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मदरसा शिक्षकों को मानदेय न मिलने पर अल्पसंख्यक आयोग सख्त

तीन साल से उत्तराखंड के मदरसा शिक्षकों को मानदेय न मिलने पर अल्पसंख्यक आयोग ने सख्ती अख्तियार की है। अल्पसंख्यक आयोग उत्तराखंड ने केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के एमएचआरडी के सचिव को नोटिस जारी...

मदरसा शिक्षकों को मानदेय न मिलने पर अल्पसंख्यक आयोग सख्त
चांद मोहम्मद ,देहरादूनFri, 13 Sep 2019 02:19 PM
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तीन साल से उत्तराखंड के मदरसा शिक्षकों को मानदेय न मिलने पर अल्पसंख्यक आयोग ने सख्ती अख्तियार की है। अल्पसंख्यक आयोग उत्तराखंड ने केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के एमएचआरडी के सचिव को नोटिस जारी किया है। मंत्रालय के सचिव से 15 दिन के भीतर रिपोर्ट तलब की है। 
उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष डा. आरके जैन ने बताया कि शिक्षा सचिव डा. भूपेंद्र कौर औलख और अल्पसंख्यक कल्याण के अपर सचिव डा. रणवीर सिंह की ओर से केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय को इस संबंध में पूर्व में पत्र भेजा गया था। इसीक्रम में आयोग ने भी मंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक को कार्यवाही के लिए पत्र भेजा था। लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। आयोग अध्यक्ष डा. जैन ने बताया कि मदरसा शिक्षकों को तीन साल से मानदेय नहीं मिलने से पढ़ाई प्रभावित हो रही है। तीन साल का 30 करोड़ 54 लाख रुपये बकाया है। मानदेय नहीं मिलने से शिक्षकों के परिवार की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई है। कई मदरसों में शिक्षक नौकरी छोड़ चुके हैं और नए शिक्षक आने को तैयार नहीं हैं। इससे यहां पर पढ़ाई प्रभावित हो रही हैं। 

मदरसा शिक्षक बोले, गुहार लगाते हुए थक गए हम 
मदरसा शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष मोहम्मद इस्लाम, पदाधिकारी तहसीन खान, यशवीर रौतेला, साजिदा, दीपा राणा, इशरान अली, विशाल, सरफराज नवाज, अब्दुल गफ्फार आदि ने बताया कि भारत सरकार की एसपीक्यूईएम (स्कीम फॉर प्रोवाइडिंग क्वालिटी एजूकेशन इन मदरसा) के तहत प्रदेश के 248 मदरसों में करीब 700-750 शिक्षक तैनात हैं। तीन साल मानदेय नहीं मिला है, जिससे उनके सामने आर्थिक संकट पैदा हो गया है। बताया कि उत्तराखंड शासन, विधायकों, सांसदों से लेकर मंत्रियों तक से कई बार गुहार लगा चुके हैं। कई बार दिल्ली जा चुके हैं, लेकिन कही उनकी सुनवाई नहीं होती हैं। अब हम गुहार लगाते लगाते थक गये हैं, आयोग द्वारा संज्ञान लेने पर उनकी उम्मीद जगी है।

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