राज्य में कोरोना संक्रमण में कमी के बाद कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित किये गए कोविड अस्पतालों को पूरी तरह खोलने की तैयारी शुरू हो गई है। एक फरवरी से इन अस्पतालों में सामान्य मरीजों को भी इलाज के लिए भर्ती करना शुरू कर दिया जाएगा। इससे राज्य के आम नागरिकों को बड़ी राहत मिलेगी। विदित है कि राज्य में कोरोना मरीजों के इलाज के लिए पिछले वर्ष अप्रैल में 15 बड़े अस्पतालों को डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल घोषित कर दिया गया था। इन अस्पतालों में सिर्फ कोरोना मरीजों के इलाज व उन्हें भर्ती करने की ही इजाजत थी।
जबकि अन्य मरीजों के इलाज पर रोक लगा दी गई थी। संक्रमण में कमी आने के बाद पहले सरकार की ओर से ओपीडी सेवाओ को शुरू किया गया और अब इन अस्पतालों में आईपीडी सेवाओं को भी शुरू किया जा रहा है। राज्य में कोरोना ट्रीटमेंट और प्रोटोकॉल के लिए बनी समिति की बैठक में इस पर सहमति बन चुकी है। इधर राज्य के स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने भी इसकी पुष्टि की। उन्होंने कहा कि कोविड अस्पतालों को धीरे धीरे आम मरीजों के लिए खोलने का निर्णय लिया गया है।
अस्पताल का एक ब्लॉक आरक्षित रहेगा
राज्य में कोरोना मरीजों की संख्या में कमी जरूर आई है लेकिन अभी कोरोना संक्रमण पूरी तरह खत्म नही हुआ है। ऐसे में कोविड अस्पतालों का एक ब्लॉक कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित रहेगा। इस ब्लॉक में ही कोविड मरीजों को भर्ती कर इलाज किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि कोरोना की वजह से अन्य मरीज अब सफर न करें इसके लिए अस्पतालों को खालने का निर्णय लिया गया है।
राज्य के आम लोगों को बड़ी राहत
दून, हल्द्वानी, श्रीनगर मेडिकल कॉलेज अस्पतालों सहित कई जिला अस्पतालों के बंद होने से आम मरीज खासे परेशान थे। इस वजह से लोगों को प्राइवेट अस्पतालों में इलाज को जाना पड़ रहा था। जबकि कोई लोग अपने इलाज या ऑपरेशन को टाल रहे थे। राज्य के बड़े सरकारी अस्पतालों में भर्ती होने की सुविधा मिलने से अब ऐसे लोग अपना इलाज करा सकेंगे।
राज्य में घोषित 15 डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल
बागेश्वर, चमोली, चंपावत, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग, यूएस नगर, टिहरी और उत्तरकाशी के जिला अस्पताल, अल्मोड़ा बेस अस्पताल, दून मेडिकल कॉलेज, मेला अस्पताल हरिद्वार, सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी, बीडी पांडे अस्पताल नैनीताल, बेस अस्पताल कोटद्वार, श्रीनगर मेडिकल कॉलेज।