उत्तराखंड की मेजर सुमन गवानी बनेंगी पहली भारतीय जिन्हें मिलेगा यूएन का एडवोकेट ऑफ द ईयर अवार्ड
भारतीय सेना में मेजर सुमन गवानी को संयुक्त राष्ट्र सैन्य जेंडर एडवोकेट ऑफ द इयर अवार्ड 2019 के लिए चुना गया है। सुमन पहली भारतीय हैं जिन्हें यह सम्मान मिलने जा रहा है। सुमन आगामी 29 मई को...

भारतीय सेना में मेजर सुमन गवानी को संयुक्त राष्ट्र सैन्य जेंडर एडवोकेट ऑफ द इयर अवार्ड 2019 के लिए चुना गया है। सुमन पहली भारतीय हैं जिन्हें यह सम्मान मिलने जा रहा है।
सुमन आगामी 29 मई को संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ऑनलाइन कार्यक्रम में सम्मानित करेंगे। सुमन भारतीय सेना के लिए दक्षिण सूडान में एक सैन्य पर्यवेक्षक के रूप में संयुक्त राष्ट्र के मिशन पर तैनात रही हैं।
जहां उन्होंने उल्लेखनीय भूमिका निभाई है। 29 मई को संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों के अंतरराष्ट्रीय दिवस के अवसर पर उन्हें ऑनलाइन सम्मानित किया जाएगा। यह पहली बार है कि यह प्रतिष्ठित पुरस्कार किसी भारतीय शांतिदूत को मिल रहा है।
भारत स्थित संयुक्त राष्ट्र के सूचना केंद्र के हवाले से ये जानकारी दी गई है। मेजर सुमन ने बताया कि उन्हें इस सम्मान के लिए न्यूयार्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय जाना था मगर कोविड लॉकडाउन के कारण अब ये सम्मान उन्हें वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए दिया जाएगा।
मूल रूप से टिहरी के पोखर गांव की रहने वाली सुमन की स्कूली शिक्षा उत्तरकाशी और टिहरी में हुई है। उन्होंने दून के डीएवी पीजी कालेज से बीएड किया है। 2010 में उन्होंने भारतीय सेना में बतौर अफसर प्रशिक्षण पूरा किया।
उनके पिता प्रेम सिंह गवानी अग्निशमन विभाग से रिटायर्ड हैं। जबकि माता कविता गृहणीं हैं। वे तीन भाई बहन हैं। सबसे छोटा भाई नागेन्द्र गवानी वायु सेना में और बहन शशि गवानी थल सेना में अफसर हैं।
