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उत्तराखंड में बढ़ी शिक्षित बेरोजगारों की तादाद: ह्यूमन डेवलपमेंट रिपोर्ट

उत्तराखंड (Uttarakhand) में पढ़े लिखे बेरोजगारों (Unemployment) की संख्या बढ़ रही है। ह्यूमन डेवलपमेंट रिपोर्ट (Human Development Report) के अनुसार प्रदेश में 17.4 फीसदी शिक्षित युवा बेरोजगार...

उत्तराखंड में बढ़ी शिक्षित बेरोजगारों की तादाद: ह्यूमन डेवलपमेंट रिपोर्ट
दीपक पुरोहित,हल्द्वानी।Thu, 17 Jan 2019 09:46 AM
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उत्तराखंड (Uttarakhand) में पढ़े लिखे बेरोजगारों (Unemployment) की संख्या बढ़ रही है। ह्यूमन डेवलपमेंट रिपोर्ट (Human Development Report) के अनुसार प्रदेश में 17.4 फीसदी शिक्षित युवा बेरोजगार हैं। 12वीं या इससे अधिक की शिक्षा लेने वाले युवाओं को इस श्रेणी में रखा गया है। अर्थ एवं सांख्यिकी विभाग की ओर से रिपोर्ट जारी की गई है।

राज्य सरकार का स्वरोजगार को बढ़ावा देने का दावा भी झूठा साबित हो रहा है। ताजा रिपोर्ट बताती है कि पांच साल में स्वरोजगार करने वालों की संख्या में करीब 12 फीसदी की कमी आ चुकी है। 2012 में जहां 69 फीसदी स्वरोजगार कर रहे थे वहीं 2017 तक यह संख्या घटकर 56.9 पर आ चुकी है। इसके उलट दैनिक वेतनभागी रोजगार छह फीसदी से ज्यादा बढ़ा है। हालांकि नियमित रोजगार भी सात फीसदी बढ़ा है। बेरोजगारी की मुख्य वजह आर्थिक तरक्की का तीन मैदानी जिलों तक सीमित रहना है। देहरादून 30 फीसदी शिक्षित बेरोजगारों के साथ प्रदेश में अव्वल है। रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़, बागेश्वर, उत्तरकाशी व चम्पावत जिले में दो तिहाई लोग स्वरोजगार कर रहे हैं। 

राष्ट्रीय औसत से ज्यादा बेरोजगारी
दूसरी ओर केंद्र सरकार की एजेंसी सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनामी (सीएमआईई) की रिपोर्ट भी उत्तराखंड में बेरोजगारी बढ़ने की पुष्टि कर रही है। रिपोर्ट के अनुसार दिसंबर 2018 में प्रदेश में बेरोजगारी की रफ्तार 7.5 फीसदी रही। जो कि राष्ट्रीय औसत 7.4 से भी ज्यादा है। आंध्र प्रदेश, केरल, उत्तर प्रदेश ने बेरोजगारी कम करने में सफलता पाई है। इसके उलट  असम, मध्य प्रदेश पंजाब, त्रिपुरा, राजस्थान में यह दर बढ़ी है।

लोगों तक पहुंच रही सरकारी योजनाएं
पहाड़ों में सरकार की योजनाएं अब ज्यादा तेजी से लोगों तक पहुंच रही है। रिपोर्ट बताती है कि 13.3 फीसदी पर्वतीय जनता एनआरएलएम, एमएमएसजे, शिल्पीग्राम योजना, एनयूएलएम और पर्यटन विकास की योजना का लाभ उठा रहे हैं। हालांकि मुद्रा लोन का वितरण पहाड़ों में कम हो रहा है।

पर्यटन नहीं पकड़ पा रहा रफ्तार
हिमाचल व जम्मू कश्मीर की जीडीपी में पर्यटन का हिस्सा करीब सात फीसदी का है। पूर्वोत्तर के राज्य भी पर्यटन विकास के मामले में उत्तराखंड से आगे निकल रहे हैं। उत्तराखंड में पर्यटक बढ़ रहे हैं पर स्थानीय विकास में योगदान अन्य राज्यों के मुकाबले कम है। विदेशी पर्यटक भी उत्तराखंड में बढ़ रहे हैं।

फसल बीमा का लाभ कम
पहाड़ों में जंगली जानवर व प्राकृतिक कारणों से फसल को नुकसान ज्यादा हो रहा है। लेकिन फसल बीमा योजना आगे नहीं बढ़ रही है। उत्तरकाशी और ऊधमसिंहनगर में छह फीसदी फसल ही बीमा के दायरे में पहुंच रही है।

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