उत्तराखंड में चीन सीमा क्षेत्र में सेना व आईटीबीपी की सतर्कता बढ़ी
भारत के साथ चीन की तनातनी को लेकर आईटीबीपी की उप महानिरीक्षक अपर्णा कुमार ने बताया कि उत्तरकाशी से लगी चीन सीमा क्षेत्र में सेना की सतर्कता बढ़ गई है। भारत-चीन सीमा पर सेना और आईटीबीपी के जवान...
भारत के साथ चीन की तनातनी को लेकर आईटीबीपी की उप महानिरीक्षक अपर्णा कुमार ने बताया कि उत्तरकाशी से लगी चीन सीमा क्षेत्र में सेना की सतर्कता बढ़ गई है। भारत-चीन सीमा पर सेना और आईटीबीपी के जवान मुस्तैदी के साथ ड्यूटी दे रहे हैं। इस हिस्से में कभी चीन की ओर से घुसपैठ की कोई घटना नहीं हुई है।
इसके बावजूद यहां पूरी सतर्कता बरती जा रही है। उत्तरकाशी जनपद में जिला मुख्यालय से करीब डेढ़ सौ किमी आगे चीन की 117 किमी सीमा लगी हुई है। वर्ष 1962 में भारत-चीन युद्ध के बाद सरकार ने सीमावर्ती नेलांग और जाढ़ूंग गांव को खाली करवा कर यह क्षेत्र सेना के सुपुर्द कर दिया था।
वर्तमान में सीमा पर नेलांग, जाढ़ूंग, नागा, त्रिपाणी, मंडी, सुमला, पीडीए, थागला-1, थागला-2, मुनिंगलापास, टीसांचुकला आदि सीमावर्ती चौकियों पर भारतीय सेना और आईटीबीपी के जवान मुस्तैद हैं। सीमाओं की निगरानी के लिए भारत की ओर से बॉर्डर इलाके में सड़कों का जाल बिछाया गया है। बीते मई माह में लद्दाख क्षेत्र में चीन के साथ तनातनी के बाद से इस ओर भी सीमा पर तैनात जवानों को अलर्ट किया गया है।