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अच्छी शिक्षा से देश की उन्नति का मार्ग प्रशस्त होगा: प्रकाश जावड़ेकर

केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि भारत प्राचीन समय से ही विश्व में शिक्षा की राजधानी रहा है। इस गौरवशाली अतीत का हमें अभिमान है। भारत की ज्ञान परम्परा और आधुनिक शिक्षा का अनुपम...

अच्छी शिक्षा से देश की उन्नति का मार्ग प्रशस्त होगा: प्रकाश जावड़ेकर
हरिद्वार, मुख्य संवाददाताMon, 15 Oct 2018 09:29 AM
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केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि भारत प्राचीन समय से ही विश्व में शिक्षा की राजधानी रहा है। इस गौरवशाली अतीत का हमें अभिमान है। भारत की ज्ञान परम्परा और आधुनिक शिक्षा का अनुपम मिलन आचार्यकुलम में देखने को मिलता है। आचार्यकुलम में पुरातन भारतीय संस्कृति एवं आधुनिक शिक्षा का समन्वय बड़ी कुशलता के साथ किया गया है। यह बात जावड़ेकर ने रविवार को पतंजलि योगपीठ द्वारा संचालित आचार्यकुलम के वार्षिकोत्सव समारोह में कही।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य मात्र परीक्षा उत्तीर्ण कर डिग्री प्राप्त करना नहीं अपितु अच्छा मनुष्य निर्माण करना, अच्छा नागरिक बनाना है, जो आचार्यकुलम के माध्यम से किया जा रहा है। जावड़ेकर ने कहा कि स्कूली शिक्षा अच्छी होगी तभी देश की उन्नति का मार्ग प्रशस्त होगा। उन्होंने कहा कि बाबा रामदेव व आचार्य बालकृष्ण की दृष्टि पूर्ण वैज्ञानिक है। किसी प्रतिष्ठान की सबसे महत्त्वपूर्ण कड़ी उसका प्रबन्ध कौशल है। बाबा रामदेव ने भारतीय शिक्षा बोर्ड की स्थापना के अपने संकल्प को पुनः दोहराया। कहा कि मैकाले ने हमारी हजारों-लाखों साल पुरानी प्राचीन वैदिक शिक्षा पद्धति को बदल दिया, जिस कारण देश के करोड़ों लोग सैकड़ों वर्षों से आन्दोलित हैं। आज हम करोड़ों ऋषि सन्तानों का दायित्व है कि मैकाले की दोषपूर्ण शिक्षा पद्धति के स्थान पर ऋषियों की प्राचीन वैदिक शिक्षा पद्धति को पुनःस्थापना करें।

आचार्य बालकृष्ण ने स्वामी दयानन्द सरस्वती के प्रति अपने भाव व्यक्त करते हुए कहा कि वे ऐसे योद्धा संन्यासी थे, जिन्होंने सच्चे शिव को पाने तथा मृत्यु के रहस्य को जानने के लिए घर-बार त्याग दिया। उन्होंने देश के करोड़ों असहाय लोगों को देखा, जो शिक्षा के नाम पर विचलित थे, दुखी थे। उन्हें जीवन का गूढ़ रहस्य बताने के लिए महर्षि दयानन्द ने गुरुकुलीय परम्परा की नींव रखी। इस गुरुकुलीय परम्परा को बचाने का गुरुत्व दायित्व अब हम पर है। इससे पूर्व आचार्यकुलम के निदेशक एलआर सैनी ने बीते वर्ष में आचार्यकुलम की उपलब्धियों का ब्योरा प्रस्तुत किया। समारोह में सीबीएसई की हाईस्कूल परीक्षा में आचार्यकुलम् की ओर से शीर्ष रैंक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत भी किया गया।

वेदों की ओर लौट चलो...प्रस्तुत किया
आचार्यकुलम की प्राचार्या वंदना मेहता तथा बहन जाह्नवी के दिशा निर्देशन में आचार्यकुलम के छात्र-छात्राओें ने महर्षि दयानन्द के जीवन पर आधारित एक नाट्य प्रस्तुति वेदों की ओर लौट चलो प्रस्तुत की। साथ ही योगाडांस के माध्यम से योग की विविध क्रियाएं तथा विभन्नि सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये गये।

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