केदारनाथ-बदरीनाथ सहित चार धाम में लौटी रौनक, दर्शन को 69 हजार ई-पास जारी
केदारनाथ-बदरीनाथ सहित चार धाम यात्रा को लेकर तीर्थ यात्रियों में विशेष उत्साह नजर आ रहा है। चारों धामों के लिए 69217 ई पास जारी किए जा चुके हैं।चारधाम यात्रा को उत्तराखंड से बाहर के श्रृद्धालुओं...
केदारनाथ-बदरीनाथ सहित चार धाम यात्रा को लेकर तीर्थ यात्रियों में विशेष उत्साह नजर आ रहा है। चारों धामों के लिए 69217 ई पास जारी किए जा चुके हैं।चारधाम यात्रा को उत्तराखंड से बाहर के श्रृद्धालुओं को देहरादून स्मार्ट सिटी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन जरूरी है। ई-पास को देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट पर भी रजिस्ट्रेशन किया सकता है। चारों धामों में अभी तक छह हजार से अधिक तीर्थ यात्री दर्शन कर चुके हैं। 20 व 21 सितंबर को श्री बदरीनाथ धाम में श्री बदरीनाथ धाम में 8237, श्री केदारनाथ धाम में 1435, श्री गंगोत्री धाम में 5750, यमुनोत्री के लिए 1981 ई पास जारी हुए।
अभी तक कुल 69217 ई पास जारी हुए। इनमें श्री बदरीनाथ धाम के लिए 24226, केदारनाथ को 23125, गंगोत्री 13456, यमुनोत्री 8410 ई पास जारी हो चुके हैं। चारों धामों में मंगलवार को कुल 1316 तीर्थ यात्री दर्शन को पहुंचे। इसमें श्री बदरीनाथ धाम में 445, श्री केदारनाथ 429, श्री गंगोत्री 158, श्री यमुनोत्री धाम में 284 तीर्थ यात्रियों ने शाम तक दर्शन किए।
यहां पंजीकरण जरूरी है
चारधाम यात्रा को उत्तराखंड से बाहर के श्रृद्धालुओं को देहरादून स्मार्ट सिटी पोर्टल http://smartcitydehradun.uk.gov.in में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है। ई पास को देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट www.devasthanam.uk.gov.in या http:// badrinah- Kedarnath.uk.gov.in पर भी रजिस्ट्रेशन किया सकता है। प्रत्येक श्रद्धालु को कोविड नेगेटिव रिपोर्ट अथवा वैक्सीन की डबल डोज लगी होने का सर्टिफिकेट जमा करना है। उत्तराखंड प्रदेश के लोगों को स्मार्ट सिटी पोर्टल में पंजीकरण की आवश्यकता नहीं है।
यमुनोत्री पैदल मार्ग पर तय नहीं हो पाया शुल्क
चारधाम यात्रा के प्रथम पड़ाव यमुनोत्री धाम के पैदल मार्ग पर जिला पंचायत उत्तरकाशी ही जल्द मार्ग पर चलने वाले डंडी कंडी व घोडे खच्चरों का शुल्क तय करेगी। समय पर यात्रा सुचारू न होने के कारण वर्तमान समय में घोड़े व डंडी कंडी का संचालन का शुल्क संचालकों ने स्वयं ही तय किया है। प्रदेश में चारधाम यात्रा को प्ररांभ हुए चार दिन हो गए हैं।
लेकिन यमुनोत्री पैदल मार्ग पर जिला पंचायत ने डंडी कंडी तथा घोड़े संचालन की व्यवस्था अपने हाथ में नही ली है। यात्रा देर से प्ररांभ होने के कारण जिला पंचायत की ओर से शुल्क भी तय नहीं किया गया है। जबकि यह पूरी व्यवस्था जिला पंचायत प्रशासन की होती है। जिला प्रशासन की ओर से तय शुल्क पर ही घोड़े व डंडी कंडी संचालक तीर्थ यात्रियों से पैंसा लेते हैं। पूर्व में जिला पंचायत टेंडर प्रकिया से यमुनोत्री पैदल मार्ग पर घोड़े व डंडी का संचालन करता था। इस बार टेंडर प्रक्रिया के बजाय स्वयं ही इनका संचालन करेगा।
यात्रा के लिए कम समय रहने के कारण इस वर्ष जिला पंचायत स्वयं ही डंडी कंडी संचालित करेगा। जिसके लिए कार्यवाही गतिमान है। जल्द ही शुल्क निर्धारित कर यह व्यवस्था सुचारू कर दी जायेगी।
संजय सिंह, एएमए, जिला पंचायत
घोड़े व डंडी कंडी का शुल्क निर्धारण की फाइल जिलाधिकारी कार्यालय को भेज दी गई है। जल्द ही यमुनोत्री पैदल मार्ग पर घोड़े व डंडी कंडी के संचालन की व्यवस्था जिला पंचायत शुरू करेगी।
चंदन सिंह, यात्रा प्रभारी/कर अधिकारी जिला पंचायत उत्तरकाशी
गंगोत्री और यमुनोत्री हाईवे पर घंटों फंसे रहे यात्री
मौसम विभाग की चेतवानी के बाद जिले में गत सोमवार रात को जमकर भारी बारिश हुई। जिसके चलते गंगोत्री हाईवे पर नेतला व यमुनोत्री हाईवे पालीगाड़ के पास भारी मलबा आने के कारण बंद हो गया। इससे गंगोत्री व यमुनोत्री धाम की यात्रा पर जाने वाले यात्रियों को खासी परेशानी उठानी पड़ी। हालांकि पांच घंटे की मशक्कत के बाद दोनो हाईवे सुचारू हो गए थे।
प्रदेश में चारधाम यात्रा पर हाईकोर्ट की रोक हटने के बाद तीर्थ यात्रियों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। दिन प्रतिदिन यात्रियों की संख्या में भी भारी इजाफा देखने को मिल रहा है। लेकिन बारिश यात्रियों की राह में मुस्किल में डाल रही है। मंगलवार को गंगोत्री व यमुनोत्री हाईवे पर भूस्खलन प्रभावित सक्रिय होने से यात्रियों को आवाजाही में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। गत रात्रि में हुई बारिश के कारण गंगोत्री हाईवे नेताला के पास यातायात के लिए बंद हो गया। नेताला में हाईवे पर भारी मात्रा में मलबा सड़क पर आ गया। जिससे हाईवे करीब पांच घंटे तक बाधित रहा।
मार्ग बंद होने की सूचना मिलते ही बीआरओ के मजदूर जेसीबी मशीन लेकर मौके पर पहुंचे और कड़ी मशक्कत के बाद हाईवे को यातायात के लिए बहाल किया। इस बीच काफी संख्या में गंगोत्री धाम दर्शन के लिए जाने वाले यात्री हाईवे पर फंसे रहे। वहीं दूसरी ओर यमुनोत्री हाईवे पर पालीगाड के पास भी चटटानी बोल्डर आने से यमुनोत्री धाम की यात्रा घंटों ठप रही। एनएच बड़कोट ने हाईवे को लगभग 4 घंटे बाद आवाजाही के लिए खोला। पालीगाड के पास भूस्खलन नासूर बनता जा रहा है। यहां हल्की फुल्की बरसात में भी हाईवे पर यातायात ठप हो जाता है, जिस कारण यमुनोत्री धाम की यात्रा प्रभावित हो रही है।