मदरसों के 600 से अधिक शिक्षकों को मानदेय पर हाईकोर्ट का आदेश,कहा-छह हफ्ते में दें
हाईकोर्ट नैनीताल ने राज्य और केंद्र सरकार को निर्देश दिए हैं कि वे उत्तराखंड के मदरसों में कार्यरत 600 से अधिक शिक्षकों के मानदेय का भुगतान छह सप्ताह के भीतर करें। सुनवाई न्यायाधीश न्यायमूर्ति शरद...

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हाईकोर्ट नैनीताल ने राज्य और केंद्र सरकार को निर्देश दिए हैं कि वे उत्तराखंड के मदरसों में कार्यरत 600 से अधिक शिक्षकों के मानदेय का भुगतान छह सप्ताह के भीतर करें। सुनवाई न्यायाधीश न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ में हुई। कोर्ट ने 22 दिसंबर 2021 को सरकारों को संबंधित आदेश देते हुए सभी याचिकाएं निस्तारित कर दी हैं।
राज्य के मदरसों में कार्यरत 616 शिक्षकों की ओर से मामले में हाईकोर्ट में 18 अलग-अलग याचिकाएं दायर की गई हैं। इसमें कहा गया है कि स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा मदरसों में शिक्षा के सुधार के लिये योजना चलाई गई। इस क्रम में इन मदरसों में प्रशिक्षित शिक्षक निश्चित मानदेय पर रखे गए, लेकिन इन शिक्षकों के मानदेय और अन्य देयकों का भुगतान नहीं किया गया।
इसी मामले में राज्य सरकार के अनुरोध पर विद्यालयी शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के संयुक्त सचिव, भारत सरकार की अध्यक्षता में 25 अक्तूबर 2019 को बैठक हुई। इसमें उत्तराखंड के मदरसा शिक्षकों के वेतन और अन्य खर्चों का भुगतान करने के लिए बजट स्वीकृत किया गया। लेकिन इसके बाद भी मदरसा शिक्षकों के मानदेय का भुगतान नहीं हुआ, जिसे याचीगणों द्वारा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई।
मामले में अंतिम सुनवाई 22 दिसम्बर 2021 को न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ में हुई। एकलपीठ ने मामलों को सुनने के बाद राज्य और केंद्र सरकार से 25 अक्तूबर 2019 की बैठक में पारित निर्णय के आधार पर छह सप्ताह के भीतर मदरसा शिक्षकों के मानदेय और अन्य खर्चों का भुगतान करने को कहा है।