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क्वारंटाइन सेंटरों की बदहाली पर सरकार को हाईकोर्ट की फटकार,सेंटरों की स्थिति सुधार कर करें रिपोर्ट पेश

हाईकोर्ट ने उत्तराखंड में ग्रामीण क्षेत्रों के क्वारंटाइन सेंटरों की बदहाली को लेकर प्रदेश सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने सरकार को तत्काल सेंटरों की स्थिति सुधार कर रिपोर्ट पेश करने का आदेश...

क्वारंटाइन सेंटरों की बदहाली पर सरकार को हाईकोर्ट की फटकार,सेंटरों की स्थिति सुधार कर करें रिपोर्ट पेश
हिन्दुस्तान टीम, नैनीताल Wed, 03 Jun 2020 02:58 PM
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हाईकोर्ट ने उत्तराखंड में ग्रामीण क्षेत्रों के क्वारंटाइन सेंटरों की बदहाली को लेकर प्रदेश सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने सरकार को तत्काल सेंटरों की स्थिति सुधार कर रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है।

न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और रवींद्र मैठाणी की खंडपीठ ने चार मई 2020 के शासनादेश के अनुपालन में डीएम के जरिए सभी ग्राम प्रधानों को पर्याप्त धनराशि मुहैया कराने के भी निर्देश दिए। इस मामले पर अगली सुनवाई अब दो सप्ताह बाद होगी। 

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने मंगलवार को कोरोना महामारी को लेकर अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली, सच्चिदानंद डबराल, डीके जोशी और अन्य की ओर से दायर जनहित याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की।

अदालत ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से पेश क्वारंटाइन सेंटरों की निरीक्षण रिपोर्ट का संज्ञान लिया। रिपोर्ट में खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों के क्वारंटाइन सेंटरों की बदहाली, साफ-सफाई की अव्यवस्था और भोजन की व्यवस्था नहीं होने पर नाराजगी जताई। 

इस पर खंडपीठ ने प्रदेश सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए व्यवस्था दुरुस्त कर कोर्ट को अवगत कराने को कहा। कोर्ट ने कहा कि इसके साथ पूरी कार्रवाई की रिपोर्ट की कॉपी सचिव स्वास्थ्य को मुहैया कराएं।

इससे रिपोर्ट में अंकित कमियां और सुधार के क्रम में की गई कार्यवाही की प्रगति रिपोर्ट बन सके। कोर्ट ने इस रिपोर्ट को अगली तिथि तक कोर्ट में दाखिल करने को कहा है।


छूट के बाद बॉर्डर के क्वारंटाइन सेंटर भी कम पड़ेंगे
प्रवासियों की वापसी से बढ़ रहे संक्रमण के मामले में कोर्ट ने बॉर्डर पर क्वारंटाइन सेंटर बनाने को कहा था। सरकार के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि कोर्ट के आदेश के क्रम में राज्य सरकार ने 4 सीमावर्ती जिलों में क्वारंटाइन सेंटर बनाए हैं।

मगर केंद्र से आवागमन में मिली नई छूट के बाद वह भी कम पड़ेंगे। इसके बाद न्यायालय ने राज्य सरकार को आदेश दिए कि वह मामले में समस्त स्वास्थ्य प्रोटोकॉल का पूरा ध्यान रखे और दूसरे जिलों में भी क्वारंटाइन सेंटरों की व्यवस्था करे।


ग्राम प्रधानों को फंड उपलब्ध कराएं
कोर्ट ने सरकार से कहा है कि वह सचिव स्वास्थ्य और जिलाधिकारियों को आदेशित करें कि सभी ग्राम सभाओं और ग्राम पंचायतों को जरूरत के मुताबिक फंड उपलब्ध कराएं, जिससे क्वारंटाइन सेंटरों में रहने वाले लोगों को दिक्कत न हो।

सेंटर में सुरक्षा व साफ-सफाई में कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कोर्ट ने कहा कि जहां ग्राम प्रधानों के चुनाव नहीं हुए हैं, वहां के लिए जिला प्रशासन पृथक और परिपूर्ण व्यवस्था करे।


11 हजार रैपिड टेस्ट किट बांटने की जानकारी हाईकोर्ट को दी गई सरकार की ओर से
सुनवाई के दौरान सरकार ने कोर्ट को बताया कि पूर्व के आदेश के अनुपालन में ग्यारह हजार रैपिड टेस्ट किट बांटी जा चुकी हैं। इन से 2100 टेस्ट भी किए जा चुके हैं।

न्यायालय ने 14 दिन के अंदर इसकी लिखित रिपोर्ट पेश करने कहा है। यह भी बताया गया कि जिन होटलों में क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए हैं, उसका 950 रुपये किराया समेत खाने का खर्च सरकार उठा रही है।

इससे अधिक किराए वाले कमरों के इच्छुक को खुद खर्च उठाना होगा। कोर्ट ने कहा कि किसी को भी केंद्र में रहने के लिए बाध्य न किया जाए। 

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