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कुंभ: चैत्र पूर्णिमा के शाही स्नान से पहले हरिद्वार में पसरा सन्नाटा,गंगा घाटों पर भीड़ नदारद

कुंभ के अंतिम शाही स्नान को लेकर मेला पुलिस और प्रशासन पूरी तरह तैयार हो गया है। मंगलवार को शाही स्नान है। लेकिन स्नान की पूर्व संध्या पर हरिद्वार में हरकी पैड़ी समेत पूरी शहर में सन्नाटा पसरा रहा।...

कुंभ: चैत्र पूर्णिमा के शाही स्नान से पहले हरिद्वार में पसरा सन्नाटा,गंगा घाटों पर भीड़ नदारद
हिन्दुस्तान टीम, देहरादूनMon, 26 Apr 2021 07:29 PM
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कुंभ के अंतिम शाही स्नान को लेकर मेला पुलिस और प्रशासन पूरी तरह तैयार हो गया है। मंगलवार को शाही स्नान है। लेकिन स्नान की पूर्व संध्या पर हरिद्वार में हरकी पैड़ी समेत पूरी शहर में सन्नाटा पसरा रहा। बाजारों में यात्रियों की संख्या बेहद कम नजर आई। हरकी पैड़ी क्षेत्र में यात्री ही नजर आये। उधर पुलिस ने स्नान को लेकर मोर्चा संभाल लिया है। आईजी मेला संजय गुंज्याल ने ऑनलाइन पुलिसकर्मियों को दिशा निर्देश भी जारी कर दिए हैं।

सीमाओं पर सख्ती बढ़ा दी गई है। पिछले वर्ष 2010 के कुंभ में 10 लाख श्रद्धालुओं ने चैत्र पूर्णिमा में स्नान किया था। स्नान की संध्या पर हरिद्वार हरकी पैड़ी पर बेहद ही कम भीड़ दिखाई दी। दोपहर करीब 12 बजे मात्र 100 ही यात्री हरकी पैड़ी पर दिखाई दिए। पार्किंग खाली रही। हाईवे पर भी सन्नाटा रहा। चैत्र पूर्णिमा के रूप में पहली बार हरिद्वार में चौथा शाही स्नान हो रहा है। आईजी संजय गुंज्याल ने बताया कि स्नान की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। कोविड-19 के नियमों का पालन कराया जाएगा।

बाजारों में भीड़ नहीं
हरकी पैड़ी के आसपास के मुख्य बाजार अपर रोड, मोती बाजार, बड़ा बाजार समेत आसपास के बाजारों में पूरी तरह सन्नाटा है। पिछले रामनवमी का स्नान भी फीका रहा था। शाही स्नान भी अभी तक फीका ही दिख रहा है।

अंतिम शाही स्नान को लेकर अखाड़े तैयार
चैत्र पूर्णिमा के अंतिम शाही स्नान को लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। निरंजनी अखाड़ा सबसे पहले शाही स्नान करेगा, हालांकि संन्यासी अखाड़े प्रतीकात्मक स्नान करेंगे। जबकि बैरागी अखाड़ों के संतों की संख्या सबसे अधिक रहेगी। 150 वाहनों की अनुमति बैरागी अखाड़ों को दी गई है। हाईवे के रास्ते ही अखाड़े हरकी पैड़ी पहुंचेंगे। बढ़ते कोरोना के संक्रमण के बाद पिछले शाही स्नान से कम ही भीड़ संतों की नजर आएगी। कुंभ के अंतिम शाही स्नान के लिए अखाड़ों का स्नान का क्रम और समय पुराना ही रहेगा। पूर्व में जारी स्नान क्रम ही अखाड़ों को मेला पुलिस की ओर से दिया गया है।

सुबह 9 बजे से 13 अखाड़े क्रमवार हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड पर गंगा स्नान करेंगे। सुबह 7:30 बजे तक आम श्रद्धालु हरकी पैड़ी पर स्नान कर सकेंगे। दोपहर में अखाड़ों को जल्द से जल्द स्नान कराने के बाद आम श्रद्धालुओं के लिए हरकी पैड़ी पर एंट्री दी जाएगी। शाम से पहले ही स्नान पूरा करा लिया जाएगा। सबसे पहले निरंजनी अखाड़ा, जूना, आह्वान, बैरागी, बड़ा उदासीन, नया उदासीन और अंत में निर्मल अखाड़ा स्नान करेगा।

संन्यासी अखाड़े 30 से अधिक वाहन लेकर अपने साथ स्नान को नहीं आ सकेंगे। 30 ही वाहनों की अनुमति दी गई है, जबकि बड़ा उदासीन और नया उदासीन को 50 वाहनों को अनुमति है। बैरागी के तीनों अखाड़े निर्मोही अणि, दिंगबर अणि, निर्वाणी अणि अखाड़ों को 150 वाहन लाने की अनुमति दी गई है। प्रधानमंत्री की प्रतीकात्मक स्नान की अपील के बाद संतों की संख्या मंगलवार को होने वाले शाही स्नान में कम नजर आएगी। सोशल डिस्टेंसिंग से लेकर कोविड-19 के नियमों का पालन कराने पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती होगी। हालांकि मेला आईजी संजय गुंज्याल ने दावा किया है कि गाइड लाइन का पूरी तरह पालन कराया जाएगा।

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