हाईकोर्ट की ओर से अपने मुकदमों की स्वयं पैरवी के लिए जारी व्यवस्था ‘पार्टी इन पर्सन’ को संशोधित कर नियमावली तैयार की गई है। नई नियमावली में अपने मुकदमों की पैरवी के लिए पार्टी इन पर्सन को जांच के लिए गठित कमेटी के समक्ष प्रस्तुत होना होगा। आवश्यक पड़ताल एवं पैरवी के लिए दिए गए निर्देशों के क्रम में शपथपत्र देने के बाद संबंधित व्यक्ति स्वयं पैरवी के लिए पात्र होगा।
हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल धनंजय चतुर्वेदी की ओर से इस आशय की अधिसूचना जारी कर दी गई है। इसमें बताया गया है कि हाईकोर्ट ने अपने मुकदमों की पैरवी स्वयं करने (पार्टी इन पर्सन) के संबंध में नियमावली बनाई है। नियमों के तहत जो भी व्यक्ति अपने वादों में पार्टी इन पर्सन पैरवी करना चाहते हैं, उन्हें इस संबंध में रजिस्ट्री कार्यालय में प्रार्थना पत्र देना होगा।
इस प्रार्थना पत्र के क्रम में मुख्य न्यायाधीश द्वारा गठित पार्टी इन पर्सन कमेटी इस पर विचार करेगी। पार्टी इन पर्सन कमेटी मेंरजिस्ट्री कार्यालय के दो अफसर नामित होंगे। कमेटी के अधिकारी आवश्यक जांच आदि के बाद ही संबंधित व्यक्ति को स्वयं पैरवी करने के लिए प्रमाण पत्र देंगे।
अब तक सीधे मिलती थी स्वयं पैरवी की अनुमति: अभी तक यह व्यवस्था थी कि कोई भी व्यक्ति अपने केस की पैरवी या बहस स्वयं कर सकता था। वह बिना अधिवक्ता नियुक्त किए अथवा गाइडेंस व मशविरा लिए अपने केस की स्वयं पैरवी करता था। हाईकोर्ट ने कोर्ट की मर्यादा, डेकोरम आदि विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए यह नियमावली बनाई है।
स्वयं पैरवी के लिए कोर्ट डेकोरम बताएंगे
इस दौरान मुख्य रूप से पैरवी करने वाले को कोर्ट डेकोरम, आचरण, बहस की भाषा समेत विभिन्न आवश्यक पहलुओं की जानकारी दी जाएगी। उक्त के बाद भी पार्टी इन पर्सन रहने वाले व्यक्ति को भी कोर्ट की गरिमा का पालन करने का शपथ पत्र देना होगा। इसके बाद वह अपने वाद की स्वयं पैरवी कर सकेगा।