आपदा की आहट तो नहीं? बागेश्वर की शंभू नदी पर बनी झील, लगातार बह रहा पानी
बरसाती मौसम में आपदा के लिहाज से उत्तराखंड के पर्वतीय जिले संवेदनशील माने जाते हैं। बागेश्वर के कपकाेट में शंभू नदी पर झील बन गई है। चिंता की बात है कि झील से लगातार पानी बह रहा है।
इस खबर को सुनें
बागेश्वर के कपकोट क्षेत्र के कुंवारी गांव के पास पिंडर की सहायक नदी शंभू नदी में पहाड़ का मलबा आने से झील बनने की सूचना के बाद तहसील प्रशासन में हड़कंप मच गया। तहसीलदार पूजा शर्मा के नेतृत्व में प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और मौका मुआयना कर लौट आई है। टीम ने बताया कि झील से कुंवारी गांव को कोई खतर नहीं है।
गांव झील से चार किमी दूर ऊंचाई पर बसा है। झील से पानी भी लगातार बह रहा है। मालूम हो कि तहसील प्रशासन को रविवार को सूचना मिली की भूस्खलन के मलबे से शंभू नदी में झील बन गई है। इससे क्षेत्र को नुकसान हो रहा है। इसके बाद तहसीलदार, कानूनगो, राजस्व उपनिरीक्षक तथा लोनिवि और पीएमजीजएसवाई के ईई मौके पर पहुंचे।
लौटने के बाद उन्होंने बताया कि पहाड़ का मलबा आने से नदी में झील बन गई है, लेकिन इससे किसी तरह का कोई खतरा नहीं है। झील से धीरे-धीरे पानी बह रहा है। नदी संकरी होने से यहां हर साल इस तरह की दिक्कत होती है, लेकिन धीरे-धीरे पानी अपना रास्ता बना लेता है।
कुंवारी गांव में रह रहे लोगों को किसी तरह का इससे खतरा नहीं है, गांव जहां झील बनी है उससे करीब चार किमी दूर ऊंचाई पर बसा है। शंभू नदी पिंडर में मिलकर नारायण बगड़ की ओर रुख करती है। एसडीएम पारितोष वर्मा ने बताया कि कुंवारी गांव के 18 परिवार विस्थापित होने हैं। उन्हें धनराशि भी दे दी गई है, लेकिन परिवार विस्थापित नहीं हो रहे हैं।
शंभू नदी में बनी झील पूरी तरह बंद नहीं हुई है, अब तक झील में 6500 क्यूसेक पानी जमा है। सिंचाई विभाग ने करीब साढ़े नौ लाख का इस्टीमेट बना लिया है। मंगलवार से झील को खोलने का काम शुरू किया जाएगा और दो तीन दिन में उसे पूरा खोल दिया जाएगा।
विनीत कुमार, जिलाधिकारी, बागेश्वर