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साथ डिनर, लूडो खेले और एक-दूसरे का चेहरा निहारा; खुदकुशी की रुलाने वाली कहानी

उत्तराखंड के काशीपुर में आर्थिक तंगी से परेशान आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ.इंद्रेश शर्मा और उनकी पत्नी ने नशीली दवा के इंजेक्शन से जान दे दी। डॉक्टर की पत्नी 12 सालों से कैंसर से जूझ रही थीं।

साथ डिनर, लूडो खेले और एक-दूसरे का चेहरा निहारा; खुदकुशी की रुलाने वाली कहानी
Sudhir Jhaदीप पाठक,काशीपुरThu, 01 Jun 2023 11:22 AM
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उत्तराखंड के काशीपुर में आर्थिक तंगी से परेशान आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ.इंद्रेश शर्मा और उनकी पत्नी ने नशीली दवा के इंजेक्शन से जान दे दी। डॉक्टर की पत्नी 12 सालों से कैंसर से जूझ रही थीं और महंगे इलाज की वजह से उनकी आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो गई थी। इसलिए डॉक्टर ने सामूहिक आत्महत्या का प्लान तैयार कर लिया था, जिसकी जानकारी 12 साल के बेटे को भी थी। हालांकि,इंद्रेश शर्मा ने बेटे को इतने कम डोज का इंजेक्शन लगाया जिससे उसकी जान बच गई। डॉक्टर के बेटे ने बताया कि ऐसा खौफनाक कदम उठाए जाने से पहले सभी ने साथ में डिनर किया, लूडो खेले और देर तक एक दूसरे का चेहरा निहारते रहे। 

‘पापा मैं सबसे पहले मरूंगा, पहला इंजेक्शन मुझे लगा दो।’ दिल को चीरकर रख देने वाले ये शब्द मंगलवार रात ईशान ने अपने पापा से कहे। यह शब्द सुनकर डॉ.शर्मा की आंखें भी डबडबा गईं लेकिन हमेशा अपने ईशान के हीरो रहे पापा ने दुनिया छोड़ने से पहले अपने बेटे की ये इच्छा भी पूरी की। लेकिन इस बार पहला मौका था, जब उन्होंने अपने लाड़ले से ‘धोखा’ किया। ईशान को पापा से शिकायत थी कि उन्होंने खुद और मां को जहरीला इंजेक्शन लगाया और उसे सामान्य इंजेक्शन लगाकर इस दुनिया में छोड़ गए। परिवार में तीन दिन से आत्महत्या की तैयारी चल रही थी। 

ईशान ने पुलिस को बताया कि मंगलवार शाम भी पापा कामकाज पूरा कर सामान्य दिनों की तरह घर आए। जबकि पूरे परिवार को पता था कि आज की रात उन्हें दुनिया को अलविदा कहना है। पूरे परिवार ने रात का खाना साथ खाया। इसके बाद ईशान की जिद पर पापा ने बेटे के साथ लूडो भी खेला। बेटे की जिद पर एक घंटे तक लूडो का खेल चलता रहा। फिर डॉ. शर्मा ने पूरे परिवार के सामने सुसाइड नोट लिखा और तीनों ने एक-दूसरे को जी भरकर देखा। अब दुनिया से विदा लेने का पल आ गया था। 

बदल दिया इंजेक्शन
डॉ.शर्मा ने पास ही रखे थैले से इंजेक्शन निकाले और उसमें दवा भरने लगे। डॉ.शर्मा पहला इंजेक्शन से कैंसर से लड़ रही पत्नी को लगाना चाहते थे। वह वर्षा को दर्द से मुक्त होते देखना चाहते थे लेकिन ईशान ने हमेशा की तरह यहां भी मैं सबसे पहले वाली जिद पकड़ ली। इसके बाद डॉ.शर्मा ने दूसरा इंजेक्शन पकड़ा और बेटे को लगा दिया। कुछ देर बाद ईशान सो गया। इसके बाद वह सुबह ही उठा।
 

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