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कोरोना फर्जी जांच:कुंभ हरिद्वार में फेक टेस्टिंग पर GST-ED ने भी कसा शिकांजा, जानिए क्यों ?

कुंभ हरिद्वार के दौरान कोरोना जांच में हुए घोटाले के मामले में वस्तु एवं सेवा कर विभाग के साथ ही प्रवर्तन निदेशालय भी कर चोरी की गोपनीय जांच शुरू कर सकता है, ताकि इस बात का पता लगाया जा सके कि...

 कोरोना फर्जी जांच:कुंभ हरिद्वार में फेक टेस्टिंग पर GST-ED ने भी कसा शिकांजा, जानिए क्यों ?
हिन्दुस्तान टीम, हरिद्वा। तनुज वालियाSun, 20 Jun 2021 10:07 AM
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कुंभ हरिद्वार के दौरान कोरोना जांच में हुए घोटाले के मामले में वस्तु एवं सेवा कर विभाग के साथ ही प्रवर्तन निदेशालय भी कर चोरी की गोपनीय जांच शुरू कर सकता है, ताकि इस बात का पता लगाया जा सके कि सीएंडएफ से क्या वास्तव में उतनी टेस्टिंग किट खरीदी गई हैं जितने टेस्ट जिले में दिखाए गए। जिले में अब तक स्वास्थ्य विभाग की ओर से 16 लाख 10 हजार 613 लोगों के कोरोना सैम्पल लिए जा चुके हैं जिनमें से 15 लाख से ज्यादा लोग नेगेटिव आने का दावा स्वास्थ्य विभाग करता है। इसका मतलब जिले में 16 लाख से अधिक टेस्टिंग किट बिकी होंगी, इनमें से करीब 5 लाख टेस्ट सरकारी लैब, जबकि बाकी के टेस्ट निजी लैब द्वारा किये गए। 

सूत्र बताते हैं कि अब वस्तु एवं सेवा कर के साथ प्रवर्तन निदेशालय को गुप्त शिकायत मिली है कि जितने टेस्ट दिखाए जा रहे हैं उतने टेस्टिंग किट की खरीद ही नहीं हुई है। यदि खरीद हुई है तो उसका जीएसटी का भुगतान नहीं किया गया, चूंकि टेस्टिंग किट खुली ही नहीं हैं। अधिकारी अब प्रदेश की उन चार बड़ी सीएण्डएफ से पूछताछ की तैयारी कर रहे हैं जिन्होंने यह टेस्टिंग किट सप्लाई की थी। यदि वास्तव में किट बिकी और टेस्ट हुए हैं तो उसका जीएसटी सरकार को मिला या नहीं।  जांच में यदि यह साफ हो जाता है कि बिना टेस्टिंग किट खरीदे ही टेस्ट कर दिए गए तो कई बेनकाब हो सकते हैं।

12 फीसदी जीएसटी लिया जाता है जांच किट पर 
कोरोना जांच किट पर 6 प्रतिशत एसजीएसटी और 6 प्रतिशत सीजीएसटी अभी तक वसूला जा रहा था। जिसने इस किट को बेचा होगा उसके पास खरीदने वाले कि पूरी जानकारी होगी, साथ ही खरीदने वाले के पास भी यह जानकारी उपलब्ध होगी कि किट किसे लगाई गई। यदि टेस्टिंग की संख्या और जीएसटी विभाग में किट की बिक्री के आंकड़े मेल नहीं खाते तो कई लोगों की परेशानी बढ़ सकती है।

विभाग के संज्ञान में यह मामला आया है। जिसकी जांच कराई जाएगी। यदि किसी ने किट बेची हैं तो उसे उस पर लगने वाले कर का भुगतान भी करना होगा। यदि ऐसा नहीं हुआ है तो पेनल्टी के साथ वसूली की जाएगी। 
अजय सिंह, ज्वाइंट कमिश्नर, वस्तु एवं सेवा कर  

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