रोडवेज को 69 करोड़ बकाये का भुगतान दिवाली से पहले करें सरकार : HC
हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को परिवहन निगम के 69 करोड़ रुपये के बकाये का भुगतान दिवाली से पहले करने के आदेश दिए हैं। अदालत ने रोडवेज कर्मचारी यूनियन की जनहित याचिका पर मंगलवार को सुनवाई की। कोर्ट ने...
हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को परिवहन निगम के 69 करोड़ रुपये के बकाये का भुगतान दिवाली से पहले करने के आदेश दिए हैं। अदालत ने रोडवेज कर्मचारी यूनियन की जनहित याचिका पर मंगलवार को सुनवाई की। कोर्ट ने प्रदेश के वित्त सचिव और परिवहन सचिव को यह भुगतान सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सौंपी है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की संयुक्त खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की।
रोडवेज कर्मचारी यूनियन की ओर से इस मामले में दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि सरकार समय पर वेतन और अन्य भुगतान नहीं कर रही है। सेवानिवृत्त कर्मचारी देयकों के लिए दफ्तरों के चक्कर लगाने के लिए मजबूर हैं। सरकार और परिवहन निगम प्रशासन के साथ आंदोलन के बाद हुए समझौते पर अमल नहीं हो रहा है।
इधर, सरकार को शांतिपूर्वक आंदोलन का नोटिस दिया गया, लेकिन सरकार उनके खिलाफ 'एस्मा' लगाने की चेतावनी दे रही है, जोकि नियमविरुद्ध है। याचिका में कहा है निगम का प्रदेश सरकार पर 88 करोड़ रुपये का बकाया है। वहीं उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के स्तर पर लंबित 800 करोड़ रुपये की राशि अभी तक उत्तराखंड परिवहन निगम को नहीं मिली है।
नि:शुल्क सेवाओं का निगम को भुगतान नहीं
सुनवाई के दौरान परिवहन निगम की यूनियन की ओर से सरकार के स्तर से चल रही नि:शुल्क सेवा की जानकारी दी गई। कहा कि मेरे बुजुर्ग मेरे तीर्थ, दिव्यांग, सीनियर सिटीजन और आपदा के समय परिवहन निगम से ली जा रही सेवा का सरकार नियमानुसार भुगतान नहीं कर रही है। रक्षाबंधन में बहनों के लिए फ्री बस सेवा के साथ ही चुनाव ड्यूटी का भुगतान भी नहीं किया जा रहा है। इसके चलते निगम की माली हालत खस्ता हो गई है। सरकार पर बन रहे 88 करोड़ के बकाये में से मात्र 19 करोड़ रुपये ही परिवहन निगम को दिए गए हैं। शेष 69 करोड़ रुपये का भुगतान लंबित चल रहा है। सचिव परिवहन की ओर से भी अदालत को बताया गया कि गत 16 अक्तूबर को सरकार को निगम के 69 करोड़ रुपये बकाये की जानकारी दी गई थी।
पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने की थी तल्ख टिप्पणी
अदालत ने पिछली सुनवाई में राज्य सरकार को निगम कर्मचारियों के तीन माह से रुके वेतन के लिए धनराशि अवमुक्त करने का आदेश दिया था। 26 सितंबर को हुई सुनवाई में इसके लिए दो सप्ताह की समय सीमा तय की थी। इस पर सरकार की ओर से 19 करोड़ रुपये जारी किया गया। सोमवार को हुई सुनवाई में अदालत ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था कि आखिर रोडवेज कर्मचारी कब तक फ्री में गाड़ी चलाएंगे। इधर, मंगलवार को हुई सुनवाई में अदालत ने शेष बचे 69 करोड़ रुपये का भुगतान दिवाली से पहले करने के आदेश दिए हैं। वित्त सचिव और परिवहन सचिव से इस आदेश का पालन सुनिश्चित करने के आदेश दिये हैं।