हाईवे पर भूस्खलन लगातार बढ़ा रहा टेंशन, केदारनाथ यात्रा रोकी-यात्री परेशान
इस कारण करीब एक हजार यात्री घंटों तक फंसे रहे। अपराह्न तीन बजे इस मार्ग को छोटे वाहनों के लिए खोल दिया गया। इसके अलावा सोनप्रयाग में एक अन्य स्थान पर चट्टान टूट गई। यात्री परेशान हुए।
उत्तराखंड में भारी बारिश और भूस्खलन ने तबाही मचा रखी है। केदारनाथ हाईवे पर शनिवार को भूस्खलन से तीर्थ यात्रा प्रभावित हुई। इस कारण करीब एक हजार यात्री घंटों तक हाईवे पर फंसे रहे। केदारनाथ हाईवे पर शुक्रवार रात से लेकर शनिवार शाम तक कई जगह भूस्खलन की घटनाएं हुईं।
मुनकटिया में शनिवार दोपहर पहाड़ी से गिरे मलबे की चपेट में आकर मध्य प्रदेश की महिला यात्री घायल हो गई। इससे पहले सुबह सोनप्रयाग के पास 200 मीटर सड़क ध्वस्त हो गई। प्रशासन ने सुरक्षा के लिहाज से यात्रियों को सोनप्रयाग एवं गौरीकुंड के आसपास ही रोक दिया।
इस कारण करीब एक हजार यात्री घंटों तक फंसे रहे। अपराह्न तीन बजे इस मार्ग को छोटे वाहनों के लिए खोल दिया गया। इसके अलावा सोनप्रयाग में एक अन्य स्थान पर चट्टान टूट गई।
गंगोत्री में निचले इलाके खाली कराए
गंगोत्री में शनिवार को भागीरथी का जलस्तर अचानक बढ़ गया। भागीरथी शिला के पास प्रशासन ने किनारे की दुकानों, आश्रमों और कुटियाओं को खाली कराया। शिवानंद कुटीर आश्रम में फंसे साधुओं को निकाला।
दूसरी तरफ रुद्रप्रयाग से गौरीकुंड के मध्य शनिवार को केदारनाथ हाईवे जरूरी बाधित रहा, लेकिन गौरीकुंड से केदारनाथ के बीच पैदल यात्रा निर्बाध रूप से जारी रही। शनिवार को गौरीकुंड से दो हजार यात्री केदारनाथ गए।
सीएम धामी ने दिए यह निर्देश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों तत्काल मौके पर जाकर राहत-बचाव को तेजी से करने के निर्देश दिए। कहा कि बारिश की वजह से प्रभावित हुई जनसुविधाओं को जल्द से जल्द बहाल किया जाए। शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को घटना स्थल पर जाकर राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा करने को कहा है। नीति आयोग की बैठक और सीएम कानक्लेव की वजह से मुख्यमंत्री बीते रोज से दिल्ली में हैं। आपदाओं की जानकारी मिलने पर उन्होंने दिल्ली से ही अधिकारियों से हालात का अपडेट लिया। गढ़वाल मंडल आयुक्त विनय शंकर पांडे और टिहरी डीएम को मयूर दीक्षित को राहत एवं बचाव कार्य चलाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा की वजह से हुई क्षति बेहद दुखद है। संवेदनशील क्षेत्र के लोगों को सुरक्षित स्थान शिफ्ट करने के निर्देश दे दिए गए हैं। राहत कैंपों में बिजली, पेयजल, भोजन और वस्त्रत्त् आदि की व्यवस्था प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित किया जाएगा।
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