प्रमोशन में आरक्षण को लेकर कर्मचारी आमने-सामने
राज्य के सरकारी महकमों में प्रमोशन में आरक्षण को लेकर कर्मचारी संगठन आमने-सामने आ गए हैं। एक ओर, अखिल भारतीय समानता मंच ने प्रमोशन में आरक्षण किसी सूरत में स्वीकार नहीं करने का ऐलान कर दिया है तो...
राज्य के सरकारी महकमों में प्रमोशन में आरक्षण को लेकर कर्मचारी संगठन आमने-सामने आ गए हैं। एक ओर, अखिल भारतीय समानता मंच ने प्रमोशन में आरक्षण किसी सूरत में स्वीकार नहीं करने का ऐलान कर दिया है तो दूसरी ओर, उत्तराखंड एससी-एसटी इम्प्लॉइज फेडरेशन ने भी आरक्षण का लाभ जल्द नहीं दिए जाने पर सरकार को आंदोलन की चेतावनी दे डाली है।
समानता मंच सड़क से कोर्ट तक लड़ेगा लड़ाई
प्रमोशन में आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अखिल भारतीय समानता मंच ने मुहिम तेज कर दी है। उसने यह साफ कर दिया है कि पदोन्नति में आरक्षण को किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जाएगा। इसके लिए सड़क से कोर्ट तक लड़ाई लड़ी जाएगी। जोगीवाला चौक के पास एक वेडिंग प्वॉइंट में आयोजित हुई बैठक में सरकारी कर्मचारियों के साथ सामाजिक संगठनों के लोग भी इकट्ठा हुए। राष्ट्रीय सचिव विनोद नौटियाल ने कहा कि हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल कर दी गई है और सरकार पर भी दबाव बनाया जा रहा कि वो अपनी ओर से भी इस मामले में उचित पैरवी करे।
इस बैठक की अध्यक्षता करते हुए वीरेंद्र सिंह रावत ने कहा कि पदोन्नति में आरक्षण को खत्म करने के लिए सवर्णों को कानूनी-राजनीतिक लड़ाई के लिए तैयार रहना होगा। उन्होंने कहा कि सवर्ण समाज को मजबूत राजनीतिक विकल्प बनना होगा। नोटा से कई राज्यों में ताकत का अहसास भी कराया गया है। आर्थिक आधार पर पिछड़े सवर्णों को दस प्रतिशत आरक्षण के साथ उज्ज्वला योजना में भी गरीब सवर्णों को जोड़ना इसी का नतीजा रहा। सचिवालय संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी और कर्मचारी नेता पंचम बिष्ट ने कहा कि राज्य से चुने जाने वाले सांसद और मंत्री-विधायकों के समक्ष पक्ष रखा जाएगा। समानता मंच आरक्षित वर्ग को प्रतिभाशाली बनाने के पक्ष में है, लेकिन आरक्षण के जरिए अयोग्यता को योग्यता के ऊपर हावी होने नहीं दिया जाएगा। इस दौरान तय किया गया कि न्यायिक लड़ाई के साथ सड़क पर भी इस मुहिम को तेज किया जाएगा। इस मौके पर डीएस सरियाल, नरेंद्र सिंह बिष्ट, श्याम लाल शर्मा, वीपी नौटियाल, एलपी रतूड़ी, रीता कौल, यशपाल सिंह, केसर सिंह रावत, पवन रावत, यशवंत रावत, एलपी रतूड़ी, डीसीएस बिष्ट, बलवीर भंडारी, चमनलाल असवाल, एसपीएस देवड़ा और उर्मिला कठैत मौजूद रहे।
नया फेडरेशन बनाएंगे
इस दौरान सुझाव दिया गया कि सामान्य एवं ओबीसी वर्ग के कर्मचारियों का नया फेडरेशन बनाया जाए। सभी लोगों ने एक सुर में इसका समर्थन किया। यही नहीं, दूसरी ओर अखिल भारतीय समानता मंच ने सदस्यता अभियान भी तेज कर दिया है। यह मंच न सिर्फ सरकारी कर्मचारी, बल्कि सामाजिक संगठनों से जुड़े लोगों को भी अपने साथ जोड़ रहा है।
आरक्षण न मिला तो आंदोलन करेंगे
प्रमोशन में आरक्षण का लाभ देने में हो रहे विलंब पर उत्तराखंड एससी-एसटी इम्प्लॉइज फेडरेशन ने नाराजगी जताई। सरकार को दो टूक चेतावनी दी गई कि पदोन्नति में आरक्षण का लाभ न मिला तो वो आंदोलन झेलने को तैयार रहे। सेवलाकलां स्थित अंबेडकर भवन में हुई बैठक में हाईकोर्ट के आदेश पर चर्चा की गई। अध्यक्ष करम राम ने कहा कि हाईकोर्ट के एक अप्रैल 2019 के आदेश को लागू किया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने नागराजा प्रकरण में तीन शर्तें निर्धारित की थीं। इस पर सरकार ने इंदु कुमार पांडे कमेटी का गठन कर दिया। उन्होंने कहा कि इस कमेटी को पूरा प्रतिनिधित्व, पिछड़ापन और दक्षता से जुड़े आंकड़े एकत्र कर रिपोर्ट देनी थी, जो अब तक सार्वजनिक नहीं की गई। इसके बाद जस्टिस इरशाद हुसैन कमेटी का गठन किया गया। इसकी रिपोर्ट भी सार्वजनिक नहीं हुई। अब मुख्य सचिव बिना कोई देरी हाईकोर्ट का आदेश तुरंत लागू करवाएं। जब तक इस बारे में कोई स्पष्ट आदेश नहीं होता, किसी भी पद पर डीपीसी न की जाए। हाईकोर्ट के आदेश लागू नहीं होंगे तो एससी-एसटी कार्मिक बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। राज्य सरकार क्यों करेगी अपील: फेडरेशन ने साफ किया कि हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ राज्य सरकार क्यों पुनर्विचार याचिका दाखिल करेगी। अध्यक्ष करम राम ने कहा कि जब पूर्व में फैसला आरक्षित वर्ग के कर्मचारियों के खिलाफ आया, तब कौन-सा सरकार ने पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी।
प्रवक्ता प्रमोशन में भी मांगा आरक्षण
एससी-एसटी शिक्षक एसोसिएशन ने एलटी से प्रवक्ता कैडर में होने जा रहे 1949 प्रमोशनों में भी आरक्षण मांगा। प्रांतीय महामंत्री जितेंद्र बुटोइया ने कहा कि प्रमोशन लिस्ट करीब-करीब तैयार हो चुकी है। डीपीसी भी शुरू होने जा रही है। मगर, प्रमोशन में आरक्षण पर सरकार में असमंजस से आरक्षित वर्ग के शिक्षकों को लाभ नहीं मिल पाएगा।