बजट उम्मीद: कारोबारियों ने कहा-एमएसएमई सेक्टर को उभारने पर हो फोकस
कारोबारी वर्ग की बजट से सबसे बड़ी उम्मीद यह है कि सरकार एमएसएमई सेक्टर को उभारने के लिए विशेष प्रयास करे। कारोबारियों को उम्मीद है कि इसके लिए केंद्रीय वित्त मंत्री बजट में प्रावधान करेंगी।...

कारोबारी वर्ग की बजट से सबसे बड़ी उम्मीद यह है कि सरकार एमएसएमई सेक्टर को उभारने के लिए विशेष प्रयास करे। कारोबारियों को उम्मीद है कि इसके लिए केंद्रीय वित्त मंत्री बजट में प्रावधान करेंगी। इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के अध्यक्ष पंकज गुप्ता का कहना है कि कोरोना लॉकडाउन के बाद से एमएसएमई सेक्टर बेहद दबाव में है। बाजार में मांग नहीं है, मजदूरों की कमी हो गई है पेट्रोल, डीजल के साथ ही कच्चे माल की कीमतें आसमान छू रही हैं। ऐसे में एमएसएमई सेक्टर को राहत देना बहुत जरूरी है।
उन्होंने कहा कि बजट में जीएसटी स्लैब में बदलाव की उम्मीद तो नहीं है क्योंकि यह जीएसटी काउंसिल का काम है। लेकिन सरकार एमएसएमई सेक्टर को उभारने के लिए सब्सीडी, एलाउंस या किसी अन्य रूप से सहयोग कर सकती है। उन्होंने कहा कि एमएसएमई सेक्टर देश में सबसे अधिक रोगजार और राजस्व देता है। इस सेक्टर के लिए बजट पर सबसे अधिक फोकस करने की जरूरत है।
देश में करोड़ों की संख्या में एमएसएमई है। इसलिए विशेष प्रोत्साहन दिया जाना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि इसके बिना एमएसएमई सेक्टर को उभारना मुश्किल हो जाएगा। पंकज गुप्ता ने कहा कि केंद्र सरकार का जोर वोकल पर लोकल पर है। लेकिन लोकल को बढ़ावा देने के लिए नई तरह की तकनीकी की जरूरत है। ऐसे में केंद्र सरकार लोकल को बढ़ावा देने के लिए क्या प्रयास करती है यह देखना होगा।
ब्याज दरों में कटौती करे सरकार
सीआईआई उत्तराखंड के चेयरमैन अशोक विंडलास का कहना है कि बजट से कारोबारियों को सबसे बड़ी उम्मीद यह है कि सरकार बाजार में पैसे का फ्लो बढ़ाए। उन्होंने कहा कि इसके लिए जरूरी है कि बैंकिंग सिसटम को दुरस्त किया जाए और ब्याज दरों को कम से कम कर अधिक से अधिक लोन दिए जाएं। उन्होंने कहा कि कोरोना लॉक डाउन के बाद से स्थिति में सुधार तो आया है लेकिन एमएसएमई सेक्टर अभी तक पुरानी स्थिति में नहीं आ पाया है।
ऐसे में सरकार को इस सेक्टर को मजबूत करने पर विशेष ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि कारोबार को बढ़ाने वाले उपाय करने की जरूरत है। ताकि बाजार में डिमांड पैदा हो और लोग खर्च करने की स्थिति में आएं। उन्होंने कहा कि इसके लिए उद्योगों के साथ ही खरीददरों को मजबूत करना भी जरूरी है। इसके अलावा फार्मा सेक्टर में तेजी से मार्जिन कम हुए हैं।
चीन से रॉ मटीरियल कम आने की वजह से स्थानीय मटीरियल महंगा हो रहा है जिसका असर लोगों के कारोबार पर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि फार्मा में हालत यह है कि डिमांड तो है लेकिन इससे इंडस्ट्री को फायदा नहीं पहुंच रहा। उन्होंने कहा कि वल्क प्रोडक्शन को बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सरकार टैक्स कम करके सभी वर्गों को बड़ा फायदा दे सकती है।
