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पापा! खंडूड़ीजी ने कारगिल को सड़क दी मैंने कुपवाड़ा को- मेजर चित्रेश बिष्ट

मेजर चित्रेश बिष्ट ने जीवन के एक सपने को शिद्दत से पूरा किया। मेजर जनरल (रि.)भुवन चंद्र खंडूड़ी मेजर चित्रेश के रोल मॉडल रहे। इंजीनियरिंग कोर ज्वाइन करने के साथ ही चित्रेश का सिर्फ एक ही मिशन था। कहते...

पापा! खंडूड़ीजी ने कारगिल को सड़क दी मैंने कुपवाड़ा को- मेजर चित्रेश बिष्ट
देहरादून, संतोष चमोलीMon, 18 Feb 2019 11:24 AM
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मेजर चित्रेश बिष्ट ने जीवन के एक सपने को शिद्दत से पूरा किया। मेजर जनरल (रि.)भुवन चंद्र खंडूड़ी मेजर चित्रेश के रोल मॉडल रहे। इंजीनियरिंग कोर ज्वाइन करने के साथ ही चित्रेश का सिर्फ एक ही मिशन था। कहते थे खंडूड़ी जी ने कारगिल की सड़क बनाई, मैं कुपवाड़ा की सड़क बनाऊंगा। जब चित्रेश के नेतृत्व में यह सड़क बन गई तो वह इस सड़क को दिखाने के लिए मां-पिताजी को भी कश्मीर ले गए थे। .

गढ़वाल सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी ने पार्षद अजय सिंघल के फोन के माध्यम से शहीद मेजर के पिता एसएस बिष्ट से बात की। जैसे ही अजय सिंघल ने उन्हें बताया कि खंडूड़ी जी बात करना चाह रहे हैं, तो एसएस बिष्ट फोन पर रोते हुए कहने लगे, खंडूड़ी साहब आपने ही कहा था बेटे को सेना में जाने दो, लो चला गया वो। याद है न जब मैंने उसे समझाने के लिए आपके पास भेजा था। लौटकर तो वह एक और बात कहने लगा था कि खंडूड़ी जी ने कारगिल की सड़क बनाई है, मैं कुपवाड़ा की सड़क बनाऊंगा। सड़क भी बना दी और चला भी गया। .

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मौका ही नहीं दिया कुछ को करता 

बड़े बेटी की शादी के बाद से ही परिवार चित्रेश के लिए लड़की ढूंढ रहा था, लेकिन मांगलिक होने की वजह से मांगलिक लड़की ढूंढते रहे और वह टालता रहा। चित्रेश के पिता एसएस बिष्ट ने कहा कि मेरा एक ही काम था अब उसकी शादी कर जाता, लेकिन मौका नहीं दिया। 2015 से ढूंढ रहा था उसके लिए लड़की। कह भी रहा था कि रिटायरमेंट लेकर आ जा, अपना काम शुरू कर लेना, लेकिन कहां सुनने वाला था, कहता था अभी से घर बैठकर क्या करूंगा। 

दो बार बचकर आए थे पहले भी

पिता एसएस बिष्ट कहते हैं कि पहले भी दो बार बचकर आया। एक बार तो अंबुस में उनकी पूरी टीम घिर गई थी। तब उसका फोन आया था कि पापा फंसे हैं, कह रहा था मैं तो निकल जाऊंगा, लेकिन बाकी साथी नहीं बचेंगे। मैंने उसे कहा था भाग जा, क्यों आत्महत्या करने जा रहा है, लेकिन तब भी उसने नहीं सुनी थी। कह रहा था भगोड़ा थोड़ी बनूंगा बिग बॉस। जहां जाएंगे, सब जाएंगे। जब वह पूरी टीम को बचाकर लाया था। सेना मेडल मिला था उसे। एक बार और कुपवाड़ा में उसकी पूरी जिप्सी गहरी खाई में गिर गई थी। तब कूदकर जान बचाई थी उसने, लेकिन इस बार खुद को नहीं बचा पाया। कहता रह गया, लेकिन उसने सुनी कहां। 

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