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कोरोना इफेक्ट:सावन में बाबा केदार की पूजा थाली पर नहीं सज रहा राज्य फूल ब्रह्मकमल

भगवान शिव को सावन में बेल पत्र और ब्रह्मकमल अति प्रिय हैं इसलिए बड़ी संख्या में भक्त सावन के मौके पर शिवालयों में बाबा को उनकी प्रिय वस्तु अर्पित करते हैं किंतु बीते दो साल से कोविड संकट के चलते...

कोरोना इफेक्ट:सावन में बाबा केदार की पूजा थाली पर नहीं सज रहा राज्य फूल ब्रह्मकमल
हिन्दुस्तान टीम, रुद्रप्रयाग। बद्री नौटियाल Tue, 03 Aug 2021 01:25 PM

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भगवान शिव को सावन में बेल पत्र और ब्रह्मकमल अति प्रिय हैं इसलिए बड़ी संख्या में भक्त सावन के मौके पर शिवालयों में बाबा को उनकी प्रिय वस्तु अर्पित करते हैं किंतु बीते दो साल से कोविड संकट के चलते केदारनाथ धाम में बाबा केदार को कम संख्या में ही ब्रह्मकमल चढ़ पा रहे हैं। यात्रा के दौरान पूजा की थाली में यात्री को ब्रह्मकमल की माला भी दी जाती है ताकि वह भगवान को इसके चढ़ा सके। ऐसी मान्यता है कि सावन की संक्रांति से बाबा केदार को ब्रह्मकमल चढ़ाने की परम्परा है। हालांकि बड़ी संख्या में भक्त बेल पत्र और जलाभिषेक के लिए शिव धामों तक पहुंचते हैं। 

कठिन मार्ग में होने वाली बाधाओं के बाद भी भक्त सावन में शिव धामों को पहुंचते हैं किंतु बीते दो साल से आम यात्री बाबा के करीब नहीं पहुंच पा रहे हैं। बीते वर्ष भी कुछ समय के लिए यात्रा खोली तो गर्भ गृह में जाने की अनुमति नहीं मिली। जबकि इस बार अभी तक यात्रा बंद है। ऐसे में सावन पर केदारनाथ में मौजूद तीर्थपुरोहित और देवस्थानमं बोर्ड के पुजारी, वेदपाठी और कर्मचारी ही बाबा को ब्रह्मकमल चढ़ा पा रहे हैं। सोमवार के दिन विशेष रूप से ब्रह्मकमल को भगवान शिव की चरणों में अर्पित किया जाता है।

मान्यता है कि बाबा केदार को ब्रह्मकमल बहुत प्रिय होते हैं और इसके चढ़ाने से भगवान प्रसन्न होते हैं। देवस्थानमं बोर्ड के यात्रा प्रभारी एवं प्रशासनिक अधिकारी युद्धवीर पुष्पवाण ने बताया कि इस बार कम मात्रा में ही ब्रह्मकमल बाबा को चढ़ रहे हैं। जो लोग केदारनाथ में मौजूद हैं वही पुष्प अर्पित कर रहे हैं। इस पविद्ध पुष्प को वासुकीताल और इसके आसपास से लाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कोरोना काल से पहले बाबा केदार को बड़ी संख्याम ें स्थानीय श्रद्धालुओं के साथ ही तीर्थयात्री भी ब्रह्मकमल चढ़ाते थे।  

 

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