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स्टिंग के कैमरे के पीछे कहीं कोई सफेद कुर्ता तो नहीं ?

समाचार प्लस के सीईओ उमेश कुमार के खिलाफ नेताओं और अफसरों के स्टिंग और ब्लैकमेलिंग की साजिश के आरोप में केस दर्ज हुआ है। एफआईआर कराने वाले शर्मा के ही साथी आयुष गौड़ ने ब्लैकमेलिंग के साथ ही प्रदेश में...

स्टिंग के कैमरे के पीछे कहीं कोई सफेद कुर्ता तो नहीं ?
लाइव हिन्दुस्तान टीम, देहरादूनMon, 29 Oct 2018 02:04 PM
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समाचार प्लस के सीईओ उमेश कुमार के खिलाफ नेताओं और अफसरों के स्टिंग और ब्लैकमेलिंग की साजिश के आरोप में केस दर्ज हुआ है। एफआईआर कराने वाले शर्मा के ही साथी आयुष गौड़ ने ब्लैकमेलिंग के साथ ही प्रदेश में अस्थिरता फैलाने की साजिश का भी आरोप लगाया है। चूंकि, उमेश के प्रदेश के तीन पूर्व मुख्यंत्रियों, मंत्रियों के साथ भी करीबी ताल्लुकात हैं। ऐसे में सवाल यह भी उठ रहा है कि कहीं इस स्टिंग के कैमरे के पीछे कहीं कोई सफेद कुर्ता तो नहीं? इस आशंका को बल आयुष के ही उस आरोप से मिल रहा है जिसमें उसने इस पूरी साजिश में राजनीतिक लोग, बड़े व्यापारी और कर्मचारी भी शामिल होने का दावा किया है। उमेश की प्रदेश के राजनीतिक हल्कों में अच्छी पकड़ रही है। कई मुख्यमंत्रियों से लेकर मंत्रियों और सीनियर नौकरशाहों के साथ दोस्ताना ताल्लुकात चर्चा में रहे हैं। हर सरकार में उमेश का सीएम से लेकर हर मंत्री और नौकरशाही के साथ उठना-बैठना रहा है। उसके प्रति राजनीतिक दरियादिली की पुष्टि इससे भी होती है कि वर्ष 2011 में उमेश के खिलाफ दर्ज हुए केसों के खिलाफ कुछ भाजपा नेता ही सामने आए थे। बाद में इन मुकदमों को अगली सरकार में वापस लिया जाना शुरू हो गया था। वर्ष 2016 में पूर्व सीएम हरीश रावत का स्टिंग करने में भी उमेश उनकी निकटता के कारण कामयाब हो पाया था। रावत के आवास व दफ्तर में सहज एंट्री और ताल्लुकात से ही रावत भी उमेश के बुलावे पर जौलीग्रांट पहुंच थे। जहां उनका स्टिंग हो गया। ताजा मामले में भी कुछ यही तस्वीर सामने आई है। इस बार उमेश की टीम पूरी तैयारी के साथ वर्तमान सीएम त्रिवेंद्र के घर तक पहुंची थी। सूत्रों का कहना है कि सीधा सीएम पर हाथ डालने का मतलब राजनीतिक अस्थिरता फैलाना था। इतनी बड़ी प्लॉनिंग बिना राजनीतिक खाद-पानी के मुमकिन प्रतीत नहीं होती। 

सरकार का कड़ा रुख
मीडिया की आड़ में स्टिंग और ब्लैकमेलिंग पर सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। मामला 10 अगस्त में ही संज्ञान में आ जाने पर सरकार ने बेहद खामोशी के साथ सारे तथ्यों की पड़ताल की। पुख्ता सुबूत सामने आ गए, तब जाकर ही कार्रवाई शुरू की। इससे पहले भी सरकार ने एनएच-74 घोटाले में तथ्यों के आधार पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की।

कांग्रेस ने उठाया सवाल, स्टिंग सीडी सार्वजनिक की जाए
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने सरकार से स्टिंग की सभी सीडियों  को सार्वजनिक करने और उसमें लेनेदेन करते पकड़े जाने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि ब्लैमेलिंग करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए। साथ ही स्टिंग के बनी सीडियों की जांच भी हो।  यदि अफसर रुपयों का लेनदेन करते पाए जा रहे हैं तो यह तो सरकार के जीरो टॉलरेंस पर भी सवाल उठाता है। इसका मतलब है कि भ्रष्टाचार पर कोई अंकुश नहीं है। प्रीतम ने कहा यही वजह है कि सरकार लोकायुक्त नहीं ला रही है। यदि लोकायुक्त होता तो ऐसे मामले भी न होते।

ब्लैकमेलिंग

  • सीएम त्रिवेंद्र रावत के स्टिंग की कोशिश उठा रही है गंभीर सवाल
  • तीन पूर्व सीएम,  मंत्रियों के साथ उमेश के हैं नजदीकी ताल्लुकात 
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