झबरेड़ा विधायक देशराज कर्णवाल ने कहा कि अब से वो अपने नाम के साथ अपनी जाति भी जोड़ेंगे। नाम परिवर्तन के लिए उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत को पत्र भेज दिया है। अपने जाति प्रमाणपत्र को लेकर विवाद को कर्णवाल ने खानपुर विधायक प्रणव सिंह चैंपियन की निजी रंजिश करार दिया। सचिवालय में मंगलवार को मीडिया से बातचीत में देशराज कर्णवाल ने कहा कि जिला पंचायत के चुनाव में चैंपियन की पत्नी को वोट न देने की वजह से वो मेरे पीछे पड़ गए थे। हर स्तर पर हारने के बाद उन्होंने तीसरी बार हाईकोर्ट में भी रिट की। अब माननीय हाईकोर्ट ने स्क्रूटनी कमेटी को 31 अगस्त तक इस मामले की जांच कर निर्णय लेने को कहा है। 14 साल से चले आ रहे इस विवाद में अब दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। चैंपियन के मूंछें मुंड़वाने के बयान पर कर्णवाल ने कहा कि मेरी ऐसी इच्छा नहीं है। चैंपियन मूंछों में ही मुझसे बहुत सुंदर लगते हैं। उन्होंने आगे कहा कि अब से मैंने अपने नाम के साथ अपनी जाति भी लिखने का निर्णय लिया है। हमारी जाति देश की मूल निवासी है और एक विशाल साम्राज्य भी रहा है। भले ही जातिसूचक शब्द का प्रँयोग कानूनन अपराध है। लेकिन यदि इस शब्द का संबोधन सम्मान से लिया जाए तो कोई अपराध नहीं है। यदि कोई अपमानजनक तरीके से संबोधित करता है तो वह गलत होगा।