेत्रों में मुश्किलें बढ़ गई हैं। सीमातं जनपद उत्तरकाशी में लगातार बारिश और बर्फबारी से जन-जीवन खासा प्रभावित हो चला है।

गंगोत्री यमुनोत्री के अलावा हर्षिल, जानकी चट्टी, रैथल, बार्सू, गंगनानी, जखोली, सांकरी आदि जगह बर्फबारी से ढक गए हैं। गंगोत्री हाईवे सुक्खी टॉप से आगे गंगोत्री तक बर्फबारी के कारण यातायात के लिए पूरी तरह बाधित है। वहीं यमुनोत्री हाईवे राडी टॉप पर बस फंसने के कारण आवाजाही के लिए बाधित हो गया। हनुमानचट्टी से स्यानाचट्टी तक बर्फबारी के कारण हाईवे ठप है। उत्तरकाशी से लंबगांव श्रीनगर मार्ग चौरंगी के आसपास बंद है। बर्फबारी के कारण सुदूरवर्ती मोरी क्षेत्र के 42 गांव और पुरोला व भटवाड़ी ब्लॉक के लगभग 20 गांव जिला मुख्यालय से कट चुके हैं।

बर्फबारी से थल-मुनस्यारी सड़क बंद, 30 हजार की आबादी परेशान
बर्फबारी से पिथौरागढ़ के लोगों की दुश्वारियां बढ़ गई हैं। कुछ घंटे खुलने के बाद फिर से हुई भारी बर्फबारी से पर्यटन नगरी को जोड़ने वाली प्रमुख थल-मुनस्यारी सड़क बंद है। आवाजाही ठप रहने से हिमनगरी सहित आसपास की करीब 30 हजार से अधिक की आबादी को खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है। हिमनगरी व उसके आसपास के इलाकों में बर्फबारी जारी है।

बीते रविवार रात यहां जमकर हिमपात हुआ और सड़क पर बर्फ की 6 से 8 इंच मोटी चादर बिछने से हिमनगरी को जोड़ने वाली प्रमुख थल-मुनस्यारी सड़क बंद हो गई। कालामुनी, बलाती, पातलथौड़ सहित विभिन्न हिस्सों में कई पर्यटक, यात्री व माल वाहक वाहन फंसे रहे। बर्फबारी के बीच पर्यटकों व यात्रियों को वाहनों में बैठकर पूरे दिन सड़क खुलने का इंतजार करना पड़ा।

बावजूद इसके उन्हें मायूसी हाथ लगी। कड़ी मशक्कत के बाद भी लोनिवि को सड़क से बर्फ हटाने में कामयाबी नहीं मिल सकी। बर्फ हटाने में लोनिवि के पसीने छूट रहे हैं और यात्रियों व पर्यटकों के पास माइनस 6 डिग्री के बीच वाहनों में बैठकर सड़क खुलने का इंतजार करने के अलावा कोई चारा नहीं है।

सब्जी व रसोई गैस की सप्लाई अटकी
सड़कों पर बर्फ की मोटी चादर जमा है, जिसके बीच वाहनों की आवाजाही खासी मुश्किल है। सड़क बंद होने से सप्लाई भी पूरी तरह लड़खड़ा गई है। यहां तक कि सब्जी व रसोई गैस के वाहनों का मुनस्यारी पहुंचना मुश्किल हो गया है। समय बीतने के साथ ही स्थानीय दुकानों से सब्जी गायब होने लगी है। लोग कड़ाके की ठंड में रसोई गैस के लिए जूझ रहे हैं।

48 में से महज 7 घंटे खुली सड़क
सरकारी मशीनरी बर्फबारी से निपटने के दावे तो कर रही है। लेकिन ये सभी दावे धरातल पर बेअसर साबित हो रहे हैं। बर्फबारी के बाद बीते शनिवार को थल-मुनस्यारी सड़क बंद हो गई थी। दूसरे दिन लोनिवि ने बमुश्किल सड़क से बर्फ हटाकर आवाजाही शुरू कराई। लेकिन महज 7 घंटे बाद ही फिर से सड़क बंद हो गई। 17 घंटे बीतने के बाद भी लोनिवि सड़क पर आवाजाही शुरू नहीं करा सका। जबकि विभाग पर्याप्त मशीनरी होने के दावे कर रहा है।

सड़क खोलने के लिए तीन जेसीबी लगाए गए हैं। लगातार हो रही बर्फबारी से दिक्कत हो रही है। विभाग तत्परता से काम कर रहा है। जल्द सड़क खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं।
पीपी गोस्वामी, उपखंड अधिकारी, लोनिवि, मुनस्यारी

बर्फबारी से पौड़ी की कई सड़कें रही बाधित
सोमवार को भी सुबह से बारिश होती रही। बारिश से दिनभर ठिठुरन होती रही। बारिश व बर्फबारी से जिले के थलीसैंण-चौंरीखाल-चिपलघाट, संतुधार-चौबटटाखाल-चौंरीखाल मोटर मार्ग पर बर्फबारी होने के चलते सुबह के वक्त बंद हो गए थे। बर्फ हटाने पर दोपहर बाद इन मार्गो को आवाजाही के लिए खोला जा सका।

पिछले दो दिनों से मौसम में आए बदलाव से एक बार फिर शीतलहर बढ़ गई है। बारिश व बर्फबारी से सोमवारी की सुबह के वक्त तीन मार्ग अवरुद्व हो गए थे। जिनमें दो मार्गों को खोल दिया गया था जबकि बर्फ से अवरुद्व थलीसैंण- बूंगीधार- जानल-मनिला मोटर मार्ग के अलावा मरचूला-सराईखेत-बैंजरों-पोखड़ा-सतपुली मोटर मार्ग को खोलने के लिए जेसीबी लगाई गई थी।

बर्फबारी से जौनसार बावर में बढ़ी दुश्वारियां, आठ मार्ग बंद
साहिया/चकराता। 
जौनसार बावर के ऊंचे इलाकों में हुई बर्फबारी से जहां एक ओर यहां पर्यटकों की आमद बढ़ी है, वहीं दूसरी ओर स्थानीय ग्रामीणों का जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है। क्षेत्र के कई मार्ग बंद होने से ग्रामीणों का आवागमन ठप हो गया है। बर्फबारी प्रभावित लोखंडी, जाड़ी, लोहारी, मुंगाड, उदांवा, बुरायला, जगथान, बायला, सैंज, कुनैन, कोटी-कनासर, मशक, अमराड़, जबराड़, पुनिग, बिनसोन, गोरछा, रजाणू, पिगुवा, ठारठा, बुल्हाड़, बेगी, बागनी, कुताड़, खरोड़ा और शिलगांव खत व मोहन खत से जुड़े करीब 60 गांवों में हजारों की आबादी घरों में कैद होकर रह गई।

यहां दारागाड-कथियान मोटर मार्ग का दस किमी हिस्सा बफबारी से बंद हो गया है। इसके साथ ही चकराता-त्यूणी मोटर मार्ग, चकराता-लाखामंडल मोटर मार्ग, कथियान-डांगूठा मोटर मार्ग, गौराघाटी-मानथात, खारसी मार्ग, कोटी-कनासर, बौराड़ मार्ग, रिखाड़- बिसोई मार्ग बंद हो गए हैं। जिससे करीब सौ गांवों के ग्रामीण घरों में ही कैद हो गए हैं। उधर, लोनिवि चकराता के अधिशासी अभियंता एमएस बेलवाल ने बताया कि सभी बंद मार्गों से बर्फ हटाने का काम शुरु कर दिया गया है, जल्द ही यातायात बहाल कर दिया जाएगा।

बर्फ को पिघलाकर खाना पका रहे लोग
त्यूणी।
क्षेत्र के ऊंचाई वाले ग्रामीण इलाकों में एक से तीन फुट के बीच बर्फ की मोटी परत जमने से कई गांवों में पेयजल आपूर्ति ठप पड़ गई। जलस्त्रोत जमने से ग्रामीण इलाकों के लिए बिछाई गई पेयजल लाइन में पानी नहीं चल रहा। ऐसे में लोग बर्फ को पिघालकर किसी तरह अपना गुजारा चला रहे हैं। जौनसार में सोमवार से शुरू होने वाले परंपरागत माघ-मरोज पर्व के लिए कई ग्रामीण परिवार बाजार से घर का जरूरी सामान नहीं ला पा रहे। इसके अलावा ग्रामीण पशुपालकों के सामने जंगल से चारापत्ती लाने की समस्या अलग से खड़ी हो गई।

पहाड़ में पशुपालन व्यवसाय से जुड़े कई ग्रामीण पैदल रास्ते बंद होने के कारण चारापत्ती और चूल्हे में जलौनी लकड़ी की व्यवस्था नहीं कर पा रहे हैं। स्थानीय फतेह सिंह, शूरवीर सिंह, सुरेंद्र दत्त ने जिला प्रशासन से जौनसार बावर के बर्फबारी प्रभावित ग्रामीण इलाकों में यातायात सेवा, राशन, पेयजल, दवा और अन्य जरूरी सुविधाएं जल्द संचालित करने की मांग की है।

बारिश और बर्फबारी के बाद गिरा तापमान, ठिठुरन बढ़ी
खराब मौसम के चलते जन जीवन प्रभावित हो रहा है, बीते रविवार को बिनसर समेत कई स्थानों में बर्फबारी ने ठिठुरन बढ़ा दी है। बिनसर में पारा माइनस तीन तक पहुंच गया है। खराब मौसम के चलते लोग घरों के अंदर दुबकने को मजबूर हो गए हैं। सोमवार को भी मौसम के तल्ख तेवर जारी रहे। दिन की शुरुआत घने बादलों के साथ हुई। इसके बाद दिन भर मौसम पल-पल बदलता रहा। घने बादलों से पटे आसमान और दिन भर रुक-रुक कर हुई बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा। बादल छाने से सूर्य के दर्शन नहीं हो सके।

इससे लोगों को ठिठुरन भरी ठंड का सामना करना पड़ा। लोग ठंड से बचने के लिए अलाव और हीटर का सहारा लेते हुए दिखाई दिए। लोग जरूरी काम से ही घरों से बाहर निकले। इसके चलते बाजारों में भी अन्य दिनों की अपेक्षा भीड़ कम देखने को मिली। अल्मोड़ा में अधिकतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हालांकि ठंड से बचाव के लिए पालिका की ओर से कई स्थानों पर अलाव जलाए गए। इससे राहगिरों ने राहत की सांस ली।

बारिश से रिखाड़ी-बाछम मोटर मार्ग बंद
बागेश्वर जिले में पिछले छह दिन से मौसम का मिजाज पूरी तरह बदला हुआ है। रविवार की रातभर जिले में बारिश होती रही, जबकि कपकोट उच्च हिमालयी क्षेत्र में बर्फबारी से गांव लकदक हैं। बारिश और बर्फबारी के कारण रिखाड़ी-बाछम मोटर मार्ग किमी 29, 30, 31 तथा 32 में मलबा आने से बंद है। इससे ग्रामीणों की परेशानी बढ़ गई है। तहसील प्रशासन ने लोनिवि को मार्ग खोलने के निर्देश दे दिए हैं।

जिला आपदा प्रबंधन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार रविवार की रात कपकोट तहसील के कर्मी, विनायक गांव में लगभग आधे फिट तथा झूनी, खलझूनी इत्यादि स्थानों में लगभग एक इंच से दो इंच तक बर्फबारी हुई है। इसके अलावा घाटी वाले क्षेत्र में बारिश होती रही। लगातार हो रही बारिश और बर्फबारी से ठंड में इजाफा होने लगा है।

मलबा आने से रिखाड़ी-बाछम मोटर मार्ग बंद है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी शिखा सुयाल ने बताया कि जिले में कहीं से भी आपदा की कोई सूचना अभी तक नहीं है। बंद मार्ग खोलने के लिए जेसीबी भेजी गई हैं। बागेश्वर ब्लॉक में 2.5, गरुड़ छह तथा कपकोट में 2.5 एमएम बारिश हुई है। अभी मौसम बर्फबारी का बना हुआ है।

 

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