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कोरोना फोबिया: दहशत में पहुंचे अस्पताल लेकिन सामान्य बुखार व फ्लू निकला

कोरोनाकाल में कोरोना को लेकर उपजे भय से लोग परेशान है। जरा सा बुखार, नजला होने पर लोग बड़ी संख्या में दून एवं कोरोनेशन अस्पताल में संचालित फ्लू ओपीडी में पहुंच रहे हैं। यहां पर डाक्टर जब उनसे पूछताछ...

कोरोना फोबिया: दहशत में पहुंचे अस्पताल लेकिन सामान्य बुखार व फ्लू निकला
हिन्दुस्तान टीम, देहरादून। चांद मोहम्मद Tue, 04 Aug 2020 06:43 PM
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कोरोनाकाल में कोरोना को लेकर उपजे भय से लोग परेशान है। जरा सा बुखार, नजला होने पर लोग बड़ी संख्या में दून एवं कोरोनेशन अस्पताल में संचालित फ्लू ओपीडी में पहुंच रहे हैं। यहां पर डाक्टर जब उनसे पूछताछ करते हैं तो ये सामान्य मौसमी बीमारी निकलती है, वहीं जांच में भी कोरोना की पुष्टि नहीं हो रही हैं।

कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ने पर दून और कोरोनेशन अस्पताल में बुखार, खांसी, सांस एवं नजला होने वाले मरीजों के लिए अलग से फ्लु ओपीडी का संचालन शुरू किया गया। दून अस्पताल में पांच और कोरोनेशन अस्पताल में तीन माह से फ्लू ओपीडी संचालित की जा रही हैं।

दून अस्पताल में अब तक 10,847 मरीज और कोरोनेशन में 1400 मरीज ओपीडी में डाक्टरों ने देखे हैं। इनमें से अधिकांश रूटीन दवाई एवं उनकी काउंसिलिंग के बाद ही वो ठीक हो गये। दून अस्पताल में केवल 247 लोगों की जांच करानी पड़ी।

जिन्हें ज्यादा दिक्कत थी, उनमें से भी केवल 51 लोगों को ही संक्रमण की पुष्टि हुई है। जो कुल पहुंचे मरीजों का केवल चार फीसदी है, ये एक सुखद स्थिति है। दून अस्पताल में फ्लू ओपीडी के प्रभारी डा. धवल गिटोचा कहते है कि ओपीडी में बुखार, खांसी, जुकाम और सांस की समस्या लेकर मरीज आ रहे हैं।

वह बहुत ज्यादा डरे हुए होते हैं कि उन्हें कोरोना तो नहीं है। जबकि अधिकांश को ये मौसमी बुखार या फ्लू होता है। उन्हें पांच से दस दिन की दवा दी जाती है। उनमें से ज्यादातर ठीक हो रहे हैं, बहुत ज्यादा दिक्कत वाले मरीजों को भर्ती कर जांच कराई जाती है। पुष्टि होने पर उन्हें संक्रमित वार्ड में शिफ्ट किया जाता है। 
 

कोरोनेशन अस्पताल में 1400 मरीज पहुंचे 
कोरोनेशन अस्पताल में मई माह में कंटेनरनुमा फ्लू ओपीडी शुरू की गई। फ्लू ओपीडी जिम्मेदारी देख रही ईएमओ डा. आयुषी कंडारी और ईएमओ डा. मनीष शर्मा बताते है कि यहां पर तीन माह में 1400 मरीज ओपीडी में देखे गये। जिन्हें सामान्य बुखार या फ्लू होता, उन्हें दवा दी जा रही है। कोरोना के लक्षण दिखाई देने पर उन्हें दून अस्पताल की फ्लू ओपीडी भेज दिया जाता है। जहां पर कोरोना की जांच की जाती है। 

युवा डाक्टरों ने बेहतरीन काम किया 
दून अस्पताल के डिप्टी एमएस डा. एनएस खत्री, डा. मनोज शर्मा, कोरोनेशन अस्पताल की प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डा. भागीरथी जंगपांगी कहती है कि फ्लू ओपीडी में युवा डाक्टरों ने बेहतरीन कार्य किया। जोखिम भरे कार्य को बिल्कुल निडरता और एहतियात के साथ किया। फ्लू ओपीडी में स्क्रीनिंग के बाद मरीजों की काउंसिंलग आदि से मरीजों का भय दूर किया गया। 
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दून अस्पताल की फ्लू ओपीडी में आए मरीज 
मार्च   1566
अप्रैल  1224
मई     5191
जून    1742
जुलाई 1077
अगस्त 47 (दो अगस्त तक)

कुल मरीज 10,847
भर्ती मरीज 247
संक्रमित पाए गए 51

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