महाकुंभ:तीर्थनगरी ऋषिकेश में पक्के घाट से दूर बहेगी गंगा नदी की मुख्य धारा
आगामी कुंभ में गंगा की मुख्य धारा पक्के घाट से दूर रहेगी। हरकी पौड़ी हरिद्वार की तर्ज पर विकसित करने की योजना को इस बार भी हरीझंडी नहीं मिली है। सिंचाई विभाग ने कुंभ मेले के मद्देनजर को धरातल में...
आगामी कुंभ में गंगा की मुख्य धारा पक्के घाट से दूर रहेगी। हरकी पौड़ी हरिद्वार की तर्ज पर विकसित करने की योजना को इस बार भी हरीझंडी नहीं मिली है। सिंचाई विभाग ने कुंभ मेले के मद्देनजर को धरातल में उतारने को 12.50 करोड़ का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा था।
तीर्थनगरी ऋषिकेश में दशकों से त्रिवेणीघाट पर दूर होती गंगा की मुख्य जलधारा को पक्के घाट के समानांतर लाने की मांग मुखर है। पहले नगर पालिका और अब नगर निगम की बोर्ड बैठक में भी यह मुद्दा हावी रहा। कार्यदायी संस्था सिंचाई विभाग बजट के अभाव में गंगा की मुख्य जलधारा को पक्के घाट तक नहीं ला पा रहा है।
विभाग एक दशक में 5 बार शासन को प्राकलन तैयार कर भेज चुका, लेकिन वित्तीय स्वीकृति नहीं मिली। इस बार कुंभ को देखते हुए सिंचाई विभाग ने सर्वे और अन्य तकनीकी कार्रवाई की। दूर होती गंगा की जलधारा को पक्के घाट के समानांतर निर्बाध गति से बहने के लिए अनुमानित 12.50 करोड़ का इस्टीमेट तैयार कर शासन को भेजा। ताकि इस बार कुंभ में गंगा की जलधारा पक्केघाट से बहे।
कुंभ मेला को देखते हुए इस बार प्रस्ताव को हरीझंडी मिलने की उम्मीद थी, लेकिन अभी तक मंजूरी नहीं मिली है। यदि अब स्वीकृति मिलती भी है तो गंगा की मुख्यधारा को पक्के घाट तक नहीं लाया जा सकेगा।
अनुभव नौटियाल, एसडीओ, सिंचाई विभाग