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जांच: आयुर्वेद विवि में नहीं मिले मृत्युंजय मिश्रा की ‘नियुक्ति’ के पेपर

आयुर्वेद विवि के निलम्बित कुलसचिव डॉ. मृत्युंजय कुमार मिश्रा की नियुक्ति के दस्तावेज आयुर्वेद विवि में भी नहीं मिले हैं। इससे मृत्युंजय मिश्रा की नियुक्ति और दस्तावेजों को लेकर संदेह और गहराने लगा...

जांच: आयुर्वेद विवि में नहीं मिले मृत्युंजय मिश्रा की ‘नियुक्ति’ के पेपर
लाइव हिन्दुस्तान टीम, देहरादूनWed, 12 Dec 2018 04:19 PM
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आयुर्वेद विवि के निलम्बित कुलसचिव डॉ. मृत्युंजय कुमार मिश्रा की नियुक्ति के दस्तावेज आयुर्वेद विवि में भी नहीं मिले हैं। इससे मृत्युंजय मिश्रा की नियुक्ति और दस्तावेजों को लेकर संदेह और गहराने लगा है।   विदित है कि आयुर्वेद विवि में मृत्युंजय मिश्रा से जुड़े कई घपलों की विजिलेंस जांच चल रही है। विजिलेंस को अभी तक कुछ घपलों से जुड़े दस्तावेज मिल चुके हैं। जबकि कई दस्तावेजों की जांच और तलाश अभी भी जारी हैं। लेकिन इस बीच मिश्रा की जन्मतिथि, गृह जनपद और नियुक्ति संबंधी पेपरों को लेकर संदेह लगातार गहराता जा रहा है। सूत्रों ने बताया कि आयुर्वेद विवि में भी मिश्रा से जुड़े अहम पेपर नहीं हैं। ऐसे में अब मिश्रा की नियुक्ति और पेपरों को लेकर संदेह और गहरा गया है। विजिलेंस के सूत्रों ने बताया कि मिश्रा ने पूछताछ के दौरान भी अपने मूल दस्तावेजों को लेकर कोई जानकारी नहीं दी है। उल्टा इस संदर्भ में लगातार बयान भी बदले जा रहे हैं। ऐसे में मिश्रा की जन्मतिथि और जन्म स्थान के फर्जी होने की भी आशंका जताई जा रही है।

मिश्रा का आयुर्वेद विवि में मर्जर भी संदिग्ध
मृत्युंजय मिश्रा का आयुर्वेद विवि में मर्जर भी संदिग्ध बताया जा रहा है। मर्जर के दौरान सरकार ने आयुर्वेद विवि से जब कुलसचिव के लिए नाम मांगे तो विवि की ओर से 11 नाम भेजे गए। विज्ञापन सहित कई गड़बडियों को देखते हुए शासन ने इन नामों को स्वीकार नहीं किया। दोबारा नाम मांगे गए तो इसी तरह की गड़बड़ी की गई। इस पर भी आपत्ति लगी तो एक अफसर ने मिश्रा के नाम पर टिक करते हुए फाइल आगे बढ़ा दी। उच्च अधिकारियों ने भी इसी को आधार बनाते हुए आदेश के लिए फाइल तत्कालीन आयुष मंत्री को भेज दी। मंत्री के अनुमोदन के बाद मुख्यमंत्री ने भी अनुमोदन दिया और मिश्रा के मर्जर के गुपचुप आदेश कर दिए गए। सूत्रों के अनुसार, मिश्रा के आदेश इस कदर गोपनीय रखे कि सचिवालय के अधिकारियों को भी महीनों तक कानों कान सही खबर नहीं हो पाई।

मर्जर खत्म करने की बजाय दिया पद का तोहफा
त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार आने के बाद मृत्युंजय मिश्रा को आयुर्वेद विवि से हटाने की फाइल चली। लेकिन, मर्जर खत्म करना तो दूर मृत्युंजय मिश्रा को नई दिल्ली में अपर स्थानिक आयुक्त बनाकर तोहफा दे दिया गया। हैरानी की बात यह है कि मर्जर खत्म करने की तैयारी के कुछ दिन बाद ही आयुष सचिव का विभाग तक बदल दिया गया। 
 

 

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