चार धाम यात्रा में अव्यवस्थाओं का अंबार, बीकेटीसी पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने पूछा-क्या कर रही है सरकार
गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा 2022 भी शुरू हो गई। बीकेटीसी के पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने सरकार को जमकर कोसा है। यात्रियों को परेशानी हाे रही है
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बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं को लेकर सरकार को कठघरे में किया। कहा कि समय रहते व्यवस्थाएं दुरूस्त न करने की वजह से यात्रियों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। बकौल गोदियाल, पर्यटन मंत्री और दो-दो प्रभारी मंत्रियों की तैनाती के बावजूद सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हुई।
गोदियाल इन दिनों चारधाम यात्रा मार्ग पर भ्रमण पर हैं। गोदियाल ने 'हिन्दुस्तान' से कहा कि यात्रा मार्ग पर जगह जगह जांच की जा रही है। रजिस्ट्रेशन केंद्रों में संसाधन और कर्मचारी न होने से लोगों को लंबी लंबी कतारें लगानी पड़ रही हैं। हजारों यात्री दर्शन की बारी आने के इंतजार में जगह जगह रुके हुए हैं।
सबसे चिंताजनक बात यह है कि लोगों को पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाएं तक नहीं मिल पा रही है। नतीजा यह है कि आए दिन यात्रियों के साथ अनहोनी की खबरें आ रही हैं। गोदियाल ने कहा कि पर्यटन मंत्री पहले तो यात्रा के दौरान ही विदेश चले गए और आए तो भी उनके फोकस में यात्री नहीं हैं।
सरकार ने व्यवस्थाएं सुधारने के लिए जिन दो मंत्रियों को प्रभारी बनाया है, वो भी केवल औपचारिकताएं करते ही नजर आ रहे हैं। स्थानीय लोगों की सहायता से व्यवस्थाओं को सुधारने के बजाए सरकार लोगों को डराने-धमकाने का काम कर रही है। गोदियाल ने कहा कि सरकार को देखकर लगता है कि उसे चारधाम से ज्यादा चंपावत उपचुनाव की ज्यादा चिंता है।
सारी कैबिनेट चंपावत में ही डटी है। गोदियाल ने कहा कि आने वाले कुछ समय में मानसून सीजन शुरू हो जाएगा। उत्तराखंड का पर्वतीय क्षेत्र संवेदनशील क्षेत्रों में शामिल हैं। सरकार के पास उस दौरान यात्रा की व्यवस्थाओं के लिए कोई कार्ययोजना तक नहीं है।
चारधाम यात्रा उत्तराखंड की प्रतिष्ठा और अर्थव्यवस्था से भी जुड़ी है। यात्रा की व्यवस्थाएं ऐसी होनी चाहिए जिससे देशदुनिया में उत्तराखंड की एक शानदार छवि उभरे। लेकिन वर्तमान भाजपा सरकार इन उम्मीदों पर खरी नहीं उतर रही।
गणेश गोदियाल, पूर्व अध्यक्ष-बीकेटीसी