सीबीआई जांच के दायरे में आएंगे उद्यान विभाग के कई अफसर, घपलों से उठेंगे सारे राज
उद्यान विभाग के घपलों की सीबीआई से जांच कराने के हाईकोर्ट के आदेश के बाद से उद्यान विभाग में खलबली है। सीबीआई जांच होने पर कई और अधिकारी-कर्मचारियों पर गाज गिरना तय है।
उद्यान विभाग के घपलों की सीबीआई से जांच कराने के हाईकोर्ट के आदेश के बाद से उद्यान विभाग में खलबली है। सीबीआई जांच होने पर कई और अधिकारी-कर्मचारियों पर गाज गिरना तय है। दरअसल, पौधे की खरीदफरोख्त केवल उत्तरकाशी और नैनीताल में ही नहीं हुई है। पूरे प्रदेश में पौधे खरीदे गए हैं। कंपनियों के चयन की प्रक्रिया में निदेशक के साथ और अफसर की भूमिका भी रही है।
जांच में कंपनियों के चयन में फर्जीवाड़े के साथ साथ कई और मामले भी खुल सकते हैं। इसमें विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश भर में कराए गए विभिन्न सेब, मसाला, सब्जी, मौन पालन महोत्सव पर पानी की तरह बहाए गए पैसे का मामला भी प्रमुख है। शुक्रवार को उद्यान विभाग में पूरा दिन यही मामला चर्चा में रहा। उद्यान निदेशालय में हर अधिकारी-कर्मचारी की जुबां पर यह विषय था।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस प्रकरण में हाईकोर्ट के आदेश की की सत्यापित कापी का इंतजार किया जा रहा है। इसके बाद ही प्रमाणिक रूप से कुछ कहा जा सकता है। मालूम हो कि मानकों का उल्लंघन करके नर्सरियों के चयन और पौधों की सप्लाई के मामले में 12 जून को सीएम पुष्कर धामी के निर्देश पर तत्कालीन निदेशक डॉ. एचएस बवेजा को निलंबित कर दिया गया था। पर, बाकी किसी पर कार्रवाई नहीं हुई।
उद्यान घोटाले में हाईकोर्ट का फैसला सत्य की जीत है। इस मामले की सीबीआई जांच होने पर कई परतें उधडे़ंगी और कई सफेदपोश लोग बेनकाब होंगे। मेरा सीएम से अनुरोध है कि किसी भी व्यक्ति को बख्शा न जाए।
दीपक करगेती उद्यान घोटाले के खिलाफ आंदोलन करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता
उद्यान विभाग के चर्चा में रहे ये मामले
कोविड काल में आर्थिक संकट की वजह से 10 जून 2020 को तत्कालीन मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने सभी विभागों के लिए वित्तीय पाबंदियां लगा दी थी। उसी दौरान उद्यान विभाग ने डॉ. बावेजा के दफ्तर पर 14 लाख व एफआरआई स्थित घर की सजावट पर 10 लाख रुपये का खर्च किया गया।सितंबर से दिसंबर 2021 के बीच विभिन्न महोत्सवों में अत्यधिक धन खर्च का मामला भी है।
जिस कार्यक्रम पर अधिकतम 22.50 लाख रुपये खर्च होने चाहिए थे, उस पर 65 से 77 लाख रुपये तक खर्च किए गए। पर ड्राप-मोर क्रॉप से ही 1.80 करोड़ रुपये निकाल कर महोत्सवों में खर्च किए गए। वर्ष 2020-21 के दौरान अदरक, हल्दी आदि बीज खरीद काफी ज्यादा दरों पर की गई। यह मामला भी काफी सुर्खियों में रहा है।
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